उत्तर प्रदेश के बिजनौर में पुलिस ने एक महिला को गिरफ्तार किया है, जिसने खुद को न्यायिक अधिकारी बताकर एक प्राइवेट बैंक से 30 लाख का पर्सनल लोन लेने की कोशिश की थी. महिला के साथ उसके कथित सहायक और ड्राइवर को भी गिरफ्तार किया गया है.
एजेंसी के अनुसार, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक कृष्ण गोपाल ने बताया कि गिरफ्तार महिला की पहचान आयशा परवीन के रूप में हुई है. उसने दावा किया कि वह रामपुर में पदस्थ है. आयशा परवीन ने अपने स्थानीय सहयोगी एडवोकेट अनस के साथ मिलकर बिजनौर स्थित बैंक शाखा में दस्तावेज जमा कर 30 लाख के पर्सनल लोन के लिए आवेदन किया.
हालांकि, जैसे ही लोन को बैंक द्वारा मंजूरी दी गई और महिला पैसे लेने बैंक पहुंची तो बैंक अधिकारियों को संदेह हुआ. उन्होंने जमा किए गए दस्तावेजों का क्रॉस-वेरिफिकेशन (cross-verification) किया. जांच में पाया गया कि दस्तावेज जाली (forged) थे. पुलिस ने बताया कि तीनों को जाली दस्तावेजों लगाने और बैंक से धोखाधड़ी का प्रयास करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है. मामले की गंभीरता को देखते हुए आगे की जांच जारी है.
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प्रारंभिक पूछताछ में आयशा परवीन ने अपनी पहचान न्यायिक अधिकारी के रूप में पेश करने और बैंक से लोन लेने की प्लानिंग की बात स्वीकार कर ली. आयशा फर्जी तरीके से तैयार दस्तावेजों के जरिए पर्सनल लोन लेकर पूरी राशि हड़पना चाहती थी. पुलिस ने कहा कि मामले की जांच जारी है. अन्य संभावित सहयोगियों की पहचान करने के प्रयास किए जा रहे हैं. इस मामले में गिरफ्तारियों के बाद धोखाधड़ी के प्रयासों को रोकने के लिए सुरक्षा और सत्यापन प्रक्रियाओं को और मजबूत किया जा रहा है.
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