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अब इंडियन एयरफोर्स स्वदेशी फाइटर जेट से दुश्मन पर गिराएगा बम, Tejas Mk1A ने भरी पहली उड़ान – Tejas Mk1A takes its maiden flight nashik rajnath singh indian air force


भारत का स्वदेशी लड़ाकू विमान तेजस Mk1A नासिक में आज यानी 17 अक्टूबर 2025 को अपनी पहली आधिकारिक उड़ान भरी. इस मौके पर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह भी मौजूद थे. हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) की नासिक फैक्ट्री में यह उड़ान थी. इसी दिन HAL की LCA (लाइट कॉम्बैट एयरक्राफ्ट) के लिए तीसरी प्रोडक्शन लाइन और HTT-40 ट्रेनर विमान की दूसरी प्रोडक्शन लाइन का उद्घाटन भी हुआ. यह भारत की रक्षा क्षमता को मजबूत बनाने का बड़ा कदम है. 

तेजस Mk1A: भारत का गौरव, क्यों है यह खास?

तेजस भारत का अपना बनाया हुआ लड़ाकू विमान है. यह 4.5 पीढ़ी का मल्टी-रोल फाइटर जेट है, यानी यह हवाई रक्षा, जमीन पर हमला और समुद्री हमले सब कर सकता है. पहले तेजस Mk1 विमान पहले से ही वायुसेना में हैं, लेकिन Mk1A इसका एडवांस्ड वर्जन है. इसमें नई तकनीकें लगी हैं, जो इसे और ताकतवर बनाती हैं.

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पिछले कुछ सालों में तेजस ने कई ट्रायल उड़ानें भरी हैं, लेकिन आज की उड़ान खास थी, क्योंकि यह वायुसेना में शामिल होने से पहले की आखिरी तैयारी है. HAL ने इसके लिए बहुत मेहनत की है. इंजन की देरी की वजह से प्रोजेक्ट थोड़ा धीमा पड़ा था, लेकिन अब जनरल इलेक्ट्रिक ने 4 इंजन दे दिए हैं.

इस साल कुल 12 इंजन मिलने का वादा है. 10 विमान तैयार हैं. ट्रायल में स्वदेशी अस्त्र BVR (बियॉन्ड विजुअल रेंज) एयर-टू-एयर मिसाइल, ASRAAM (एडवांस शॉर्ट रेंज एयर-टू-एयर मिसाइल) और लेजर-गाइडेड बम का सफल टेस्ट हो चुका है.

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अनुबंध और उत्पादन: कितने विमान बनेंगे?

भारतीय वायुसेना को तेजस की सख्त जरूरत है. 26 सितंबर को मिग-21 के दो स्क्वॉड्रन (कुल 40 विमान) को रिटायर कर दिया गया. इससे वायुसेना के फाइटर स्क्वॉड्रन की संख्या घटकर 30 रह गई है. ऑपरेशन सिंदूर के बाद पाकिस्तान चीन से पांचवीं पीढ़ी के फाइटर जेट खरीद रहा है. चीन भी अपने सभी विमानों को 5वीं पीढ़ी में बदल रहा है. ऐसे में भारत को अपनी ताकत बढ़ानी है. तेजस इसी कमी को पूरा करेगा.

  • पहला अनुबंध: 40 तेजस Mk1 विमान. लगभग पूरा हो चुका, दो स्क्वॉड्रन बन चुके हैं.
  • दूसरा अनुबंध: 2021 में 83 तेजस Mk1A का ऑर्डर. डील पूरी, डिलीवरी 2029 तक. आज का पहला विमान इसी का है.
  • नया अनुबंध: 25 सितंबर को 97 और विमान का डील साइन. डिलीवरी 2027 से 2034 तक. इससे कुल 4 स्क्वॉड्रन बनेंगे.

HAL की नई प्रोडक्शन लाइनें उत्पादन को तेज करेंगी. नासिक में तीसरी LCA लाइन और HTT-40 की दूसरी लाइन से सालाना ज्यादा विमान बन सकेंगे.

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क्यों है यह मील का पत्थर?

यह उड़ान सिर्फ एक विमान की नहीं, बल्कि भारत की आत्मनिर्भरता की जीत है. वायुसेना की ताकत बढ़ेगी, ऑपरेशनल फ्लेक्सिबिलिटी आएगी. तेजस Mk1A Mk2 (2027 में रोलआउट) और AMCA (पांचवीं पीढ़ी का स्टेल्थ विमान) तक का पुल बनेगा. नासिक फैक्ट्री पहले रूसी विमान जोड़ती थी, अब स्वदेशी उत्पादन कर रही है.

इससे नौकरियां बढ़ेंगी और रक्षा निर्यात भी संभव होगा. ऑपरेशन सिंदूर जैसे अभियानों ने दिखाया कि भारत को मजबूत हवाई ताकत चाहिए. पाकिस्तान-चीन की बढ़ती साजिशों के बीच तेजस जवाब देगा. HAL तेजस Mk2 पर काम कर रही है, जो और एडवांस्ड होगा. AMCA प्रोजेक्ट भी तेजी पकड़ रहा है. नई प्रोडक्शन लाइनें से सालाना 24 से ज्यादा विमान बन सकेंगे. वायुसेना को 30-40 स्क्वॉड्रन चाहिए, तेजस इसे पूरा करेगा.

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