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‘समोसे, प्याज की पकौड़ी के लिए…’,ब्रिटेन में प्रवासियों के खिलाफ प्रदर्शन में ऐसा क्या हुआ कि छिड़ा विवाद – britain Anti migration protesters indian street food viral video ntcprk


ब्रिटेन की राजधानी लंदन की सड़कों पर इन दिनों प्रवासियों के खिलाफ बड़ी संख्या में लोग सड़कों पर उतर आए हैं. ‘यूनाइट द किंगडम’ नामक इस रैली में करीब डेढ़ लाख प्रदर्शनकारी शामिल हुए जो देश में बढ़ती प्रवासियों की आबादी के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं. रैली में गूंज रहे ‘देश को फिर से हासिल करो (reclaim the country)’ जैसे नारों के बीच एक दिलचस्प नजारा देखने को मिला- कई प्रदर्शनकारी, जो खुद को कट्टर दक्षिणपंथी बता रहे थे, भारतीय स्ट्रीट फूड का आनंद लेते नजर आए. 

सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे वीडियोज में कुछ प्रदर्शनकारियों को नान और कुरकुरे प्याज के भजिए यानी प्याज के पकौड़े खरीदते हुए देखा गया. इन वीडियोज ने इंटरनेट पर बहस छेड़ दी है और लोग प्रदर्शनकारियों की विश्वसनीयता और उनके विरोध के असली मकसद पर सवाल उठा रहे हैं. वहीं, कुछ यूजर्स ने इस घटना की विडंबना का मजाक उड़ाया है. 

एक वीडियो में प्रदर्शनकारियों को ‘इंडियन स्ट्रीट फूड’ नाम के स्टॉल से खाना खरीदते दिखाया गया है.

ब्रिटिश संस्कृति का अहम हिस्सा है भारतीय खानपान

भारतीय खाने का स्वाद और मसाले लंबे समय से ब्रिटिश खानपान का हिस्सा हैं. नान, समोसे, मसाला डोसा और प्याज भजिया जैसी डिश वहां के बाजारों में प्रमुख स्नैक्स बन गए हैं. इन डिशेज को भारतीय प्रवासी पीढ़ियों पहले ब्रिटेन लेकर गए थे.

राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय के आंकड़ों के मुताबिक, 2023 में ब्रिटेन आने वाले प्रवासियों में सबसे बड़ा समूह भारतीयों का था, जिनमें से लगभग 2.5 लाख लोग नौकरी और पढ़ाई के लिए ब्रिटेन पहुंचे थे.

प्रवासियों के खिलाफ रैली और भारतीय खानपान की धूम

इस विशाल रैली का नेतृत्व दक्षिणपंथी एक्टिविस्ट टॉमी रॉबिन्सन ने किया. यह आंदोलन पूरे ब्रिटेन में बढ़ती प्रवासी विरोधी भावनाओं का नतीजा था. इन प्रदर्शनों की शुरुआत गर्मियों में हुई जब कुछ लोगों ने शरणार्थियों के ठहरने वाले होटलों के बाहर विरोध प्रदर्शन शुरू किए. धीरे-धीरे ये प्रदर्शन बड़े हुए और बीते हफ्ते एक बड़े प्रदर्शन में बदल गए.

लंदन मेट्रोपॉलिटन पुलिस के अनुसार, बीते हफ्ते की रैली में 1,10,000 से 1,50,000 लोग शामिल हुए. यह संख्या शुरुआती अनुमान से कहीं अधिक थी.

विडंबना यह रही कि जिन संस्कृतियों और प्रवासियों के खिलाफ ये लोग रैली कर रहे थे, उसी वक्त प्रदर्शनकारी उन्हीं के बनाए खाने का मजा भी ले रहे थे.

सोशल मीडिया पर तंज और बहस

इस विडंबना पर पत्रकार सुलेमान अहमद ने एक्स पर व्यंग्य करते हुए लिखा, ‘हम अपना देश वापस चाहते हैं, लेकिन मुझे प्याज की सब्जी खाने दो.’

एक अन्य यूजर अमर सिंह ने चुटकी लेते हुए कहा, ‘प्रवासियों के खिलाफ मार्च समोसे और प्याज की पकौड़ी खाने के लिए हो रहा है बस.’ एक और वीडियो में यह जानकारी सामने आई कि यह स्टॉल एक अफगान शरणार्थी चला रहा था.

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