0

‘राम-सीता’ के टैटू से 15 साल बाद हुई पहचान… अहमदाबाद पुलिस ने ऐसे मूक-बधिर युवक को परिवार से मिलवाया – tattoo identified deaf mute youth reunited after 15 years lclcn


अहमदाबाद से ऐसा वाकया सामने आया है जो किसी फिल्मी कहानी से कम नहीं. 15 साल पहले उत्तर प्रदेश के बांदा जिले से लापता हुआ मूक-बधिर युवक आखिरकार अपने परिवार से मिल सका. अहमदाबाद पुलिस की कोशिशों और एक पुराने दोस्त की पहचान ने उसे अपनों से मिलवाने में बड़ी भूमिका निभाई.

जानकारी के मुताबिक, बांदा जिले के नारायणी तालुका के थनैल गांव निवासी पंकज उर्फ राहुल यादव करीब 16 साल पहले किसी बात पर डांट खाने के बाद घर छोड़कर निकल गया था. वह ट्रेन से अहमदाबाद के कालूपुर रेलवे स्टेशन पहुंचा और कुछ दिन तक वहीं भटकता रहा. इस दौरान रेलवे पुलिस ने उसे देखा और उसकी मूक-बधिर स्थिति को देखते हुए नवरंगपुरा पुलिस स्टेशन के पास संचालित मूक-बधिर स्कूल में दाखिल करा दिया.

यह भी पढ़ें: अहमदाबाद: थाने से 200 मीटर दूर युवक की नृशंस हत्या, बदमाशों ने चाकू-कार से किया हमला, वारदात CCTV में कैद

पिछले सात साल से पंकज नवरंगपुरा पुलिस स्टेशन में रह रहा था. उसके भोजन, कपड़े और अन्य जरूरतों का खर्च पुलिस स्टेशन के कर्मचारी ही उठाते थे. पुलिस समय-समय पर ऐसे गुमशुदा बच्चों को उनके परिवार से मिलाने का अभियान भी चलाती रही है. इसी बीच कुछ दिन पहले पंकज के बचपन के दोस्त नीरज यादव, जो नवरंगपुरा की मुस्लिम सोसाइटी में सुरक्षा गार्ड के रूप में कार्यरत हैं, की नजर पंकज पर पड़ी.

उन्होंने पंकज के दाहिने हाथ पर राम-सीता का टैटू देखा और पहचान गए कि यह वही उनका बचपन का दोस्त है. नीरज ने बताया कि दोनों ने यह टैटू गांव के मेले में एक साथ बनवाया था. पहचान पुख्ता करने के लिए नीरज ने पुलिस को पूरी जानकारी दी. शुरुआती हिचकिचाहट के बाद नवरंगपुरा पुलिस ने पंकज के परिजनों से संपर्क किया और वीडियो कॉल के जरिए पुष्टि कराई.

अहमदाबाद

इसके बाद पुलिस ने पंकज के परिवार को अहमदाबाद बुलाया. अंतत: उसका बड़ा भाई नाथू यादव नवरंगपुरा थाने पहुंचा और भावुक माहौल में पंकज को अपने साथ घर ले गया. इस भावुक पुनर्मिलन पर गृह राज्यमंत्री हर्ष संघवी ने अहमदाबाद पुलिस की सराहना की. उन्होंने कहा कि पुलिसकर्मियों की समर्पण भावना को सलाम है, जिन्होंने इतने वर्षों तक पंकज की देखभाल की और उसे परिवार से मिलवाया.

—- समाप्त —-