जब भी शरीर में बीमारी की जांच करने की बात आती है लोग सबसे पहले ब्लड टेस्ट या फिर मेडिकल चेकअप कराने जाते हैं. लेकिन क्या आप जानते हैं कि आपके शरीर की हेल्थ का आईना सिर्फ ब्लड टेस्ट या मेडिकल रिपोर्ट नहीं होती है. आपका पेशाब का रंग भी आपकी हेल्थ का उतना ही बड़ा राज खोलता है. हैरानी की बात है कि पेशाब का रंग आपको ये बता सकता है कि आप हाइड्रेटेड हैं या नहीं, आपकी किडनी कैसे काम कर रही हैं, यहां तक कि कुछ गंभीर बीमारियों का भी शुरुआती संकेत भी आपका पेशाब दे सकता है. है ना ये दिलचस्प? जी हां, पेशाब के रंग को समझना और इसके बारे में जानना बहुत ही दिलचस्प और जरूरी है.
इस विषय को गहराई से समझने के लिए Aajtak.in ने मुंबई के हिंदूजा हॉस्पिटल के कंसल्टेंट नेफ्रोलॉजिस्ट और ट्रांसप्लांट फिजीशियन डॉ. अयान डे और AIIMS भोपाल के यूरोलॉजिस्ट और असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. केतन मेहरा से बात की. हमने उनसे जानने की कोशिश कि नॉर्मल और हेल्दी यूरिन का असली रंग कैसा होता है? सुबह पेशाब का रंग बाकी दिन से गहरा क्यों दिखता है?, डिहाइड्रेशन पेशाब को कैसे बदलता है?, कौन-से खाने या ड्रिंक्स पेशाब का रंग नेचुरली बदल सकते हैं? चलिए जानते हैं.
पेशाब का रंग क्यों बताता है सेहत का हाल?
यूरोलॉजिस्ट डॉ. केतन मेहरा ने Aajtak.in को बताया, ‘पेशाब का रंग सिर्फ एक नॉर्मल शारीरिक प्रक्रिया नहीं है, बल्कि यह आपके शरीर की सेहत का आईना है. आमतौर पर पेशाब हल्का पीला या एम्बर/स्ट्रॉ (पुआल) रंग का होता है. इसका रंग यूरोक्रोम नामक एक नेचुरल पिगमेंट से आता है, जो खून में पाए जाने वाले हीमोग्लोबिन के टूटने से बनता है. डॉ. मेहरा कहते हैं कि रात में पानी नहीं पीने के कारण सुबह का पेशाब थोड़ा गहरा दिख सकता है और ये बिल्कुल नॉर्मल है. लेकिन अगर पेशाब के रंग में लगातार बदलाव आ रहा है तो ये कई बार किसी बीमारी या शरीर में पानी की कमी का संकेत हो सकता है.’
क्या दर्शाता है अलग-अलग रंग का पेशाब?
डॉ. केतन ने बताया, पेशाब का रंग शरीर की सेहत को दर्शाता है. सुबह पेशाब गहरा दिखना सामान्य है लेकिन अगर रंग में लगातार बदलाव हो तो यह पानी की कमी या किसी बीमारी का संकेत हो सकता है. जैसे,
हल्के पीले से गहरा पीला या नारंगी: हल्के पीले से गहरा पीला या नारंगी रंग पेशाब का सबसे नॉर्मल रंग है. इसका मुख्य कारण शरीर में पानी की कमी यानी डिहाइड्रेशन होता है. गर्मी के मौसम में पसीना ज्यादा आने या पानी कम पीने से पेशाब का रंग गहरा हो सकता है. अगर आप किसी बीमारी की दवा खाते हैं तो ये भी पेशाब को नारंगी या गहरे पीले रंग का बना सकती हैं. ऐसे में डॉ. केतन कहते हैं कि दिनभर पर्याप्त मात्रा में पानी पीना जरूरी है.
लाल या गुलाबी: अगर पेशाब का रंग लाल या गुलाबी हो तो आपको अलर्ट रहना चाहिए, क्योंकि ये पेशाब में खून आने का संकेत हो सकता है. पेशाब में खून आने की वजह किडनी स्टोन, यूरीन इंफेक्शन या कभी-कभी कैंसर जैसी गंभीर बीमारियां हो सकती हैं. लेकिन हमेशा घबराने की जरूरत नहीं है, क्योंकि चुकंदर, ब्लैकबेरी या लाल रंग वाले फूड्स खाने से भी पेशाब का रंग टेंपरेरी रूप से लाल हो सकता है. अगर लाल रंग बार-बार दिखे या पेशाब आने के वक्त दर्द हो, तो तुरंत डॉक्टर से सलाह लें.
भूरा: डॉ. मेहता के अनुसार पेशाब का कई बार भूरा भी हो सकता है, जो गंभीर बीमारी का संकेत हो सकता है. ये लिवर की समस्या जैसे हेपेटाइटिस, खून के टूटने की गड़बड़ी या कुछ दवाइयों के असर से हो सकता है. अगर पेशाब का रंग बार-बार भूरा दिखे, तो तुरंत मेडिकल चेकअप कराना जरूरी है.
हरा या नीला: हरे या नीले रंग का पेशाब बहुत ही कम किसी को आता है, लेकिन कभी-कभी हो सकते हैं. पेशाब ये रंग कुछ खास दवाइयों के असर, Pseudomonas नामक बैक्टीरिया के इंफेक्शन या कुछ मेटाबॉलिक बीमारियों की वजह से भी हो सकता है. अगर पेशाब का रंग ऐसा दिखाई दे, तो तुरंत डॉक्टर से जांच करानी चाहिए.
सफेद या धुंधला: अगर पेशाब सफेद या धुंधले रंग का आता है, तो ये किडनी या यूरिनरी ट्रैक्ट इंफेक्शन (UTI) का संकेत हो सकता है. कभी-कभी शरीर में कैल्शियम या फॉस्फेट की मात्रा ज्यादा होने से भी ऐसा हो सकता है. अगर पेशाब बार-बार धुंधला दिखे, तो इसे टेस्ट करवाना बहुत जरूरी है.
खाने-पीने से भी बदल सकता है पेशाब का रंग
डॉ. मेहरा बताते हैं कि हर बार पेशाब का रंग बदलना बीमारी का संकेत नहीं होता. कुछ खाने-पीने की चीजें भी इसका रंग बदल सकती हैं. वो कहते हैं जैसे चुकंदर पेशाब को लाल कर सकता है, गाजर हल्का नारंगी टोन दे सकती है और मल्टीविटामिन या विटामिन बी कॉम्प्लेक्स पेशाब को चमकीला पीला बना सकते हैं. लेकिन अगर पेशाब का रंग बार-बार एबनॉर्मल दिखे, उसमें खून आए या पेशाब करते समय दर्द और जलन के साथ हो, तो इसे नज़रअंदाज न करें और तुरंत नेफ्रोलॉजिस्ट (किडनी स्पेशलिस्ट) से जांच करवाएं.
कितना पानी पीना जरूरी?
ये बात हम पहले ही बता चुके हैं कि पेशाब के रंग पर हाइड्रेट और डिहाइड्रेट रहने का बहुत फर्क पड़ता है. डॉ. अयान डे के मुताबिक, एक हेल्दी व्यक्ति को हर दिन करीब 2 से 2.5 लीटर लिक्विड्स पीने चाहिए. 2 से 2.5 लीटर लिक्विड का मतलब है कि लगभग 8–10 गिलास पानी. इसमें सिर्फ सादा पानी ही नहीं, बल्कि सूप, फल और सब्जियों में मौजूद लिक्विड्स भी शामिल हैं. आपका पेशाब हल्का पीला या भूसे जैसा रंग का होना चाहिए. अगर यह गहरा पीला या एम्बर रंग का दिखे, तो इसका मतलब है कि आप पर्याप्त पानी नहीं पी रहे हैं और शरीर में पानी की कमी हो सकती है.
किडनी और यूरिनरी सिस्टम को हेल्दी रखने के टिप्स
डॉ. अयान डे ने किडनी और यूरिनरी सिस्टम को हेल्दी रखने के लिए कुछ टिप्स शेयर किए हैं.
- दिन भर पानी खूब पिएं, लेकिन एक बार में नहीं.
- बैलेंस्ड डाइट लें और ज्यादा नमक, प्रोसेस्ड फूड या ज्यादा प्रोटीन वाली डाइट कम से कम लें, क्योंकि ये किडनी पर दबाव डाल सकते हैं.
- पेन किलर्स ज्यादा खाने से बचें, खासकर अगर आपको डायबिटीज, हाई ब्लड प्रेशर या किडनी की समस्या है.
- तंबाकू और ज्यादा शराब ना पिएं क्योंकि इनसे मूत्राशय और किडनी के कैंसर का खतरा बढ़ जाता है.
- यूरिन इंफेक्शन से बचने के लिए साफ-सफाई बनाए रखें. नियमित रूप से हेल्थ चेकअप करवाएं, खासकर अगर आपको डायबिटीज, हाई ब्लड प्रेशर या किडनी की बीमारी की बीमारी है.
यूरिन टेस्ट की नॉर्मल रेंज समझें?
पेशाब की टेस्टिंग के वक्त सिर्फ रंग नहीं देखा जाता, बल्कि पीएच, प्रोटीन, ग्लूकोज और कई अन्य चीजें भी चेक की जाती हैं. अगर डॉक्टर आपको पेशाब को टेस्ट करने को कहते हैं, तो वो केवल रंग ही नहीं, बल्कि शरीर के कई लक्षणों को देख रहे होते हैं.
किस बात का रखें ध्यान?
पेशाब का रंग आपकी हेल्थ का एक आसान और असरदार इंडिकेटर है. पेशाब के रंग में हल्का बदलाव आमतौर पर नुकसानदायक नहीं होता, लेकिन अगर ये बार-बार असामान्य दिखे, तो इसे हल्की परेशानी समझने की गलती न करें. ऐसे में पेशाब के रंग पर ध्यान दें, पर्याप्त पानी पिएं और अगर कुछ अजीब लगे तो डॉक्टर से जरूर मिलें. अगर आपको यूरिन टेस्ट की रिपोर्ट को लेकर कोई शक है, तो किसी डॉक्टर को जरूर दिखाएं.
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