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Diwali 2025: दिवाली पर कल सुबह-सुबह कर लें ये 5 काम, घर जरूर पधारेंगी मां लक्ष्मी – diwali 2025 5 morning rituals to welcome goddess lakshmi and prosperity tvisz


हर साल कार्तिक अमावस्या पर दिवाली का त्योहार मनाया जाता है. यह दिन केवल रोशनी और खुशियों का प्रतीक नहीं, बल्कि अंधकार पर प्रकाश की विजय का संदेश भी देता है. दीपावली की रात को महानिशा भी कहा जाता है. “महानिशा” का अर्थ होता है विशेष या महान रात. इस रात को घर-आंगन दीपों से जगमगाया जाता है., मंदिरों और रास्तों को रोशन किया जाता है. लेकिन दिवाली केवल दीपों का त्योहार नहीं, बल्कि घर और मन को शुद्ध करने का पर्व भी है. कहते हैं कि दिवाली की सुबह यदि सही क्रियाएं की जाएं, तो मां लक्ष्मी का वास घर में अवश्य होता है. आइए जानें, दिवाली के दिन सुबह-सुबह कौन से 5 आसान और महत्वपूर्ण काम जरूर किए जाने चाहिए. 

मुख्य द्वार पर रंगाई

घर का मुख्य द्वार सबसे महत्वपूर्ण स्थान होता है. दिवाली से पहले इसे साफ और सुंदर रंगों से सजाना शुभ माना जाता है. रंग-बिरंगे द्वार न केवल घर को आकर्षक बनाते हैं, बल्कि सकारात्मक ऊर्जा और धन को भी आमंत्रित करते हैं. 

दरवाजे पर वंदनवार

वंदनवार या फूलों की माला दरवाजे पर लटकाने से मंगल और सौभाग्य का संकेत मिलता है. मान्यता है कि मुख्य दरवाजे पर वंदनवार लगाने से घर में नेगेटिव एनर्जी प्रवेश नहीं कर पाती है. दिवाली के मौके पर अशोक के पत्ते से बनी वंदनवार लटकाना शुभ माना जाता है. इससे घर में आर्थिक परेशानियां दूर होती है.

घर में गंगाजल का छिड़काव

घर में पवित्रता और सकारात्मकता बनाए रखने के लिए गंगाजल का छिड़काव करने की परंपरा है. गंगाजल के स्पर्श मात्र से राजा भगीरथ के पूर्वजों को मोक्ष मिल गया था. ऐसी मान्यता है कि गंगाजल की वजह से घर में देवी-देवताओं की कृपा बनी रहती है. इसलिए दिवाली पर गंगाजल का छिड़काव जरूर करें.

दरवाजे पर स्वस्तिक बनाएं

स्वस्तिक का चिह्न दरवाजे पर बनाना घर में शांति, स्वास्थ्य और समृद्धि लाने का प्रतीक माना जाता है. यह प्रतीक नकारात्मक ऊर्जा को रोकता और सकारात्मक ऊर्जा को आकर्षित करता है. 

सूर्य को अर्घ्य देकर दिन की शुरुआत करें

सूर्योदय के समय सूर्य को अर्घ्य देना, यानी जल अर्पित करना और सूर्य देव का धन्यवाद करना, घर में उजाला और जीवन में ऊर्जा का प्रतीक माना जाता है. यह क्रिया दिन को मंगलमय और सकारात्मकता से भर देती है. 

इष्टदेव के मंत्रों का करें जप

घर के मंदिर में पूजा करने के बाद दीपक जलाएं और अपने इष्टदेव के मंत्रों का जप करें.  मंत्र जप से मन शांत रहता है और मंत्रों की ध्वनी से घर में पवित्रता बनी रहती है. 

गणेश मंत्र – श्री गणेशाय नम:

शिव मंत्र – ऊँ नम: शिवाय

विष्णु मंत्र – ऊँ नमो भगवते वासुदेवाय

सूर्य मंत्र – ऊँ सूर्याय नम

दुर्गा मंत्र – दुं दुर्गायै नम:

लक्ष्मी मंत्र – ऊँ लक्ष्मी नम:

राम मंत्र – रां रामाय नम:

कृष्ण मंत्र – कृं कृष्णाय नम:

हनुमान मंत्र – श्रीरामदूताय नम:

—- समाप्त —-