0

पुणे में पेशवाओं के किले में महिलाओं ने पढ़ी नमाज, जमकर बवाल… हिंदू संगठन ने गौमूत्र से किया शुद्धिकरण – shaniwar wada Namaz controversy Medha Kulkarna Hindu organization performed purification ntc


पुणे में ऐतिहासिक शनिवार वाडा में कुछ मुस्लिम महिलाओं द्वारा नमाज पढ़ने का वीडियो वायरल होने के बाद राजनीतिक तूफान खड़ा हो गया है. BJP की राज्यसभा सांसद मेधा कुलकर्णी ने इस वीडियो को अपने सोशल मीडिया हैंडल पर साझा कर इसे ऐतिहासिक धरोहर के अपमान का मामला बताते हुए विरोध प्रदर्शन का आह्वान किया.

रविवार को कुलकर्णी ने सकल हिंदू समाज और पतित पावन संगठन के कार्यकर्ताओं के साथ शनिवार वाडा परिसर में जोरदार आंदोलन किया, जिसमें नमाज वाले स्थान पर गौमूत्र और गोबर छिड़ककर ‘शुद्धिकरण’ किया गया. इस दौरान पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच हुई झड़प से माहौल तनावपूर्ण हो गया. हालांकि, बाद में पुलिस ने स्थिति को नियंत्रित कर लिया.

दरअसल, शनिवार को पुणे स्थित शनिवार वाडा के ऊपरी मंजिल का एक वीडियो सामने आया था. इस वीडियो में छह से सात मुस्लिम महिलाएं चटाई बिछाकर नमाज पढ़ रही हैं, जबकि आसपास बच्चे खेल रहे हैं और पर्यटक घूम रहे हैं. वीडियो वायरल होते ही सोशल मीडिया पर बहस छिड़ गई.

मेधा कुलकर्णी ने एक्स (पूर्व ट्विटर) पर लिखा, ‘शनिवार वाडा में नमाज नहीं चलेगी, हिंदू समाज जाग चुका है! चलो शनिवार वाडा!’ उन्होंने रविवार शाम 4 बजे कस्बा पुलिस चौकी के सामने प्रदर्शन का ऐलान किया था, जहां कुलकर्णी के विरोध पर बगीचे को बंद कर दिया गया था.

गोमूत्र से किया शुद्धिकरण

रविवार को कुलकर्णी के नेतृत्व में सैकड़ों हिंदू संगठनों के कार्यकर्ता शनिवार वाडा पहुंचे. उन्होंने नमाज वाली जगह पर गौमूत्र छिड़ककर और शिव वंदना कर ‘शुद्धिकरण’ किया और शनिवार वाडा हमारा है, ये पेशवाओं का गौरव है जैसे नारे लगाए.

कार्यकर्ताओं ने शनिवार वाडा के बाहर स्थित हजरत ख्वाजा सय्यद दरगाह के पास भी विरोध जताने की कोशिश की, लेकिन पुलिस ने बल प्रयोग कर उन्हें रोका. धक्का-मुक्की में कई कार्यकर्ता घायल हुए और इलाके में तनाव फैल गया.

डिप्टी कमिश्नर ऑफ पुलिस कृष्णकेश रावले ने बताया कि शनिवार वाडा एएसआई (आर्कियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया) के संरक्षण में है और विभाग से चर्चा के बाद आगे कार्रवाई की जाएगी. कुछ घंटों की मशक्कत के बाद पुलिस ने स्थिति पर काबू पा लिया.

ऐतिहासिक पहचान है शनिवार वाडा

सांसद मेधा कुलकर्णी ने कहा, ‘शनिवार वाडा महाराष्ट्र की ऐतिहासिक पहचान है. यहां किसी भी धर्म के धार्मिक कार्यक्रम नहीं होने चाहिए. नमाज का वीडियो देखने के बाद मैंने पुरातत्व विभाग से संपर्क किया.’ उन्होंने बताया कि उन्होंने तुरंत उस गतिविधि को रोक दिया था, लेकिन आगे ऐसी घटनाएं न हों, इसीलिए हमने आवाज उठाई.

उन्होंने जोर देकर कहा कि शनिवार वाडा छत्रपति शिवाजी महाराज द्वारा स्थापित हिंदवी स्वराज्य का प्रतीक है, न कि कोई मस्जिद. भाजपा नेताओं का कहना है कि ये आंदोलन किसी धर्म के खिलाफ नहीं, बल्कि इतिहास और परंपरा की रक्षा के लिए है.

कुलकर्णी ने शनिवार वाडा के बाहर एक ‘अवैध धार्मिक संरचना’ का भी जिक्र किया, कहते हुए कि अगर नमाज की इजाजत है तो हिंदुओं को मस्जिदों या ताजमहल में आरती करने का अधिकार मिलना चाहिए.

NCP (SP) ने की बीजेपी सांसद की आलोचना

इस प्रदर्शन की विपक्षी दलों ने कड़ी निंदा की है. अजित पवार की एनसीपी ने कुलकर्णी के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने की मांग की है. एनसीपी नेता रूपाली थोम्बरे ने कहा, ‘कुलकर्णी हिंदू-मुस्लिम तनाव पैदा कर रही हैं. शनिवार वाडा में कब्र दशकों से मौजूद है, नमाज पढ़ना अपराध नहीं. ये विवाद स्थानीय निकाय चुनावों से पहले वोटरों को ध्रुवीकृत करने की साजिश है.’

वहीं, कांग्रेस और आम आदमी पार्टी (आप) ने भी इसे सांप्रदायिक सद्भाव बिगाड़ने वाला बताया.

—- समाप्त —-

इनपुट- आदित्य दीपक भवर