0

रिश्वतखोरी के आरोप में पकड़े गए DIG भुल्लर को 14 दिन की न्यायिक हिरासत, घर से मिला था करोड़ों रुपए कैश – dig hs bhullar judicial custody nabbed corruption case cbi opnm2


पंजाब पुलिस के डीआईजी हरचरण सिंह भुल्लर को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेजा गया है. गुरुवार को पुलिस उप महानिरीक्षक (रोपड़ रेंज) भुल्लर को 8 लाख रुपए के रिश्वत के एक मामले में जांच के दौरान सीबीआई ने गिरफ्तार किया था. उनके चंडीगढ़ के सेक्टर 40 स्थित घर से 5 करोड़ रुपए नकद, 1.50 किलो सोना, अचल संपत्तियों के दस्तावेज, दो लग्जरी कारों की चाबियां, 22 लग्जरी घड़ियां, लॉकर की चाबियां, 40 लीटर विदेशी शराब, एक डबल बैरल बंदूक, एक पिस्तौल, एक रिवॉल्वर और एक एयरगन सहित भारी मात्रा में गोला-बारूद बरामद हुआ था.

जानकारी के मुताबिक, यह मामला एक कबाड़ व्यापारी की शिकायत के बाद सामने आया है. फतेहगढ़ साहिब के मंडी गोबिंदगढ़ के स्क्रैप कारोबारी आकाश बट्टा ने सीबीआई में शिकायत दी कि डीआईजी हरचरण सिंह भुल्लर ने उनके खिलाफ 2023 में दर्ज एफआईआर को निपटाने के लिए 8 लाख रुपए की रिश्वत मांगी थी. इस शिकायत में बताया गया कि भुल्लर ने यह डील अपने बिचौलिए किरशनु के जरिए तय कराई थी. यही नहीं उन्होंने व्यापारी से यह भी कहा था कि यह सेवा-पानी हर महीने देना होगा, वरना पुलिस उनके स्क्रैप कारोबार में फर्जी केस डाल देगी.

16 अक्टूबर को दर्ज एफआईआर में लिखा है कि 11 अक्टूबर को चंडीगढ़ के सेक्टर 9-डी मार्केट में हुई एक रिकॉर्डेड व्हाट्सएप कॉल में डीआईजी भुल्लर अपने बिचौलिए किरशनु को निर्देश देते सुने गए. उन्होंने उससे कहा, ”8 फाड़ने ने 8. जिन्ना देंदा नाल नाल फाड़ी चल, ओहनु कहे 8 कर दे पूरा.”‘ यानी उन्होंने बिचौलिए को साफ निर्देश दिया कि शिकायतकर्ता से 8 लाख रुपए वसूल करो. इस पर किरशनु ने आगे व्यापारी से कहा, ”एड्डा कहना पता की है. कहना है अगस्त दा नी आया, सितंबर दा नी आया.” यानी डीआईजी रिश्वत को महीने वसूलने की तैयारी में थे.

सीबीआई की जांच में यह भी पाया गया कि मोबाइल कॉल में जो नंबर इस्तेमाल हुआ, वो भुल्लर के नाम से पंजीकृत था. जांच टीम ने कॉल रिकॉर्डिंग और स्टेटमेंट्स का मिलान कर यह निष्कर्ष निकाला कि रिश्वत की मांग न सिर्फ स्पष्ट थी, बल्कि उसका सौदा भी पक्का हो चुका था. इस आधार पर सीबीआई ने बिचौलिए किरशनु को भी गिरफ्तार कर लिया. उसके पास से 21 लाख रुपए नकद बरामद हुए. उससे पूछताछ के बाद डीआईजी को भी गिरफ्तर कर लिया गया. दोनों को सीबीआई कार्यालय चंडीगढ़ ले जाया गया. यहां आज दोनों अदालत में पेश किया गया.

सीबीआई जांच के दौरान यह भी साबित हुआ कि डीआईजी भुल्लर ने अपने सहयोगी के जरिए से शिकायतकर्ता से 8 लाख रुपये की रिश्वत मांगने और स्वीकार करने की सहमति दी थी. यह रिश्वत 2023 की एफआईआर को निपटाने और उसके बाद स्क्रैप कारोबार में बिना पुलिस हस्तक्षेप के काम जारी रखने के एवज में दी जा रही थी. हरचरण सिंह भुल्लर नवंबर 2024 में डीआईजी (रोपड़ रेंज) बनाए गए थे. उनके अधिकार क्षेत्र में मोहाली, रूपनगर और फतेहगढ़ साहिब जैसे अहम जिले शामिल थे. वो पंजाब के पूर्व पुलिस महानिदेशक एम.एस. भुल्लर के बेटे हैं.

उन्होंने करियर में कई अहम जिम्मेदारियां संभालीं. वे डीआईजी (पटियाला रेंज), संयुक्त निदेशक सतर्कता ब्यूरो और जगराओं, मोहाली, संगरूर, फतेहगढ़ साहिब, खन्ना, होशियारपुर और गुरदासपुर में एसएसपी रह चुके हैं. इन्होंने ही साल 2021 में शिरोमणि अकाली दल के नेता बिक्रम सिंह मजीठिया के खिलाफ दर्ज ड्रग्स केस की जांच करने वाले विशेष जांच दल का नेतृत्व किया था. उस वक्त वे पंजाब सरकार के नशा विरोधी अभियान ‘युद्ध नशिया विरुद्ध’ में भी सक्रिय भूमिका निभा रहे थे. कभी माफिया पर शिकंजा कसने वाले अफसर पर अब वसूली का जाल बुनने का आरोप है.

—- समाप्त —-