मेटा के एक कर्मचारी ने बताया कि सिर्फ 24 साल की उम्र में वह ₹3.2 करोड़ की सालाना सैलरी कमाता है. इतनी सैलरी के बाद भी अब उस काम करने की इच्छा नहीं रह गई है. गुमनाम प्रोफेशनल ऐप ब्लाइंड पर उसने लिखा कि उसने अब तक करीब 7 लाख डॉलर (लगभग ₹5.8 करोड़) की संपत्ति जमा कर ली है.
यूजर ने बताया कि उसका लक्ष्य है कि रिटायर होने से पहले यह रकम 30 लाख डॉलर (लगभग ₹25 करोड़) तक पहुंच जाए, क्योंकि वह अब काम जारी नहीं रखना चाहता. उसने लिखा –“मैं 24 साल का हूं और मेरी कुल संपत्ति 7 लाख डॉलर है. मैं जानता हूं कि मैं बहुत खुशकिस्मत हूं कि इतनी कम उम्र में ये सब मिला, लेकिन अब मेरा मन नौकरी करने का नहीं है.”
क्या है ब्लाइंड ऐप
ब्लाइंड ऐप एक ऐसा प्लेटफार्म है जहां असली कंपनियों के कर्मचारी बिना नाम बताए अपने काम, करियर और ऑफिस से जुड़ी बातें शेयर करते हैं. यह ऐप यह सुनिश्चित करता है कि यूजर सच में उसी कंपनी में काम करता हो. 24 वर्षीय मेटा कर्मचारी का कहना है कि वह 3 करोड़ रुपये के वेतन के बावजूद ‘हर डॉलर बचाने के लिए संघर्ष कर रहा है’. अपनी पोस्ट में यूजर ने लिखा-सिर्फ 24 साल की उम्र में उसे ₹3.2 करोड़ की सालाना सैलरी मिल रही है, लेकिन अब उसमें काम करने की इच्छा नहीं रह गई है.
गुमनाम प्रोफेशनल ऐप ब्लाइंड पर उसने लिखा कि उसने अब तक करीब 7 लाख डॉलर (लगभग ₹5.8 करोड़) की संपत्ति बना ली है. उसका लक्ष्य है कि रिटायर होने से पहले यह रकम 30 लाख डॉलर (लगभग ₹25 करोड़) तक पहुंच जाए, क्योंकि वह अब काम जारी नहीं रखना चाहता. उसने लिखा – “मैं 24 साल का हूं और मेरी कुल संपत्ति 7 लाख डॉलर है. मैं जानता हूं कि मैं बहुत खुशकिस्मत हूं कि इतनी कम उम्र में ये सब मिला, लेकिन अब मेरा मन नौकरी करने का नहीं है.”
बस नौकरी छोड़ना चाहता हूं
मेटा के एक कर्मचारी ने बताया कि वह अब काम करने की इच्छा खो चुका है. उसने गुमनाम ऐप ब्लाइंड पर लिखा कि उसकी कुल संपत्ति लगभग 7 लाख डॉलर (करीब ₹5.8 करोड़) है और सालाना सैलरी ₹3.2 करोड़ है, लेकिन फिर भी उसका मन काम में नहीं लगता. उसने पूछा – “क्या यह सच है कि जब किसी की संपत्ति 10 लाख डॉलर (₹8.3 करोड़) तक पहुंच जाती है, तो पैसा अपने आप तेजी से बढ़ने लगता है? क्या तब जिंदगी आसान हो जाती है?” उसने आगे लिखा, “मुझे काम बिल्कुल पसंद नहीं है. हर दिन खुद को काम पर जाने के लिए मजबूर करता हूं. बस नौकरी छोड़ देना चाहता हूं, लेकिन परिवार के लिए पैसे कमाने पड़ते हैं. इसलिए फंसा हुआ महसूस करता हू”
“हर डॉलर बचाने की जद्दोजहद”
इतनी बड़ी सैलरी और संपत्ति होने के बावजूद, उसने कहा कि वह हर एक डॉलर बचाने के लिए संघर्ष कर रहा है ताकि अपनी बचत बढ़ा सके. उसने लिखा, “मुझे नहीं पता मेरे पास कितना समय बचा है. ऐसा लगता है कि मैं हर डॉलर बचाने की कोशिश कर रहा हूं और धीरे-धीरे अपनी संपत्ति बढ़ते हुए देख रहा हूं. मेरा लक्ष्य 30 लाख डॉलर (करीब ₹25 करोड़) तक पहुंचना है. क्या 10 लाख डॉलर के बाद सब आसान हो जाता है? क्या मंजिल करीब है?”
—- समाप्त —-