दिवाली के अगले ही दिन दिल्ली और एनसीआर (NCR) का आसमान धुंध की मोटी चादर में लिपटा नजर आया. मंगलवार सुबह राजधानी धुएं और स्मॉग में डूबी हुई थी. लोगों ने बताया कि विजिबिलिटी इतनी खराब थी कि इंडिया गेट और कर्तव्य पथ जैसे इलाके धुंध में गायब हो गए. प्रदूषण के स्तर में अचानक उछाल आया और दिल्ली के 37 में से 34 मॉनिटरिंग स्टेशनों ने हवा को ‘रेड जोन’ यानी ‘बेहद खराब’ से ‘गंभीर’ श्रेणी में दर्ज किया.
दिल्ली में बढ़ते प्रदूषण का असर सोशल मीडिया पर भी दिखा
दिवाली के बाद दिल्ली की हवा में घुला जहर अब लोगों की जिंदगी पर असर डाल रहा है.सोशल मीडिया पर लोगों ने बढ़ते प्रदूषण को लेकर अपनी नाराजगी जताई.
एक यूजर ने X पर लिखा कि दिल्ली का आसमान आज धुएं से भरा है, रोशनी भी धुंध में खो गई है. दूसरे यूजर ने लिखा कि दिल्ली में साफ हवा अब लग्जरी बन चुकी है. हम एक गैस चैंबर में जी रहे हैं.
एक और यूजर ने तंज कसते हुए कहा कि दिल्ली की हवा कोहरा नहीं, जहर है. AQI हद से पार जा चुका है. हम जी नहीं रहे, बस सांस ले रहे हैं.
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एक अन्य यूजर ने लिखा कि गला जाम हो गया है, जलन बढ़ती जा रही है. जबकि एक और ने कहा – कुछ इलाकों में AQI 1000 तक पहुंच गया है, आंखों और गले में धुआं महसूस हो रहा है, पर किसी को परवाह नहीं.
हवा की हालत बेहद खराब
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) के अनुसार मंगलवार सुबह 6:05 बजे दिल्ली का औसत AQI 347 दर्ज किया गया, जो ‘बेहद खराब’ श्रेणी में आता है. सोमवार शाम 4 बजे तक यह 345 था. CPCB के मुताबिक AQI 301-400 ‘बेहद खराब’ और 401-500 ‘गंभीर’ श्रेणी में गिना जाता है.
एनसीआर में भी वही हाल
दिल्ली के आसपास के शहरों में भी हवा में जहर घुला रहा. नोएडा का AQI 324 और गाज़ियाबाद का 326 रहा है.दोनों ही ‘बहुत खराब’ श्रेणी में है. आयोग (CAQM) ने रविवार को ही दिल्ली-एनसीआर में ग्रेडेड रिस्पॉन्स एक्शन प्लान (GRAP) के स्टेज-II को लागू कर दिया था.
हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने दिवाली से पहले ग्रीन पटाखों की बिक्री और सीमित समय में उपयोग की अनुमति दी थी, लेकिन नतीजा फिर वही रहा.दिवाली की रात की चमक के बाद दिल्ली एक बार फिर ज़हरीली हवा के कुहासे में घुटती नजर आई.
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