यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की ने कहा है कि अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के साथ उनकी हालिया मुलाकात सकारात्मक रही, भले ही उन्हें उम्मीद के मुताबिक टॉमहॉक मिसाइलें नहीं मिल सकीं। उन्होंने दावा किया कि अमेरिका अब भी यूक्रेन के साथ आर्थिक साझेदारी को लेकर दिलचस्पी रखता है। यह बैठक ऐसे समय हुई जब ट्रंप की रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से फोन पर बातचीत के कुछ घंटे बाद ही दोनों नेताओं की मुलाकात हुई थी।
जेलेंस्की ने रविवार को पत्रकारों से बातचीत में बताया कि ट्रंप ने रूस के साथ तनाव बढ़ाने से फिलहाल इनकार किया है। उन्होंने कहा, “मेरे विचार में ट्रंप नहीं चाहते कि पुतिन से मुलाकात से पहले कोई बड़ा सैन्य तनाव बढ़े।” यूक्रेन टॉमहॉक मिसाइलों की खरीद के लिए प्रयासरत था, जिससे उसकी रक्षा क्षमता में बड़ा सुधार होता, पर यह अनुरोध ट्रंप द्वारा खारिज कर दिया गया। इस निर्णय से यूक्रेन को निराशा हुई, लेकिन जेलेंस्की ने अपनी प्रतिक्रिया में कूटनीतिक संयम बनाए रखा।
अमेरिकी सहायता और पैट्रियट सिस्टम की मांग
यूक्रेन सरकार 25 पैट्रियट एयर डिफेंस सिस्टम अमेरिकी कंपनियों से खरीदना चाहती है। इसके लिए वह जमे हुए रूसी फंड और सहयोगी देशों की मदद से संसाधन जुटाने की योजना बना रही है। जेलेंस्की ने कहा कि उन्होंने ट्रंप से उत्पादन प्रक्रिया को तेज कराने और यूरोपीय सहयोगियों के माध्यम से इसे जल्द उपलब्ध कराने में मदद मांगी। हालांकि, उन्होंने माना कि इन सभी प्रणालियों की डिलीवरी में समय लगेगा।
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पुतिन के रुख और वार्ता का अगला चरण
बैठक में ट्रंप ने दोहराया कि रूस की मांग अब भी वही है। यूक्रेन को अपने पूरे डोनेट्स्क और लुहान्स्क क्षेत्रों को छोड़ना होगा। इसके बावजूद जेलेंस्की ने कहा कि ट्रंप का रवैया कुल मिलाकर सकारात्मक था क्योंकि उन्होंने वर्तमान मोर्चा-रेखा पर युद्धविराम की संभावना को समर्थन दिया। ट्रंप आगामी हफ्तों में हंगरी की राजधानी बुडापेस्ट में पुतिन से मिलने वाले हैं। उनका मानना है कि यह बैठक यूक्रेन युद्ध के समाधान की दिशा में एक कदम साबित हो सकती है।
बुडापेस्ट मीटिंग और ऑर्बन पर कटाक्ष
जेलेंस्की ने बुडापेस्ट को संभावित वार्ता स्थल मानने से असहमति जताई। उन्होंने कहा कि मैं नहीं मानता कि वह प्रधानमंत्री जो हर मोर्चे पर यूक्रेन का विरोध करता है, हमारे लिए कोई संतुलित योगदान दे सकता है। जेलेंस्की ने यह भी कहा कि अगर वार्ता निष्पक्ष होगी तो वह उसमें भाग लेने पर विचार करेंगे। उन्होंने पुतिन के प्रस्ताव पर भी सवाल उठाए, जिसमें रूस ने खेरसॉन और जापोरिझिया के कुछ हिस्से छोड़ने की पेशकश की थी, बशर्ते यूक्रेन डोनेट्स्क और लुहान्स्क से पीछे हट जाए। जेलेंस्की ने आगे कहा कि हमें अब तक रूस की मंशा साफ नहीं दिखी, लेकिन सभी पक्ष अब थोड़ा करीब जरूर आए हैं।
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अमेरिका की आर्थिक दिलचस्पी और गैस प्रोजेक्ट
जेलेंस्की ने यह भी खुलासा किया कि अमेरिका यूक्रेन में गैस और ऊर्जा परियोजनाओं में निवेश को लेकर दिलचस्पी रखता है। दोनों देशों के बीच ओडेसा में एलएनजी टर्मिनल निर्माण सहित कई ऊर्जा प्रोजेक्ट्स पर बातचीत हुई है। इसके अलावा परमाणु ऊर्जा और तेल क्षेत्र में भी साझेदारी की संभावनाएं तलाशने की बात सामने आई है। उन्होंने कहा कि ट्रंप मध्य पूर्व में काफी कुछ हासिल कर चुके हैं, और अब वह उसी रफ्तार से रूस-यूक्रेन युद्ध को समाप्त करने की कोशिश करना चाहते हैं।