0

दीप ज्योति परम् ज्योति… आज दीप जलाते हुए करें इस मंत्र का पाठ, दिवाली पर दूर होंगे सभी दोष – diwali deepak importance lakshmi mantra prosperity ntcpvp


दिवाली की शाम को जब दीपक जलाएं तो इसके साथ श्लोक या दीपमंत्र का पाठ भी करना चाहिए. दीपक अपने आप में परमात्मा का प्रतीक है और इसी लौ या ज्योति ही परब्रह्म है. इसलिए इस परब्रह्म को जगाते हुए उनका आह्वान और उनकी आराधना भी करनी चाहिए. 

दीपक की ज्योति में ही घर में निवास करने वाली सुख लक्ष्मी का वास भी होता है. शाम के समय दीपक जलाने से माता लक्ष्मी प्रसन्न होती हैं. इसलिए उनकी प्रसन्नता के लिए दीपक जलाते हुए जरूर दीपक को नमस्कार करना चाहिए. 

इस दौरान ये श्लोक बोलना चाहिए…
दीपज्योतिः परम् ज्योति, दीपज्योतिर्जनार्दनः।
दीपो हरतु मे पापं दीपज्योतिर्नमोस्तुते॥

शुभं करोति कल्याणमारोग्यं धनसंपदा।
 द्वेषबुद्धिविनाशाय दीपज्योतिर्नमोस्तुते॥

आत्म ज्योति प्रदीपाय, गुरुज्योति नमोस्तुते।।

दीपक का यह प्रकाश कितना कल्याणकारी है. इस मंत्र से समझिए जो कहता है. 

दीप ज्योति परम ज्योति, दीप ज्योति जनार्दनः. दीपक की ज्योति वह परम ज्योति है जो जनार्दन (परमात्मा) का स्वरूप है. 

दीप हरतु मे पापं, दीप ज्योति नमोस्तुते, वह दीप समस्त पापों को हर लेने वाला है, उसकी ज्योति को नमस्कार है. 

शुभं करोति कल्याणं, आरोग्यं सुख संपदाः, अर्थात, यह दीपक सभी प्रकार से शुभता और कल्याण करता है. सुख की संपदा में वृद्धि करता है. 

द्वेष बुद्धि विनाशायः, आत्म ज्योति नमोस्तुते. द्वेष रखने वाली बुद्धि का विनाश करता है, इस तरह की आत्मा की ज्योति को मैं नमस्कार करता हूं.

दीपक का प्रकाश परम ब्रह्म का प्रतिनिधित्व करता है. दीपक का प्रकाश जनार्दन (श्री विष्णु) का प्रतिनिधित्व करता है. दीपक का प्रकाश मेरे पापों को दूर करे; दीपज्योति को प्रणाम. 
अन्तर्ज्योतिर्बहिर्ज्योतिः प्रत्यग्ज्योतिः परात्परः।
ज्योतिर्ज्योतिः स्वयंज्योतिरात्मज्योतिः शिवोऽस्म्यहम्॥

जो दिव्‍य प्रकाश मेरे अंदर है, जो दिव्‍य प्रकाश मेरे बाहर है और दुनिया में जो प्रकाश फैला है उसका स्त्रोत एक है. सभी प्रकाशपुंजों का स्रोत एक ही है और वो परमात्‍मा है, शिव है. इस दीपक को प्रतिदिन प्रकाशमान करने की शपथ लेता हूं.

दीपक जलाते हुए यही कामना और प्रार्थना की जाती है कि दीपक हमारे साथ-साथ संसार का कल्याण करें. इसीलिए शाम के समय घर के मुख्य द्वार पर एक दीपक रोज जलाना चाहिए, इससे माता लक्ष्मी प्रसन्न होती हैं और घर में सुख समृद्धि का वास होता है, दीपक जलाते समय ध्यान रखें कि उसे सीधे जमीन पर न रखें, दीपक रखने के लिए पहले किसी अन्न जैसे-चावल, गेहूं या जौं की ढ़ेरी बना लें, उसके ऊपर दीपक रखें, अगर आप मिट्टी का दीपक जला रहे हैं तो ध्यान रखें कि दीपक साफ हो और कहीं से भी टूटा न हो. अखंड दीपक, अखंड सौभाग्य का प्रतीक है.

—- समाप्त —-