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Non-bjp States Being Discriminated Priyank Kharge Accuses The Central Government Over Flood Relief – Amar Ujala Hindi News Live


कर्नाटक के ग्रामीण विकास और पंचायती राज मंत्री प्रियांक खरगे ने केंद्र सरकार पर बाढ़ राहत को लेकर गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने कहा कि भाजपा शासित राज्यों को लगातार अधिक फंड दिए जा रहे हैं, जबकि गैर-भाजपा या एनडीए से बाहर के राज्यों के साथ हमेशा अन्याय होता है।

सोमवार को मीडिया से बातचीत में प्रियांक खरगे ने कहा कि केंद्र सरकार की राहत नीति पूरी तरह पक्षपातपूर्ण है। उन्होंने कहा कि केंद्र से जारी फंड राज्य की वास्तविक क्षति के मुकाबले बेहद कम हैं। 

क्या बोले खरगे?

खरगे ने आगे कहा कि यह केंद्र सरकार की आदत बन गई है कि गैर-भाजपा राज्यों को पर्याप्त राहत नहीं देती। कर्नाटक देश के सबसे ज्यादा जीएसटी और आयकर देने वाले राज्यों में से एक है। हम आईटी एक्सपोर्ट में भी नंबर वन हैं और देश के जीडीपी में 8.9 फीसदी योगदान देते हैं, इसके बावजूद हमें अनदेखा किया जाता है।

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जानें पूरा मामला

गृह मंत्री अमित शाह ने हाल ही में कर्नाटक और महाराष्ट्र के लिए 2025-26 के राज्य आपदा प्रतिक्रिया कोष की दूसरी किस्त के रूप में कुल 1,950.80 करोड़ रुपये की अग्रिम राशि स्वीकृत की। इसमें से 384.40 करोड़ रुपये कर्नाटक को और 1,566.40 करोड़ रुपये महाराष्ट्र को आवंटित किए गए हैं। यह राशि मानसून के दौरान भारी वर्षा और बाढ़ से प्रभावित लोगों को तत्काल राहत प्रदान करने के लिए दी जा रही है। हालांकि, खरगे ने कहा कि यह राशि राज्य में हुए व्यापक नुकसान के सामने नगण्य है।

कर्नाटक के साथ केंद्र हमेशा अन्याय करता है- प्रियांक

प्रियांक खरगे ने कहा कि जब भी टैक्स के वितरण या फंड डिवोल्यूशन की बात आती है, कर्नाटक के साथ केंद्र हमेशा अन्याय करता है। उन्होंने कहा कि भाजपा शासित राज्यों को प्राथमिकता दी जाती है, जबकि विपक्षी राज्यों को उनकी हक की रकम नहीं मिलती। उन्होंने कहा कि कर्नाटक ने इस बार भारी नुकसान झेला है जानमाल की क्षति, फसलों की तबाही और इंफ्रास्ट्रक्चर को भारी नुकसान हुआ है। बावजूद इसके हमें पर्याप्त फंड नहीं मिला।

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राज्य में बाढ़ से जन-धन की भारी क्षति

कर्नाटक के कई हिस्सों में इस साल मानसून के दौरान भारी बारिश और बाढ़ से जन-धन की बड़ी क्षति हुई। कई लोगों की मौतें हुईं, घर ढह गए, सड़कों और पुलों को नुकसान पहुंचा, और फसलों का विनाश हुआ। राज्य सरकार ने केंद्र से राहत फंड की मांग की थी, लेकिन जारी की गई राशि पर अब सवाल खड़े हो रहे हैं। राज्य सरकार ने कहा है कि वह केंद्र से और राहत की मांग दोहराएगी ताकि प्रभावित इलाकों में पुनर्निर्माण कार्य तेजी से पूरा किया जा सके।