0

‘भारत को टार्गेट कर अमेरिका को कमजोर…’, ट्रंप पर क्यों भड़के अमेरिकी सांसद? – us democratic senators criticize trump india tariff russia china threat ntcprk


अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अपने अहम सहयोगी भारत को लेकर जो नीति अपनाई है, अमेरिका में उसकी व्यापक आलोचना हो रही है. अमेरिका के तीन सीनियर डेमोक्रेटिक सांसदों ने सोमवार को कहा कि ट्रंप ने भारत जैसे सहयोगी को रूस और चीन की ओर धकेलकर अमेरिका की राष्ट्रीय सुरक्षा को कमजोर करने की कोशिश की है. उन्होंने कहा कि इससे रूस से लेकर उत्तर कोरिया तक, सत्तावादी नेताओं को प्रोत्साहन मिला है.

तीनों सांसदों की तरफ से जारी एक बयान में कहा गया, ‘राष्ट्रपति ट्रंप हमारी राष्ट्रीय सुरक्षा को कमजोर कर रहे हैं और दुनिया को और भी खतरनाक बना रहे हैं. वो घरेलू और वैश्विक मंच पर लगातार कमजोरी और लापरवाही का परिचय दे रहे हैं.’

यह बयान न्यूयॉर्क के सांसद ग्रेगरी डब्ल्यू. मीक्स, वाशिंगटन के एडम स्मिथ और कनेक्टिकट के सांसद जिम हिम्स की ओर से आया है. ये सांसद क्रमश: सदन की विदेश मामलों, सशस्त्र सेवाओं और खुफिया समितियों में रैंकिंग डेमोक्रेट हैं.

अमेरिका ने भारत को चीन, रूस की बांहों में धकेल

द हिंदू की एक रिपोर्ट के मुताबिक, बयान में तीनों सांसदों ने मिलकर ट्रंप की विदेश नीति की खूब आलोचना की. उन्होंने कहा कि ट्रंप प्रशासन यूक्रेन में युद्ध से सही तरीके से नहीं निपट रहा और अपने सहयोगियों के साथ भी इसका रुख सही नहीं है.

इस दौरान सांसदों ने इस बात की तीखी आलोचना की कि भारत जैसे सहयोगी पर भारी टैरिफ लगाकर अमेरिका का भारी नुकसान किया गया है. सांसदों ने चेतावनी दी कि इस तरह के कदम ‘भारत और अन्य देशों को रूस, चीन और उत्तर कोरिया की तरफ धकेल रहे हैं.’

पुतिन के लिए ट्रंप ने बिछाया रेड कार्पेट

डेमोक्रेट सांसदों ने रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ ट्रंप की शिखर वार्ता की भी आलोचना की. उन्होंने कहा, ‘अपने विनाशकारी शिखर सम्मेलन के दौरान व्लादिमीर पुतिन के लिए सचमुच रेड कार्पेट बिछाने से लेकर सहयोगियों और साझेदारों पर भारी टैरिफ लगाने तक… ट्रंप अमेरिका को कमजोर कर रहे हैं, उसे मजबूत नहीं बना रहे हैं.’

उन्होंने ट्रंप पर रूस की हां में हां मिलाने की आरोप लगाते हुए लिखा, ‘अपने प्रशासन की शुरुआत से ही, डोनाल्ड ट्रंप पुतिन की हां में हां मिलाते हैं और रूस के अन्यायपूर्ण और क्रूर आक्रमण के लिए राष्ट्रपति जेलेंस्की और यूक्रेन को ही जिम्मेदार ठहराते रहे हैं.’

सांसदों ने लिखा कि इसके नतीजे भी दिखने लगे हैं और रूस ने इसे देखते हुए अपनी आक्रामकता भी बढ़ा दी है. 

—- समाप्त —-