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सहारनपुर में साइबर सुरक्षा जागरूकता कार्यक्रम, बच्चों को डिजिटल खतरों से बचने की दी गई सीख – saharanpur cyber security awareness program children digital safety lclar


सहारनपुर के जनमत सभागार में शुक्रवार को राष्ट्रीय साइबर सुरक्षा जागरूकता माह के तहत पुलिस विभाग द्वारा एक विशेष कार्यक्रम आयोजित किया गया. इस कार्यक्रम का उद्देश्य बच्चों और युवाओं को डिजिटल खतरों और साइबर फ्रॉड से बचाने का था. सुबह से ही सभागार में स्कूली बच्चों की भारी उपस्थिति रही. मंच पर साइबर एक्सपर्ट डॉ. रक्षित टंडन ने सरल और रोचक भाषा में बताया कि इंटरनेट जितना उपयोगी है, उतना ही खतरनाक भी हो सकता है.

कार्यक्रम का उद्घाटन पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) ने लखनऊ से वर्चुअली किया. मंच पर मंडलायुक्त, डीआईजी, जिलाधिकारी और एसएसपी सहारनपुर मौजूद रहे. एसएसपी आशीष तिवारी ने बच्चों को बताया कि साइबर फ्रॉड अब किसी एक क्लिक की दूरी पर है. 

साइबर सुरक्षा जागरूकता अभियान

उन्होंने चेताया कि AI और ChatGPT जैसे टूल्स का गलत इस्तेमाल दिमाग को सुस्त कर रहा है. बच्चों से अपील की कि इंटरनेट पर बिना सोचे-समझे कोई भी फाइल, लिंक या जानकारी साझा न करें. उन्होंने कहा कि आजकल फोटो चोरी नहीं बल्कि फोटो से धोखा हो रहा है और फेक फोटो वायरल होने से बड़ा नुकसान हो सकता है.

टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल सोच समझकर करें

डीआईजी अभिषेक सिंह ने बताया कि यह अभियान सहारनपुर से शुरू होकर पूरे मेरठ जोन में चलेगा. उन्होंने कहा कि पुलिस कर्मियों को भी साइबर अपराध की रोकथाम की ट्रेनिंग दी जाएगी. डॉ. रक्षित टंडन ने बच्चों को सवाल-जवाब और क्विज प्रतियोगिता के जरिए फेक वीडियो, फेक फोटो और फेक खबरों के खतरों के बारे में समझाया. कार्यक्रम के अंत में सही जवाब देने वाले बच्चों को पुलिस अधिकारियों ने सम्मानित किया. इस आयोजन ने साबित किया कि साइबर सुरक्षा सिर्फ टेक्नोलॉजी का नहीं बल्कि सोच का भी हिस्सा है. सहारनपुर इस मामले में जागरूकता का उदाहरण बनकर उभरा है.

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