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शाहरुख नहीं मनोज बाजपेयी को म‍िलना चाह‍िए नेशनल अवॉर्ड, छ‍िड़ी बहस, क्या बोले एक्टर? – Manoj Bajpayee React losing National Award Shah Rukh Khan tmovg


71वें नेशनल फिल्म अवॉर्ड में बॉलीवुड सुपरस्टार शाहरुख खान को 2023 में आई उनकी फिल्म ‘जवान’ के लिए बेस्ट एक्टर का नेशनल अवॉर्ड मिला है. तीन दशक के सिनेमाई करियर में शाहरुख का ये पहला नेशनल अवॉर्ड है.  इसे लेकर अभी तक चर्चा बनी हुई है. आलोचकों ने जूरी के फैसले पर सवाल उठाए है. कुछ लोगों का ये कहना है कि शाहरुख की जगह ये अवॉर्ड एक्टर मनोज बाजपेयी को मिलना था.  अब इसे पर मनोज बाजपेयी का रिएक्शन सामने आया है. 

दरअसल सोशल मीडिया पर इस समय ये बहस छिड़ी हुई है कि शाहरुख खान की फिल्म जवान में परफॉर्मेंस कुछ खास नहीं थी, जबकि फिल्म ‘सिर्फ एक बंदा काफी है’ के लिए एक्टर मनोज बाजपेयी नेशनल अवॉर्ड के हकदार थे. अब इस पर मनोज बाजपेयी ने खुलकर बात की है.

मनोज बाजपेयी ने क्या कहा?
फिल्म ‘जुगनुमा- द फैबल’ को लेकर इस समय मनोज बाजपेयी चर्चा में बने हुए हैं. हाल ही में उन्होंने India Today को इंटरव्यू दिया. जिसमें उन्होंने शाहरुख को नेशनल अवॉर्ड दिए जाने के सवाल पर जवाब देते हुए कहा, ‘सोशल मीडिया पर इसे लेकर बेकार की बातें चल रही है क्योंकि ये चीज बीत चुकी है. फिल्म ‘सिर्फ एक बंदा काफी है’ मेरी फिल्मोग्राफी में बहुत खास फिल्म है और जोराम भी. ये मेरी फिल्मों में टॉप पर रहेगी. लेकिन मैं इन बातों पर चर्चा नहीं करता क्योंकि ये हारे हुए लोगों की बातचीत है. इसे छोड़ देना चाहिए.’

इसके अलावा मनोज बाजपेयी ने भारत में फिल्म पुरस्कारों के बदलते स्वरूप पर भी चिंता जताई. उन्होंने कहा, ‘यह सिर्फ नेशनल अवॉर्ड की बात नहीं है. यह उन सभी अवॉर्ड्स की बात है जिन्हें सम्मान दिया जाता था. उन्हें गंभीरता से सोचना चाहिए कि वे कैसे काम कर रहे हैं. क्योंकि यह मेरे सम्मान की बात नहीं है. जब मैं कोई फिल्म चुनता हूं तो मैं अपने सम्मान का बहुत ध्यान रखता हूं. लेकिन हर संस्था को अपने बारे में सोचना होता है. यह मेरा काम नहीं है. मुझे लगता है कि मेरे लिए अवॉर्ड समारोह का विचार गलत है.’

अवॉर्ड्स पर क्या बोले मनोज बाजपेयी?
एक्टर ने कहा,  ‘अलग-अलग शैलियों में चार बेहतरीन प्रदर्शन हैं. आप चार अलग-अलग जॉनर की फिल्मों से आए चार बेहतरीन प्रदर्शनों की तुलना एक-दूसरे से नहीं कर सकते.  चुनौतियां या जरूरतें बहुत अलग थीं, इसलिए सभी बेहतरीन हैं, लेकिन आप एक व्यक्ति को अवॉर्ड देने का फैसला कर रहे हैं. यही आपकी व्यवस्था है. यही आपकी व्यवस्था है, जो अच्छी है.’

एक्टर ने आगे कहा, ‘अगर मुझे कोई अवॉर्ड मिलता है, तो यकीन मानिए, मैं यह सुनिश्चित करूंगा कि मैं फिल्म से जुड़े लोगों के साथ अच्छा समय बिताऊं. बस इतना ही. बात बस इतनी है… अवॉर्ड आपके घर की सजावट का एक छोटा सा हिस्सा है. हर दिन आप इसके सामने खड़े होकर यह नहीं कह सकते, ‘वाह, मुझे यह मिल गया. ‘ जब एक्टर से पूछा गया कि अगर उन्हें पुरस्कार समारोहों की परवाह नहीं है, तो वे वहां जाते ही क्यों हैं? तो मनोज का सीधा जवाब था, ‘अगर आप मुझे सम्मान देने के लिए किसी जगह बुला रहे हैं, तो मैं वहां न जाकर मूर्ख बनूंगा. मैं वहां इसलिए जाता हूं क्योंकि वह व्यक्ति मुझे सम्मान देना चाहता है. मैं आपके सम्मान या आपकी इज्जत को ठुकराने वाला नहीं हूं.’

मनोज बाजपेयी को कितने अवॉर्ड मिले?
बता दें कि शाहरुख खान को अपने करियर का पहला नेशनल अवॉर्ड मिला है. वहीं एक्टर मनोज बाजपेयी चार बार इस उपलब्धि का हासिल कर चुके हैं. साल 2000 में उन्हें पहली बार फिल्म ‘सत्या’,  फिर साल 2005 में उन्हें फिल्म ‘पिंजर’, 2021 में मनोज को फिल्म ‘भोंस्ले’ और फिल्म ‘गुलमोहर’ के लिए अवॉर्ड मिल चुका हैं.
 

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