ब्राजील के राष्ट्रपति लुईज़ इनसियो लूला दा सिल्वा ने अमेरिका द्वारा ब्राजील पर लगाए गए 50 फीसदी टैरिफ को राजनीतिक और तर्कहीन करार दिया है. उन्होंने न्यूयॉर्क टाइम्स में लिखे एक लेख में कहा कि उनकी सरकार दोनों देशों के बीच सहयोग बढ़ाने के लिए बातचीत को तैयार है, लेकिन ब्राजील की लोकतंत्र और संप्रभुता पर कोई समझौता नहीं होगा.
अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रम्प ने जुलाई में ब्राज़ील पर टैरिफ लगाया था, जिसे उन्होंने ब्राजील के पूर्व राष्ट्रपति जेयर बोल्सोनारो के खिलाफ “विच हंट” करार दिया था. बोल्सोनारो पर आरोप था कि उन्होंने सत्ता पर अवैध कब्जा करने की कोशिश की थी, ये मामला तब सुर्खियों में आया जब पिछले दिनों सुप्रीम कोर्ट ने यह फैसला सुनाया कि बोल्सोनारो ने 2022 के चुनाव हारने के बाद एक तख्तापलट की साजिश रची थी. साथ ही बोल्सोनारो को 27 साल और 3 महीने की सजा सुनाई.
समाचार एजेंसी एपी की रिपोर्ट के मुताबिक लूला ने सुप्रीम कोर्ट के बोल्सोनारो से जुड़े ऐतिहासिक फैसले की तारीफ करते हुए कहा कि यह ब्राजील के संस्थानों और लोकतंत्र को सुरक्षित करता है. उन्होंने बताया कि जांच के महीनों बाद यह खुलासा हुआ कि बोल्सोनारो ने उनकी, उपराष्ट्रपति और सुप्रीम कोर्ट के जज की हत्या की साजिश रची थी, लूला ने यह भी बताया कि अमेरिका का यह टैरिफ फैसला गलत और तर्कहीन है, खासकर जब दोनों देशों के बीच पिछले 15 वर्षों में व्यापार का अधिशेष 410 बिलियन डॉलर रहा है.
क्या अमेरिका और टैरिफ लगाएगा?
लूला के इस लेख से यह संकेत मिल रहा है कि ब्राजील अब अमेरिका से और कठोर प्रतिबंधों की आशंका जता रहा है. वहीं, अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने हाल ही में कहा था कि ट्रंप की सरकार उचित प्रतिक्रिया देगी. हालांकि ब्राजील के विदेश मंत्रालय ने रुबियो के बयान को अनुचित धमकी करार दिया.
फिलहाल नजरबंद हैं बोल्सोनारो
बता दें कि ब्राजील के पूर्व राष्ट्रपति बोल्सोनारो को घर में नजरबंद रखा गया है, हालांकि रविवार को उन्होंने अस्पताल जाकर अपनी स्किन संबंधी बीमारी की जांच कराई. पुलिस की कड़ी सुरक्षा में बोल्सोनारो डीएफ स्टार अस्पताल पहुंचे. वहां से उन्हें छुट्टी दे दी गई. इस दौरान उनके समर्थकों ने अस्पताल के बाहर एकत्र होकर नारेबाजी की. उनके बेटे कार्लोस ने सोशल मीडिया पर सरकार की सुरक्षा व्यवस्था की आलोचना की और इसे ब्राजील के इतिहास का सबसे बड़ा तमाशा बताया.
अभी जेल नहीं जाएंगे बोल्सोनारो
सुप्रीम कोर्ट का अंतिम फैसला अभी 60 दिनों में आएगा. उसके बाद बोल्सोनारो के वकील अपील दाखिल करेंगे. फिलहाल, उन्हें जेल नहीं भेजा गया है. उनका केस लंबित है और पूरी तरह से 11 जजों की पीठ के समक्ष जाएगा.
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