गोवा आम आदमी पार्टी के अध्यक्ष अमित पालेकर ने सोमवार को कहा कि उनकी पार्टी राज्य में भाजपा के खिलाफ विपक्षी दलों के गठबंधन का विरोध नहीं करती, लेकिन इसमें शामिल सभी दलों का “इरादा साफ और पारदर्शी” होना चाहिए। उन्होंने स्पष्ट किया कि उनकी पार्टी सत्ता परिवर्तन के लिए नहीं, बल्कि भ्रष्टाचार के खिलाफ ईमानदारी से लड़ने के लिए किसी भी गठबंधन का हिस्सा बनने को तैयार है।
पालेकर का यह बयान उस समय आया जब गोवा फॉरवर्ड पार्टी और रेवोल्यूशनरी गोवन्स पार्टी ने रविवार को आगामी 2027 विधानसभा चुनावों के लिए संभावित गठबंधन के संकेत दिए। दक्षिण गोवा के फातोर्दा में दिवाली की पूर्व संध्या पर आयोजित नरकासुर दहन कार्यक्रम में कांग्रेस नेता यूरी अलेमाओ, अल्टोन डी’कोस्टा, गोवा फॉरवर्ड पार्टी के प्रमुख विजय सरदेसाई और आरजीपी प्रमुख मनोज परब ने एक साथ मंच साझा किया। इस दौरान विपक्षी एकता की जरूरत पर जोर दिया गया।
कांग्रेस और आप के बीच खींचतान
कार्यक्रम में कांग्रेस नेता यूरी अलेमाओ ने कहा कि जैसे विपक्षी दल विधानसभा में एकजुट हैं, वैसे ही उन्हें सदन के बाहर भी भाजपा के खिलाफ एक साथ आना चाहिए। उन्होंने अप्रत्यक्ष रूप से आप की आलोचना करते हुए कहा कि जो विपक्षी एकता के महत्व को नहीं समझते, वे वोटों का बंटवारा कर रहे हैं। दरअसल, इससे पहले आप ने साफ कहा था कि वह कांग्रेस के साथ गठबंधन नहीं करेगी। इस पर आप गोवा प्रमुख अमित पालेकर ने जवाब देते हुए कहा कि उनकी पार्टी कभी गठबंधन के खिलाफ नहीं रही, लेकिन कांग्रेस ने पहल का कोई जवाब नहीं दिया।
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पालेकर ने बताई पार्टी की स्थिति
पत्रकारों से बातचीत में पालेकर ने बताया कि दो अक्तूबर से दो हफ्ते पहले ही हमने गठबंधन का प्रस्ताव दिया था, बशर्ते सभी दल मिलकर एकसाथ बैठें। लेकिन कांग्रेस की ओर से कोई जवाब नहीं आया। यहां तक कि रविवार के कार्यक्रम में भी हमें आमंत्रित नहीं किया गया। उन्होंने कहा कि विपक्षी दलों का एक साथ आना गोवा के लिए अच्छी बात है और आप इससे खुश है, लेकिन गठबंधन का असली मकसद भाजपा और उसके भ्रष्टाचार को हराना होना चाहिए। उन्होंने कहा कि मंच पर एकता दिखाना और जमीन पर एकजुट होकर काम करना दो अलग बातें हैं।
आप का कांग्रेस पर आरोप
आप के गोवा प्रभारी आतिशी मार्लेना पहले ही कांग्रेस के साथ गठबंधन से इनकार कर चुकी हैं। उनका कहना था कि कांग्रेस भाजपा के लिए एमएलए बैंक बन चुकी है, क्योंकि उसके कई विधायक सत्ता पक्ष में शामिल हो चुके हैं। हालांकि पालेकर ने यह भी जोड़ा कि अगर विपक्षी दलों का उद्देश्य साफ है और वे सिर्फ सत्ता के लिए नहीं बल्कि जनहित के लिए एकजुट होना चाहते हैं, तो आम आदमी पार्टी किसी सकारात्मक प्रयास का हिस्सा बनने से पीछे नहीं हटेगी।
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आगे की रणनीति और विपक्षी चुनौती
राज्य की राजनीति में भाजपा लगातार मजबूत स्थिति में बनी हुई है, ऐसे में विपक्षी दलों के बीच वास्तविक एकता की चुनौती बनी हुई है। पालेकर के बयान ने इस बहस को और तेज कर दिया है कि क्या 2027 के चुनाव से पहले विपक्ष एक साझा मंच तैयार कर पाएगा या फिर व्यक्तिगत हितों की वजह से यह कोशिश अधूरी रह जाएगी। फिलहाल आप का रुख साफ है इरादा साफ हो तो गठबंधन संभव है।