केंद्रीय मंत्री और हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा (सेक्युलर) के अध्यक्ष जीतनराम मांझी ने रविवार को अपने आवास बोधगया में पत्रकारों से बातचीत के दौरान आगामी विधानसभा चुनावों को लेकर बड़ा बयान दिया. उन्होंने कहा कि इस बार उनकी पार्टी का लक्ष्य किसी भी हाल में मान्यता प्राप्त दल बनना है. इसके लिए आवश्यक है कि पार्टी को कम से कम आठ सीटों पर जीत हासिल हो और कुल मतों का छह प्रतिशत वोट मिले. मांझी का कहना था कि व्यावहारिक तौर पर यह तभी संभव है जब उन्हें एनडीए गठबंधन में 15 सीटें दी जाएं, क्योंकि सभी सीटों पर जीत संभव नहीं होती.
जीतनराम मांझी ने साफ चेतावनी भी दी कि अगर उनकी पार्टी को सम्मानजनक सीटें नहीं दी गईं तो हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा अकेले ही मैदान में उतरेगी और सौ सीटों पर उम्मीदवार उतारेगी. उन्होंने दावा किया कि हर विधानसभा क्षेत्र में उनके 10–15 हजार वोटर मौजूद हैं और इस आधार पर वे चुनाव में अकेले भी 6% वोट हासिल कर सकते हैं. उन्होंने यह भी कहा कि पार्टी को बने दस साल हो चुके हैं और अब तक निबंधित (Unrecognized) पार्टी बने रहना उनके लिए अपमानजनक है. इसलिए इस बार का चुनाव उनके लिए “करो या मरो” की स्थिति है.
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एनडीए में अपनी ताकत का दावा करते हुए मांझी ने कहा कि उनकी पार्टी बिना पैसा खर्च किए भीड़ जुटा लेती है, जबकि दूसरी पार्टियां पैसे के दम पर भीड़ बुलाती हैं. उन्होंने कहा कि यह बात एनडीए के नेता भी जानते हैं और सीट बंटवारे में यह देखा जाएगा कि कौन सी पार्टी वास्तव में जिताऊ है. मांझी ने विश्वास जताया कि उन्हें पर्याप्त सीटें मिलेंगी और 2025 में उनकी पार्टी मान्यता प्राप्त हो जाएगी.
पीएम मोदी के मणिपुर दौरे का भी किया जिक्र
पीएम मोदी की मणिपुर यात्रा पर कांग्रेस नेता राहुल गांधी के तंज का जवाब देते हुए मांझी ने कहा कि राहुल गांधी “दोगली बात” करते हैं. उन्होंने सवाल उठाया कि जब राहुल गांधी मणिपुर गए थे तो उन्होंने क्या उपलब्धि हासिल की थी. मांझी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वहां जाकर 8000 करोड़ रुपये का पैकेज दिया और खराब मौसम में हेलिकॉप्टर उड़ान न भर पाने की स्थिति में सड़क मार्ग से लोगों तक पहुंचे. उन्होंने विपक्ष को निशाने पर लेते हुए कहा कि विपक्ष बिना आधार की बातें करता है और “प्रलाप” करता है, जिसका कोई मतलब नहीं होता.
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पप्पू यादव के बयान पर भी दी प्रतिक्रिया
वहीं, पप्पू यादव द्वारा भाजपा पर उपराष्ट्रपति चुनाव में विपक्षी दलों को धमकाने के आरोप पर मांझी ने कहा कि लोकतंत्र में धमकाना उचित नहीं है. उन्होंने यह भी कहा कि उपराष्ट्रपति चुनाव में भाजपा उम्मीदवार सीपी राधाकृष्णन को जितने वोट मिलने चाहिए थे, उससे 40 वोट अधिक मिले. इसका अर्थ है कि विपक्षी दलों के कुछ नेताओं ने भी विवेक से काम लेते हुए भाजपा उम्मीदवार को वोट दिया. (इनपुट- पंकज कुमार)
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