दिवाली का त्योहार खुशियों और रोशनी का प्रतीक है, घरों में लाइटें, रंगोली और मिठाइयां बनाई जाती हैं, लेकिन हर साल दिल्ली-NCR में दिवाली का समय वायु प्रदूषण के लिए चुनौती बन जाता है. हालांकि दिवाली से पहले ही दिल्ली-एनसीआर में हवा की जहरीली हो गई है, सेंट्रल पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड के मुताबिक,रविवार को सुबह दिल्ली के अक्षरधाम इलाके में एयर क्वालिटी इंडेक्स 426 दर्ज किया गया है, जो एक खतरनाक कैटेगरी में आता है.
दीवाली के मौके पर पटाखों और धूल-मिट्टी के कारण हवा बेहद गंदी हो जाती है. इस प्रदूषण से बच्चों, बुजुर्गों और बीमार लोगों को खासतौर पर खतरा होता है, उनको सांस लेने में तकलीफ होती है. इसलिए अगर आप नहीं चाहते हैं कि दीवाली के बाद आपके परिवार की पॉल्यूशन से हालात खराब हो जाए, तो कुछ जरूरी काम हैं, जिन्हें सबको दिवाली से पहले करना चाहिए.
घर और आस-पास की सफाई करें
घर, गली और बालकनी की सफाई करना बहुत जरूरी है, कूड़ा-कचरा और धूल हवा को और खराब कर देते हैं. दिवाली से पहले सफाई करने से हवा में धूल कम होगी और पटाखों से निकलने वाला धुआं भी हमारे फेफड़ों पर कम असर डालेगा.
पेड़-पौधे लगाएं और पानी दें
पेड़ और पौधे हवा को साफ करने में मदद करते हैं. इसलिए जितना हो सके हमें अपने आस-पास पेड़-पौधे लगाने चाहिए. अगर आपके पास गार्डन या बालकनी में पौधे हैं तो दिवाली से पहले उन्हें पानी दें. पौधों के पास रहकर आप ताजी हवा ले सकते हैं और पॉल्यूशन के असर को कम कर सकते हैं.
कम धुएं वाले या इलेक्ट्रॉनिक पटाखों का इस्तेमाल करें
आजकल बाजार में कई तरह के कम धुएं वाले और इको-फ्रेंडली पटाखे मिलते हैं. इनका इस्तेमाल करने से हवा में धुआं बहुत कम होगा और आपका परिवार सुरक्षित रहेगा. इसके अलावा घर में लाइट और दिया से भी दिवाली का मजा लिया जा सकता है. जितना हो उतना हमें पटाखे कम ही जलाने चाहिए, क्योंकि उनसे हवा की गुणवत्ता पर काफी असर पड़ता है.
घर के अंदर एयर प्यूरीफायर का इस्तेमाल करें
धुआं और धूल से आंख, नाक और गले में जलन हो सकती है, इसलिए घर में एयर प्यूरीफायर और ह्यूमिडिफायर लगाना फायदेमंद रहता है. यह घर की हवा को साफ और सुरक्षित बनाए रखने में मदद करते हैं.
गाड़ियों और इंडस्ट्री से निकलने वाले धुएं पर कंट्रोल
दिवाली के मौसम में ट्रैफिक और फैक्ट्रियों से भी प्रदूषण बढ़ता है, अपनी व्हीकल की सर्विस कराएं और इस बात पर भी ध्यान दें कि कार या बाइक से ज्यादा धुआं न निकल रहा हो. वहीं इंडस्ट्री से निकलने वाले धुएं पर भी कंट्रोल रखा जाए.
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