राहुल गांधी सोशल मीडिया पर काफी एक्टिव रहते हैं. दिलचस्प बात यह है कि वे अक्सर इसे राजनीति से इतर अंदाज में इस्तेमाल करते हैं. कभी उन्हें दिल्ली की मशहूर चाट की दुकान पर स्वाद लेते देखा जाता है, तो कभी लंदन के किसी फेमस कॉफी कैफे में कॉफी बनाते हुए.राहुल गांधी का यह फूड-लवर रूप और उनका कैजुअल व्लॉगिंग स्टाइल लोगों को बेहद पसंद भी आता है.
पुरानी दिल्ली में राहुल गांधी का नया अंदाज
दिवाली के मौके पर राहुल गांधी इस बार पुरानी दिल्ली की ऐतिहासिक घंटेवाला मिठाई की दुकान पर पहुंचे. यहां उन्होंने खुद मिठाई बनाने का अनुभव लिया.वीडियो में वह कड़ाही में इमरती घुमाते और अपने हाथों से बेसन के लड्डू बनाते नजर आए.
वीडियो शेयर करते हुए राहुल गांधी ने कैप्शन में लिखा-पुरानी दिल्ली की मशहूर और ऐतिहासिक घंटेवाला मिठाइयों की दुकान पर इमरती और बेसन के लड्डू बनाने में हाथ आजमाया. सदियों पुरानी इस प्रतिष्ठित दुकान की मिठास आज भी वही है-खालिस, पारंपरिक और दिल को छू लेने वाली. दीपावली की असली मिठास सिर्फ़ थाली में नहीं, बल्कि रिश्तों और समाज में भी होती है. उन्होंने आगे लोगों से पूछा कि आप बताइए, आप अपनी दिवाली कैसे मना रहे हैं और उसे कैसे खास बना रहे हैं?
घंटेवाला मिठाई की दुकान की 237 साल पुरानी विरासत
पुरानी दिल्ली का यह ‘घंटेवाला मिठाई’ शॉप 237 साल पुराना प्रतिष्ठान है.बताया जाता है कि इसके ग्राहक कभी देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू रहे, तो कभी राजीव गांधी. यहां तक कि राजीव गांधी की शादी में भी मिठाई यहीं से भेजी गई थी.दुकान के मालिक ने राहुल गांधी से हंसते हुए कहा कि अब आपकी शादी का इंतजार है, मिठाई का ऑर्डर हमें ही देना.
घंटेवाला नाम की दिलचस्प कहानी
इस दुकान की नींव लाला सुखलाल जैन ने रखी थी, जो मूल रूप से आमेर के रहने वाले थे. शुरुआत में वे ठेले पर मिश्री और मावा बेचते थे, और लोगों का ध्यान खींचने के लिए हाथ में घंटी बजाते हुए गलियों में मिठाई पहुंचाते थे.धीरे-धीरे उनकी मिठाइयों का स्वाद लोगों के दिलों में उतर गया, और लोग उन्हें प्यार से ‘घंटेवाला’ कहने लगे.
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