अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप अपनी पत्नी मेलानिया ट्रंप के साथ दो दिवसीय स्टेट विजीट पर ब्रिटेन पहुंचे हैं. पत्नी मेलानिया के साथ ट्रंप का यह दूसरा ब्रिटेन दौरा है. पहले दौरे में उनका स्वागत दिवंगत क्वीन एलिजाबेथ द्वितीय ने किया था. इस बार ब्रिटेन के किंग चार्ल्स विंडसर कैसल में राष्ट्रपति ट्रंप और फर्स्ट लेडी की मेजबानी करेंगे. अपने इस दूसरे दौरे से मेलानिया काफी खुश हैं क्योंकि उनका पहला दौरा व्यक्तिगत तौर पर अच्छा नहीं रहा था.
मेलानिया के करीबी सूत्रों ने बताया कि इस बार वो अपने दौरे को लेकर काफी उत्साहित हैं क्योंकि पिछली बार उनकी सौतेली बेटी इवांका और उनके पति भी साथ गए थे जिससे वो जल-भुन गई थीं. मेलानिया नहीं चाहती थीं कि जब वो ट्रंप के साथ महारानी एलिजाबेथ से मिले तो इवांका और उनके पति साथ जाएं. इस दौरान इवांका के रवैये से वो बहुत नाराज हुई थीं.
ट्रंप की पहली बेटी इवांका और उनके पति जेयर्ड कुशनर राष्ट्रपति ट्रंप के पहले कार्यकाल में उनके प्रमुख सलाहकार थे. लेकिन अब वो आधिकारिक तौर पर ट्रंप को सलाह नहीं दे रहे हैं और 2019 की तरह बकिंघम पैलेस भी नहीं जा रहे हैं.
इवांका के ‘रास्ते से हटने’ को लेकर खुश हैं मेलानिया
ट्रंप और उनकी पहली पत्नी इवाना की दूसरी संतान इवांका ने राजनीति से दूरी बना ली है और वो अपने तीन बच्चों को पालने में बिजी हैं. इवांका के व्हाइट हाउस से दूर होने और इस बार ब्रिटेन दौरे पर न जाने को लेकर मेलानिया बहुत खुश हैं.
ब्रिटिश अखबार ‘डेली मेल’ से बात करते हुए मेलानिया के करीबी ने कहा, ‘इस बार उनके लिए कोई कांटा नहीं है. लोग पीक मेलानिया के लिए तैयार रहें- यानी मेलानिया का वो रूप, जब वो पूरी तरह आत्मविश्वास और शान के साथ मंच पर होंगी.’
बुधवार को राष्ट्रपति के साथ कई प्रोग्राम्स में शामिल होने के बाद, मेलानिया गुरुवार को अकेले महारानी के साथ मुलाकात करेंगी. इसके बाद वो विंडसर में प्रिंसेस ऑफ वेल्स केट मिडलटन से मिलेंगी.
मेलानिया की सौतेली बेटी से दुश्मनी
मेलानिया की जीवनी लिखने वाली पुलित्जर पुरस्कार विजेता इतिहासकार मैरी जॉर्डन कहती हैं, ‘मेलानिया की जिंदगी से सौतेले बच्चे चले गए हैं.’
द आर्ट ऑफ हर डील: द अनटोल्ड स्टोरी ऑफ मेलानिया ट्रंप की लेखिका जॉर्डन के अनुसार, 55 वर्षीय मेलानिया की 43 साल की इवांका से गहरी दुश्मनी थी और वो लगातार उसे नीचा दिखाने की कोशिश करती थी.
व्हाइट हाउस के एक प्रवक्ता ने बताया है कि ट्रंप की बेटी टिफनी और उनके पति माइकल बुलोस राष्ट्रपति के साथ ब्रिटेन गए हैं लेकिन इसके अलावा कोई और पारिवारिक शख्स ट्रंप के स्टेट विजीट प्रोग्राम्स में हिस्सा नहीं लेगा.
मैरी जॉर्डन कहती हैं, ‘इवांका हमेशा से ही जगह पाने की होड़ में रहती थीं और मेलानिया अपनी जगह चाहती थीं. मेलानिया को दूसरी फर्स्ट लेडी की जरूरत नहीं थी जो कि इवांका बन बैठी थीं.’
मेलानिया ने गुस्से में इवांका को राजकुमारी कहा था
मेलानिया की पूर्व व्हाइट हाउस चीफ ऑफ स्टाफ और प्रेस सचिव स्टेफनी ग्रिशम के अनुसार, 2019 में ट्रंप की ब्रिटेन की पहली स्टेट विजीट ने दोनों के बीच भारी दुश्मनी पैदा कर दी थी.
ग्रिशम ने अपने संस्मरण में बताया है कि कैसे इवांका और उनके पति ने महारानी एलिजाबेथ की तरफ से आजोयित बकिंघम पैलेस स्वागत समारोह में राष्ट्रपति और प्रथम महिला के साथ आने के लिए पैरवी की थी, जबकि प्रोटोकॉल के अनुसार उन्हें बाकी स्टाफ के साथ पहुंचना था.
मेलानिया जो नियमों के तहत चलने के लिए जानी जाती हैं, और हर विदेश यात्रा से पहले काफी रिसर्च करती हैं, इवांका के रवैये से कथित तौर पर परेशान थीं. ग्रिशम ने लिखा, ‘मेलानिया ने इवांका का विरोध किया था. उन्होंने कहा था कि यह सही नहीं है… इसमें सिर्फ राष्ट्रपति और मैं ही शामिल होने चाहिए.’
ग्रिशम आगे लिखते हैं, ‘पहले तो मुझे इसका एहसास नहीं हुआ, लेकिन अगले कुछ दिनों में मुझे आखिरकार समझ में आ गया कि क्या हो रहा है- इवांका और उनके पति को लगता था कि वो अमेरिका के शाही परिवार हैं- यूनाइटेड किंगडम में विलियम और केट के लेवल के.’
प्रथम महिला और ग्रिशम ने कथित तौर पर इवांका के इस रवैये के कारण गुस्से में उन्हें ‘राजकुमारी’ उपनाम भी दिया था. 2019 के ब्रिटेन दौरे में मेलानिया और इवांका की दुश्मनी की अमेरिका में काफी चर्चा हुई थी.
ट्रंप के राष्ट्रपति बनने के बाद से ही मेलानिया और इवांका में रहा है तनाव
मेलानिया और उनकी सौतेली बेटी इवांका के बीच तनाव ट्रंप के पहले कार्यकाल के शुरुआती दिनों से ही है. दरअसल, ट्रंप के राष्ट्रपति बनने के बाद मेलानिया मैनहट्टन से वाशिंगटन डीसी शिफ्ट नहीं हुईं. उन्होंने फैसला किया कि वो 2017 की गर्मियों तक व्हाइट हाउस में शिफ्ट होंगी ताकि उनके 10 साल के बेटे बैरन को न्यूयॉर्क शहर में अपनी स्कूली पढ़ाई पूरा करने का मौका मिल सके.
इस दौरान इवांका अपने परिवार के साथ व्हाइट हाउस आ गईं और जनवरी 2017 से जून 2017 के बीच वहां रहीं. इस दौरान उन्होंने राष्ट्रपति भवन में उन्होंने खुद को स्थापित कर लिया.
इवांका ने कथित तौर पर यह भी रिक्वेस्ट किया था कि व्हाइट हाउस के ईस्ट विंग में पारंपरिक ‘फर्स्ट लेडी ऑफिस’ को ‘ऑफिस ऑफ द फर्स्ट फैमिली’ नाम दे दिया जाए.
एक अंदरूनी सूत्र ने बताया कि इस सुझाव से मेलानिया बेहद नाराज हो गई थीं. और ट्रंप ने जब अपना दूसरा कार्यकाल शुरू किया तो मेलानिया बेहद सतर्क हो गई थीं. दोनों महिलाओं से परिचित एक सूत्र ने कहा कि ‘इवांका हमेशा मेलानिया के लिए कांटा बनी रहेंगी.’
इवांका का अलग रास्ता, मेलानिया की बड़ी जीत
अब जब इवांका राजनीति से पूरी तरह बाहर हो गई हैं, मेलानिया को व्हाइट हाउस के कार्यक्रमों और अंतरराष्ट्रीय यात्राओं में अपनी भूमिका बिना किसी बाधा के निभाने का मौका मिल रहा है.
मेलानिया के एक करीबी ने कहा, ‘पहले इवांका हमेशा बीच में आती थीं, जैसे दूसरी फर्स्ट लेडी हों. अब वह दूर हैं, और मेलानिया पहली बार खुलकर चमक सकती हैं.’
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