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यूपी में 3 करोड़ की प्रतिबंधित कफ सिरप जब्त… चिप्स के कार्टनों में छिपाकर ले जाई जा रही थी खेप – sonbhadra up police seized 3 crore banned cough syrup smuggling ntc


उत्तर प्रदेश पुलिस और आबकारी विभाग की संयुक्त टीम ने नशे के अवैध कारोबार पर बड़ी कार्रवाई करते हुए करीब तीन करोड़ रुपये की प्रतिबंधित कफ सिरप की भारी खेप जब्त की है. इस कार्रवाई में तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है, जो इस सिरप को गाजियाबाद से झारखंड ले जा रहे थे.

अपर पुलिस अधीक्षक अनिल कुमार ने बताया कि शनिवार की शाम चुर्क इलाके में गश्त के दौरान दो संदिग्ध कंटेनर ट्रकों को रोका गया. तलाशी लेने पर दोनों ट्रकों में 1 लाख 19 हजार बोतलें प्रतिबंधित कफ सिरप की बरामद हुईं. जब्त की गई खेप की अनुमानित कीमत करीब 3 करोड़ रुपये आंकी गई है.

पुलिस के अनुसार, जांच के बाद ड्रग इंस्पेक्टर ने पुष्टि की कि इन सिरप की बोतलों में कोडीन (Codeine) नामक नशीला रासायनिक पदार्थ मौजूद है, जो नारकोटिक ड्रग्स एंड साइकॉट्रॉपिक सब्सटेंसेस एक्ट (NDPS Act) के तहत प्रतिबंधित श्रेणी में आता है. यह वही पदार्थ है जिसका दुरुपयोग नशे के तौर पर बड़े पैमाने पर किया जाता है.

चिप्स और स्नैक्स के कार्टनों में छिपाकर की जा रही थी तस्करी

पूछताछ में गिरफ्तार आरोपियों ने खुलासा किया कि वे इस प्रतिबंधित कफ सिरप को चिप्स और नमकीन के कार्टनों के बीच छिपाकर ले जा रहे थे ताकि चेकिंग के दौरान किसी को शक न हो.

गिरफ्तार तस्करों की पहचान हेमंत पाल (शिवपुरी, मध्य प्रदेश), बृजमोहन शिवहरे (ग्वालियर, मध्य प्रदेश) और रामगोपाल धाकड़ (ग्वालियर, मध्य प्रदेश) के रूप में हुई है.

आरोपियों ने बताया कि उन्हें झारखंड में किसी व्यक्ति द्वारा निर्देश मिलने वाले थे कि माल कहां उतारना है, लेकिन पुलिस की कार्रवाई से पहले ही पूरा नेटवर्क पकड़ा गया. पुलिस अब यह पता लगाने की कोशिश कर रही है कि इस अवैध व्यापार के पीछे कौन-कौन लोग शामिल हैं और यह कफ सिरप किन फार्मा कंपनियों या गोदामों से प्राप्त की गई थी.

बड़ी तस्करी का हिस्सा हो सकता है नेटवर्क

पुलिस को शक है कि यह तस्करी किसी बड़े अंतरराज्यीय नेटवर्क का हिस्सा है, जो उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश और झारखंड के बीच सक्रिय है. कफ सिरप में मौजूद कोडीन का इस्तेमाल नशे के रूप में किया जाता है और इसकी तस्करी पिछले कुछ वर्षों में तेजी से बढ़ी है.

अपर पुलिस अधीक्षक ने कहा कि तीनों आरोपियों के खिलाफ एनडीपीएस एक्ट के तहत मामला दर्ज किया गया है और उनके नेटवर्क की पूरी जांच की जा रही है. इसके अलावा पुलिस यह भी जांच करेगी कि खेप से जुड़ी कंपनियों या ट्रांसपोर्ट एजेंसियों की क्या भूमिका रही.

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