भारत पर 50 फीसदी अमेरिकी टैरिफ का सीधा असर दिखाई देने लगा है. भारत का एक्सपोर्ट गिर रहा है, मई से ही इसके भारत के अमेरिकी निर्यात में कमी आई है. एक्सपर्ट बता रहे हैं कि यह गिरावट अमेरिकी मार्केट में भारतीय वस्तुओं के दाम में बढ़ोतरी के कारण हुआ है. टैरिफ लगने के बाद अमेरिका में भारतीय वस्तुओं की डिमांड में गिरावट आई है.
थिंक टैंक GTRI ने बुधवार को कहा कि ट्रंप सरकार की ओर से लगाए गए हाई टैरिफ के कारण अमेरिका में घरेलू वस्तुओं की कीमत कम होने लगी है, जिससे भारत का अमेरिका का निर्यात गिर रहा है.
रिपोर्ट के अनुसार, अगस्त में अमेरिका का निर्यात 6.7 अरब अमेरिकी डॉलर तक गिर गया, जो जुलाई की तुलना में 16.3 प्रतिशत कम है और 2025 की सबसे बड़ी मंथली गिरावट है, क्योंकि महीने के अंत तक अमेरिकी टैरिफ दोगुना होकर 50 फीसदी हो गए.
पिछले 4 महीने में कैसा रहा भारत का यूएस एक्सपोर्ट
जुलाई में एक्सपोर्ट जून के मुकाबले 3.6 प्रतिशत घटकर 8 अरब डॉलर रह गया. जून महीने में भी मई की तुलना में 5.7 प्रतिशत की गिरावट के साथ 8.3 अरब डॉलर था. मई 2025 ग्रोथ का आखिरी महीना था, क्योंकि अमेरिका को निर्यात अप्रैल की तुलना में 4.8 प्रतिशत बढ़कर 8.8 अरब अमेरिकी डॉलर हो गया था. जबकि अप्रैल में अमेरिका को एक्सपोर्ट 8.4 अरब अमेरिकी डॉलर रहा.
भारत पर 50 फीसदी टैरिफ क्यों?
अमेरिका ने भारत पर 7 अगस्त को 25 फीसदी टैरिफ लगाया था. फिर ट्रंप ने इसे बढ़ाकर 27 अगस्त से 50 फीसदी कर दिया. अमेरिका ने रूसी तेल खरीद को लेकर भारत पर एक्स्ट्रा 25 फीसदी टैरिफ का बोझ डाला है. अमेरिका का भारत पर आरोप लगा रहा है कि भारत रूसी तेल खरीदकर युद्ध में रूस की मदद कर रहा है. हालांकि भारत ने इस आरोप को गलत बताया है.
भारत के लिए कितना बड़ा संकट?
अमेरिका ने फार्मास्यूटिकल्स और स्मार्टफोन सहित भारत के करीब 1 तिहाई निर्यात टैरिफ फ्री हैं. एक्सपर्ट ने कहा कि टेक्सटाइल, ज्वेलरी, चमड़ा, झींगा और कालीन जैसे सेक्टर्स ज्यादा तनाव में हैं और आगे इसने के लिए और भी संकट बढ़ सकता है. क्योंकि अमेरिका इन वस्तुओं के ग्लोबल एक्सपोर्ट का 30 से 60 फीसदी या उससे ज्यादा हिस्सा एक्सपोर्ट करता है.
जीटीआरआई के अनुमान के अनुसार, अगर वित्त वर्ष 2026 के अंत तक 50 प्रतिशत टैरिफ बना रहता है, तो भारत को अमेरिकी निर्यात में 30-35 बिलियन अमरीकी डालर का नुकसान हो सकता है. यह एक बड़ा झटका है, क्योंकि भारत के माल निर्यात का लगभग 20 प्रतिशत अमेरिका के पास है.
—- समाप्त —-