रूस के भारत में राजदूत डेनिस अलीपोव ने एक बड़ी खबर दी है. उन्होंने कहा है कि रूस भारत के साथ रक्षा संबंधों को और मजबूत करेगा. हम भारत के AMCA प्रोजेक्ट की मदद के लिए तैयार हैं. इसके लिए Su-57 नामक पांचवीं पीढ़ी के लड़ाकू विमान का उत्पादन भारत में ही होगा. यह भारत के लिए बहुत अच्छी बात है.
रूस-भारत के पुराने दोस्ती के रक्षा संबंध
भारत और रूस 60 साल से ज्यादा समय से रक्षा के क्षेत्र में दोस्त हैं. रूस ने भारत को कई हथियार और विमान दिए हैं. जैसे…
- मिग-21 विमान, जो पुराने दिनों में भारतीय हवाई सेना की ताकत था.
- सु-30एमकेआई लड़ाकू विमान, जो आज भी इस्तेमाल होते हैं.
- ब्रह्मोस मिसाइल, जो भारत-रूस का संयुक्त प्रोजेक्ट है.
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हाल ही में, 2024 में सु-30 के अपग्रेड किट्स डिलीवर हुए. रूस भारत को हमेशा सपोर्ट करता रहा है. अब, जब भारत आत्मनिर्भर बनना चाहता है. रूस इसमें मदद कर रहा है. यह साझेदारी अमेरिका और फ्रांस जैसे देशों के साथ भी चल रही है, लेकिन रूस के साथ खास है.
VIDEO | Delhi: Russian Ambassador to India Denis Alipov says, “Russia will boost defence ties with India and is ready to support India’s AMCA project with local production of the Su-57 fifth-generation fighter aircraft.”
(Full video available on PTI Videos -… pic.twitter.com/mZSJcCXI32
— Press Trust of India (@PTI_News) October 16, 2025
AMCA प्रोजेक्ट क्या है?
AMCA का पूरा नाम है एडवांस्ड मीडियम कॉम्बैट एयरक्राफ्ट. यह भारत का अपना बनाया जाने वाला पांचवीं पीढ़ी का स्टील्थ (अदृश्य) लड़ाकू विमान है. स्टील्थ का मतलब है कि यह रडार पर कम दिखता है, जैसे अदृश्य योद्धा. यह प्रोजेक्ट हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) और दूसरे भारतीय कंपनियों द्वारा चलाया जा रहा है.
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- इसका लक्ष्य: भारत की हवाई सेना को मजबूत बनाना. चीन के J-20 और पाकिस्तान के संभावित नए विमानों का मुकाबला करना.
अभी यह विकास के चरण में है. 2025 तक भारत को इसमें तेजी लानी है. लेकिन कुछ तकनीकें, जैसे इंजन और स्टील्थ कोटिंग मुश्किल हैं. यहां रूस की मदद काम आएगी.
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Su-57 विमान क्या है?
Su-57 रूस का सबसे आधुनिक पांचवीं पीढ़ी का लड़ाकू विमान है. इसे फेलॉन भी कहते हैं. यह भी स्टील्थ है. तेज उड़ता है. कई हथियार ले जा सकता है. यह मल्टीरोल है यानी हमला, रक्षा और टोह लेने का काम कर सकता है. रूस का एक्सपोर्ट वर्जन Su-57E है, जो भारत के लिए है. रूस ने कहा है कि यह विमान बहुत प्रतिस्पर्धी है. अब, इसे भारत में ही बनाया जाएगा, न कि सिर्फ आयात किया जाए.
यह प्रस्ताव कैसे मदद करेगा?
राजदूत अलीपोव ने कहा कि Su-57 का उत्पादन भारत में होगा. इससे…
- तकनीक ट्रांसफर: रूस स्टील्थ कोटिंग (अदृश्य बनाने की परत), सुपरक्रूज इंजन (बिना आफ्टरबर्नर के तेज उड़ान) और उन्नत इलेक्ट्रॉनिक्स देगा. ये AMCA के लिए बहुत जरूरी हैं.
- भारत में उत्पादन: HAL, टाटा एडवांस्ड सिस्टम्स और लार्सन एंड टूब्रो जैसी कंपनियां मिलकर बनाएंगी. इससे हजारों नौकरियां पैदा होंगी.
- AMCA का ब्रिज: Su-57 AMCA तक का पुल बनेगा. पहले Su-57 सीखकर, भारत AMCA को तेजी से पूरा कर सकेगा.
- क्षेत्रीय सुरक्षा: इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में भारत की हवाई ताकत बढ़ेगी. चीन और पाकिस्तान के खतरे का जवाब दे सकेगा.
क्यों है यह महत्वपूर्ण?
- आत्मनिर्भर भारत: भारत अब विदेशी हथियारों पर कम निर्भर होगा. खुद बनाएगा और एक्सपोर्ट भी कर सकेगा.
- रूस के लिए फायदा: रूस को सैंक्शंस (प्रतिबंध) की समस्या है. भारत से डील से उनकी अर्थव्यवस्था मजबूत होगी.
- रणनीतिक साझेदारी: यह QUAD (भारत-अमेरिका-जापान-ऑस्ट्रेलिया) जैसे गठबंधनों के बीच संतुलन बनाए रखेगा.
विशेषज्ञ कहते हैं कि यह डील भारत को पांचवीं पीढ़ी की तकनीक में आगे ले जाएगी. भविष्य में छठी पीढ़ी के प्रोजेक्ट्स पर भी काम हो सकता है. डेनिस अलीपोव का यह बयान भारत-रूस दोस्ती का नया अध्याय है. Su-57 का भारत में उत्पादन AMCA को पंख देगा. इससे हमारी वायु सेना और मजबूत बनेगी.
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