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Diwali 2025 Date Live Lakshmi Ganesh Puja Shubh Muhurat Time Vidhi Samagri Aarti Mantra And Wishes In Hindi – Amar Ujala Hindi News Live


09:46 PM, 20-Oct-2025

वैवाहिक रिश्तों में मधुरता के लिए

अगर पति-पत्नी के मध्य क्लेश बढ़ता जा रहा है, तो दीपावली की रात लाल रंग के कपड़े में मुट्ठी भर पीली सरसों के दाने और गोमती चक्र रखें। गोमती चक्र पर पति-पत्नी का नाम लिखा होना चाहिए। अब इस कपड़े को बांध कर सदैव अपने कमरे में किसी ऐसे स्थान पर रखें, जहां से वह हमेशा नजर आता रहे। इससे रिश्ते पर सकारात्मक ऊर्जा का प्रभाव रहता है,और आपसी प्यार बढ़ेगा।

 

09:19 PM, 20-Oct-2025

Diwali Upay: शिक्षा में सफलता प्राप्ति के उपाय

छात्रों को शिक्षा में एकाग्रता न मिल रही हो, तो गोमती चक्र को सात बार अपने सिर पर  फिराकर खुद ही अपने पीछें दक्षिण दिशा की ओर फेंक देना चाहिए। यह प्रयोग दीपावली वाले दिन एकांत स्थान पर करना चाहिए तथा प्रयोग के बाद किसी से इनका जिक्र नहीं करना चाहिए। इसी प्रकार बच्चों की पढ़ाई में कोई परेशानी या रुकावट आ रही है, तो दीपावली के दिन भगवान शिव को जल अर्पण करके 11 गोमती चक्र अर्पित करें ।फिर इनको लेकर बच्चों के पढ़ाई वाले कमरे में लाल वस्त्र में बांधकर रख दें,लाभ होगा।

 

08:31 PM, 20-Oct-2025

Diwali Upay: नकारात्मक ऊर्जा दूर करने के उपाय

गोमती चक्र का घर के वास्तुदोष निवारण में भी बहुत योगदान है। दीपावली के दिन पूजा में ग्यारह गोमती चक्र रखें। उसके बाद इन्हें लाल कपड़े में लपेटकर मुख्यद्वार पर बांध दें। ऐसा करने से घर में रहने वाले सभी सदस्यों के जीवन में सुख-समृद्धि आती है और घर नेगेटिव एनर्जी से दूर रहता है।

 

08:13 PM, 20-Oct-2025

Diwali Upay: दिवाली पूजा और व्यवसाय में वृद्धि के उपाय

दिवाली पर लक्ष्मी पूजा का विशेष महत्व होता है। पूजा में कई तरह के उपाय किए जाते हैं। व्यापार में वृद्धि के लिए गोमती चक्र का इस्तेमाल किया जा सकता है। अपने व्यवसाय के स्थान पर दीपावली के दिन आप हल्दी और केसर से 12 गोमती चक्रों पर तिलक लगाकर एक कपड़े में बांध कर रख दें। चाहें तो इस कपड़े को आप चौखट पर लटका भी सकते हैं। ऐसा करने से व्यापार में जल्द ही वृद्धि होने लगेगी। इसी प्रकार गोमती चक्र लाल कपड़े में लपेटकर लॉकर या कैश बॉक्स में रखने से कभी धन की कमी नहीं होती।

08:04 PM, 20-Oct-2025

दीपावली 2025- निशिता काल पूजा मुहूर्त

निशिता काल- रात्रि 11:41 से 12:31 तक

सिंह लग्न काल- सुबह 01:38 से 03:56 तक

07:40 PM, 20-Oct-2025

Diwali Aarti: बिना लक्ष्मी-गणेश आरती के बिना पूरा नहीं होती दिवाली पूजन, पढ़ें आरती 

देश भर में इस समय मां लक्ष्मी की पूजन-अर्चना का सिलसिला जारी है। प्रदोष काल में मां लक्ष्मी की पूजा को विशेष महत्व होता है। पूजा के लिए विधि-विधान के साथ सभी सामग्री के साथ मां लक्ष्मी की अर्चना की जा रही है। पूजा के भगवान गणेश और माता लक्ष्मी की आरती के बिना दिवाली लक्ष्मी पूजा अधूरी मानी जाती है। आइए जानते हैं लक्ष्मी और गणेश आरती।

मां लक्ष्मी की आरती 

ऊं जय लक्ष्मी माता, मैया जय लक्ष्मी माता।। 

तुमको निशदिन सेवत, हरि विष्णु विधाता। 

ऊं जय लक्ष्मी माता।।

उमा, रमा, ब्रह्माणी, तुम ही जग-माता। 

मैया तुम ही जग-माता।।

सूर्य-चंद्रमा ध्यावत, नारद ऋषि गाता। 

ऊं जय लक्ष्मी माता।।

दुर्गा रूप निरंजनी, सुख सम्पत्ति दाता। 

मैया सुख संपत्ति दाता। 

जो कोई तुमको ध्यावत, ऋद्धि-सिद्धि धन पाता। 

ऊं जय लक्ष्मी माता।।

तुम पाताल-निवासिनि,तुम ही शुभदाता। 

मैया तुम ही शुभदाता। 

कर्म-प्रभाव-प्रकाशिनी,भवनिधि की त्राता। 

ऊं जय लक्ष्मी माता।।

जिस घर में तुम रहतीं, सब सद्गुण आता। 

मैया सब सद्गुण आता।

सब संभव हो जाता, मन नहीं घबराता। 

ऊं जय लक्ष्मी माता।।

तुम बिन यज्ञ न होते, वस्त्र न कोई पाता। 

मैया वस्त्र न कोई पाता।

खान-पान का वैभव,सब तुमसे आता। 

ऊं जय लक्ष्मी माता।।

शुभ-गुण मंदिर सुंदर, क्षीरोदधि-जाता। 

मैया क्षीरोदधि-जाता।

रत्न चतुर्दश तुम बिन, कोई नहीं पाता। 

ऊं जय लक्ष्मी माता।।

महालक्ष्मी जी की आरती,जो कोई नर गाता। 

मैया जो कोई नर गाता।

उर आनन्द समाता, पाप उतर जाता। 

ऊं जय लक्ष्मी माता।।

ऊं  जय लक्ष्मी माता, मैया जय लक्ष्मी माता। 

तुमको निशदिन सेवत, हरि विष्णु विधाता। 

ऊं जय लक्ष्मी माता।।

भगवान गणेश की आरती

जय गणेश जय गणेश,जय गणेश देवा ।

माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा ॥

एक दंत दयावंत, चार भुजा धारी ।

माथे सिंदूर सोहे, मूसे की सवारी ॥

जय गणेश जय गणेश,जय गणेश देवा ।

माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा ॥

पान चढ़े फल चढ़े,और चढ़े मेवा ।

लड्डुअन का भोग लगे, संत करें सेवा ॥

जय गणेश जय गणेश,जय गणेश देवा ।

माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा ॥

अंधन को आंख देत, कोढ़िन को काया ।

बांझन को पुत्र देत, निर्धन को माया ॥

जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा ।

माता जाकी पार्वती पिता महादेवा ॥

 

07:33 PM, 20-Oct-2025

Laxmi Mantra For Diwali: दिवाली पूजन में जरूर जाप करें ये लक्ष्मी मंत्र

दिवाली लक्ष्मी- गणेश आरती और पूजा मंत्र:

मां लक्ष्मी मंत्र- 

ऊं श्रीं ह्रीं श्रीं कमले कमलालये प्रसीद प्रसीद, ऊं श्रीं ह्रीं श्रीं महालक्ष्मयै नम:॥

सौभाग्य प्राप्ति मंत्र- 

ऊं श्रीं ल्कीं महालक्ष्मी महालक्ष्मी एह्येहि सर्व सौभाग्यं देहि मे स्वाहा।।

कुबेर मंत्र-

ऊं यक्षाय कुबेराय वैश्रवणाय धनधान्याधिपतये धनधान्यसमृद्धिं में देहि दा

 

07:16 PM, 20-Oct-2025

Diwali Puja Ka Time: दिवाली लक्ष्मी पूजन का मुहूर्त

शाम 07 बजकर 08 मिनट से लेकर रात 08 बजकर 18 मिनट तक लक्ष्मी पूजा के लिए सबसे अच्छा मुहूर्त रहेगा। 

 

07:00 PM, 20-Oct-2025

Diwali Aarti Time: दिवाली पर मां लक्ष्मी पूजन और आरती का महत्व और समय

दिवाली पर प्रदोष काल में लक्ष्मी पूजन का विशेष महत्व होता है। लक्ष्मी पूजन के लिए प्रदोष काल और स्थिर लग्न में पूजा करने पर मां लक्ष्मी बहुत प्रसन्न होती है। इसके अलाव विधि-विधान के साथ लक्ष्मी माता की पूजा के बाद उनकी आरती जरूर करनी चाहिए। इससे शुभ फलों की प्राप्ति होती है। दिवाली पर लक्ष्मी आरती का समय पूजा के सबसे आखिरी समय होता है। ऐसे में शुभ मुहूर्त को ध्यान में रहते हुए अंत में लक्ष्मी मां भगवान गणेश की आरती जरूर करनी चाहिए। 

06:50 PM, 20-Oct-2025

Diwali Aarti: दिवाली लक्ष्मी पूजन आरती

दिवाली पर माता लक्ष्मी, भगवान गणेश और कुबेर देव की पूजा करने के विशेष महत्व होता है। माता लक्ष्मी और भगवान गणेश की पूजा करने के बाद आरती जरूर करना चाहिए। बिना आरती के लक्ष्मी पूजा अधूरी मानी जाती है। आइए पढ़ते हैं माता लक्ष्मी और भगवान गणेश की आरती। 

मां लक्ष्मी की आरती 

ऊं जय लक्ष्मी माता, मैया जय लक्ष्मी माता।। 

तुमको निशदिन सेवत, हरि विष्णु विधाता। 

ऊं जय लक्ष्मी माता।।

उमा, रमा, ब्रह्माणी, तुम ही जग-माता। 

मैया तुम ही जग-माता।।

सूर्य-चंद्रमा ध्यावत, नारद ऋषि गाता। 

ऊं जय लक्ष्मी माता।।

दुर्गा रूप निरंजनी, सुख सम्पत्ति दाता। 

मैया सुख संपत्ति दाता। 

जो कोई तुमको ध्यावत, ऋद्धि-सिद्धि धन पाता। 

ऊं जय लक्ष्मी माता।।

तुम पाताल-निवासिनि,तुम ही शुभदाता। 

मैया तुम ही शुभदाता। 

कर्म-प्रभाव-प्रकाशिनी,भवनिधि की त्राता। 

ऊं जय लक्ष्मी माता।।

जिस घर में तुम रहतीं, सब सद्गुण आता। 

मैया सब सद्गुण आता।

सब संभव हो जाता, मन नहीं घबराता। 

ऊं जय लक्ष्मी माता।।

तुम बिन यज्ञ न होते, वस्त्र न कोई पाता। 

मैया वस्त्र न कोई पाता।

खान-पान का वैभव,सब तुमसे आता। 

ऊं जय लक्ष्मी माता।।

शुभ-गुण मंदिर सुंदर, क्षीरोदधि-जाता। 

मैया क्षीरोदधि-जाता।

रत्न चतुर्दश तुम बिन, कोई नहीं पाता। 

ऊं जय लक्ष्मी माता।।

महालक्ष्मी जी की आरती,जो कोई नर गाता। 

मैया जो कोई नर गाता।

उर आनन्द समाता, पाप उतर जाता। 

ऊं जय लक्ष्मी माता।।

ऊं  जय लक्ष्मी माता, मैया जय लक्ष्मी माता। 

तुमको निशदिन सेवत, हरि विष्णु विधाता। 

ऊं जय लक्ष्मी माता।।

 

भगवान गणेश की आरती

जय गणेश जय गणेश,जय गणेश देवा ।

माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा ॥

एक दंत दयावंत, चार भुजा धारी ।

माथे सिंदूर सोहे, मूसे की सवारी ॥

जय गणेश जय गणेश,जय गणेश देवा ।

माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा ॥

पान चढ़े फल चढ़े,और चढ़े मेवा ।

लड्डुअन का भोग लगे, संत करें सेवा ॥

जय गणेश जय गणेश,जय गणेश देवा ।

माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा ॥

अंधन को आंख देत, कोढ़िन को काया ।

बांझन को पुत्र देत, निर्धन को माया ॥

जय गणेश जय गणेश, जय गणेश देवा ।

माता जाकी पार्वती पिता महादेवा ॥