अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक बार फिर दोहराया कि भारत अब रूस से तेल नहीं खरीदेगा. उन्होंने यह भी बताया कि हंगरी को मजबूरी में रूस से तेल लेना पड़ रहा है, क्योंकि उसका एकमात्र पाइपलाइन कनेक्शन है और वह समुद्र से घिरा देश नहीं है.
इसके साथ ही यूक्रेन के राष्ट्रपति ज़ेलेंस्की के साथ लंच के दौरान ट्रंप ने कहा कि रूस और यूक्रेन के बीच शांति समझौते की दिशा में प्रगति संभव है, हालांकि दोनों देशों के नेताओं के बीच गहरा अविश्वास और मनमुटाव बना हुआ है.
ट्रंप ने कहा कि राष्ट्रपति ज़ेलेंस्की और राष्ट्रपति पुतिन एक-दूसरे को पसंद नहीं करते. मैं यह बात ज़ेलेंस्की के सामने भी कहता हूं और पुतिन के सामने भी. उनके बीच गहरा मतभेद है, और यही बात शांति समझौते में बाधा बन रही है, लेकिन मुझे लगता है कि हम इसे हल कर लेंगे.
उन्होंने कहा कि अमेरिका की कोशिश है कि यह समझौता लंबे समय तक टिकने वाला और स्थायी हो. ट्रंप ने मिडिल ईस्ट में शांति समझौते का उदाहरण देते हुए कहा कि मिडिल ईस्ट की स्थिति कहीं ज़्यादा जटिल थी. वहां 59 देश शामिल थे, लेकिन सबने सहमति जताई. कइयों को लगा था कि यह नामुमकिन है, लेकिन हमने कर दिखाया. मुझे यकीन है कि रूस-यूक्रेन विवाद भी सुलझ जाएगा. ट्रंप ने बताया कि उनकी रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से बहुत अच्छी बातचीत हुई है और उन्होंने महसूस किया कि पुतिन भी समझौते के पक्ष में हैं.
इस दौरान ट्रंप ने कहा कि हमने एक पनडुब्बी पर हमला किया. वह एक ड्रग ले जाने वाली पनडुब्बी थी, जिसे ख़ास तौर पर भारी मात्रा में ड्रग्स ले जाने के लिए बनाया गया था, ताकि आपको समझ आ जाए. यह कोई निर्दोष लोगों का समूह नहीं था.
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