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‘हम मुट्ठियां भीचेंगे…’, कौन है 36 साल का नौजवान सुदन गुरुंग जिसने नेपाली युवाओं के गुस्से को आंदोलन में बदल दिया – Sudan gurang Nepal gen z revolution agaist social media ban corruption ntcppl


सितंबर की एक उमस भरी सुबह को हजारों-लाखों नेपाली छात्र-छात्राएं ‘क्रांति’ की एक कॉल पर नेपाली देश भर के प्रमुख शहरों की सड़कों पर उमड़ पड़े. नेपाल का युवा भ्रष्टाचार, आर्थिक असमानता और कुप्रशासन के खिलाफ पहले ही सुलग रहा था. लेकिन सरकार ने जब 26 सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर पूरी तरह बैन लगा दिया तो फेसबुक, इंस्टा और यूट्यूब पर अपने सपने बुनने वाला ये युवा चिंगारी बनकर सड़क पर उमड़ पड़ा. 

देखते ही देखते नेपाल के प्रमुख शहरों की सड़कें रणक्षेत्र बन गईं. नेपाल पुलिस की फायरिंग में 20 लोग मारे गए. नेपाल के इन युवाओं को एक मंच पर लाने के लिए हामी नेपाल नाम का एक संगठन काम कर रहा था. इस संगठन के कर्ताधर्ता हैं सुदन गुरुंग. नेपाल की जेन-जी क्रांति का चेहरा बने 36 साल के सुदन गुरुंग ने नेपाली यूथ के गुस्से को एकदम सही समय पर भांप लिया. 

सुदन गुरुंग ने युवाओं के गुस्से का पहचाना, इसे प्लेटफॉर्म दिया और पूरे नेपाल में इसको अलग अलग नेटवर्क के जरिये पहुंचाया. इस आंदोलन को गति और दिशा देने वाला संगठन हामी नेपाल के संस्थापक और अध्यक्ष सुदन गुरुंग ही हैं. 
 
सुदन गुरुंग अपने आप को एक गैर-लाभकारी संगठन बताता है. यूं तो इसकी अनौपचारिक शुरुआत 2015 में हुई. लेकिन इसका रजिस्ट्रेशन 2020 में हुआ. 

एनजीओ के सोशल मीडिया पर 36 वर्षीय गुरुंग को एक एक्टिविस्ट बताया गया है. उन्होंने आपदा राहत, सामाजिक सेवाओं और आपातकालीन सहायता के लिए संसाधन जुटाने में एक दशक से अधिक समय बिताया है. ये संगठन अंतर्राष्ट्रीय फंडिंग लेती है, दान प्राप्त करती है और भौगोलिक रूप से नाजुक रहने वाले नेपाल में भूकंप, बाढ़ और भूस्खलन से प्रभावित लोगों की मदद करती है. 

सुदन गुरुंग ने 8 सितंबर के आंदोलन के लिए जेन-जी का आह्वान करते हुए अपने इंस्टाग्राम पोस्ट पर लिखा था, “भाइयो और बहनों सितंबर 8 सिर्फ दूसरा दिन ही नहीं है. ये वो दिन है जब हम नेपाल के युवा उठेंगे और कहेंगे- ‘अब पर्याप्त हो गया’.

आंदोलन के लिए जेन-जी को बुलाते हुए सुदन गुरुंग ने कहा, ये हमारा समय है, ये हमारी लड़ाई है, और ये हमसे, हम युवाओं से शुरू होता है.”

सुदन गुरंग की इंस्टापोस्ट.

सुदन गुरुंग ने भावपूर्ण और जोशीला आह्वान करते हुए अपने इंस्टा पोस्ट पर लिखा, “हम अपनी आवाज उठाएंगे, मुट्ठियां भीचेंगे, हम एकता की ताकत दिखाएंगे, उनको अपनी शक्ति दिखाएंगे जो नहीं झुकने का दंभ भरते हैं.”

मैसेज, मैनेज और हंगामा

सुदन गुरुंग ने 8 सितंबर के इस आंदोलन को भ्रष्टाचार के खिलाफ एक आंदोलन के रूप में प्रस्तुत किया और इसे सिर्फ सोशल मीडिया पर बैन के खिलाफ पनपे गुस्से से इतर बड़ा दायरा दिया. 

सुदन गुरुंग ने पहले इंस्टाग्राम और बाद में डिस्कॉर्ड और वीपीएन जैसे प्लेटफॉर्म्स का उपयोग करके हजारों युवा प्रदर्शनकारियों, जिनमें ज्यादातर छात्र थे, को एकजुट किया. 

उनकी 27 अगस्त, 2025 की पोस्ट, “अगर हम खुद को बदलें, तो देश खुद बदल जाएगा,” ने विशेषाधिकार और भ्रष्टाचार के खिलाफ सामूहिक कार्रवाई का आह्वान किया. सुदन गुरुंग ने देश के कुलीन वर्ग को निशाने पर लिया “नेपो बेबीज़” और राजनीतिक अभिजात्य वर्ग को निशाना बनाया. 

एक्टिविस्ट से पहले इवेंट मैनेजमेंट

सुदन गुरुंग एक्टिविस्ट बनने से पहले इवेंट मैनेजमेंट में सक्रिय थे और उनकी जिंदगी पार्टियों के इर्द-गिर्द थी.  2015 के नेपाल भूकंप ने उनके जीवन में एक नया मोड़ लाया. इसके बाद उन्होंने मानवीय कार्यों पर ध्यान केंद्रित किया. हामी नेपाल ने उनके नेतृत्व में आपातकालीन प्रतिक्रिया, आपदा राहत और सामाजिक अभियानों जैसे बचाव कार्य, रक्तदान अभियान और छात्रों और प्रवासियों के हितों के लिए काम किया. 

20 लोगों की मौत, गृह मंत्री का इस्तीफा, बैन वापस 

बता दें कि 8 सितंबर को जेन Z के नेतृत्व में हुआ विरोध प्रदर्शन हिंसक हो गया. इस दौरान नेपाल पुलिस की फायरिंग में 20 लोगों की मौत हो गई है जबकि 300 से अधिक घायल हुए हैं. प्रदर्शनकारी छात्र संसद भवन में प्रवेश कर गए और तोड़-फोड़ और हिंसा पर उतारू हो गए. इसके बाद पुलिस ने आंसू गैस, रबर बुलेट और गोलीबारी की. फिलहाल सरकार ने सोशल मीडिया से प्रतिबंध हटा लिया और जांच समिति गठित की है. फिलहाल  काठमांडू और अन्य शहरों में कर्फ्यू लागू है. लेकिन स्थिति अब नियंत्रण में है. घटना के बाद गृह मंत्री रमेश लेखक ने नैतिक आधार पर इस्तीफा दे दिया है.

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