स्मृति ईरानी सुर्खियों में रहने की आदी हैं. टीवी शो ‘क्योंकि सास भी कभी बहू थी’ में तुलसी विरानी के रूप में छोटे पर्दे पर राज करने से लेकर राजनीति में अपनी मजबूत जगह बनाने तक, उन्होंने कई जिंदगियां जी हैं. ये सब उन्होंने हमेशा चर्चा में रहकर किया है. लगभग दो दशक बाद वह ‘क्योंकि’ के बहुचर्चित रिवाइवल में अपनी भूमिका में वापस लौटी हैं. इंडिया टुडे/आजतक के साथ एक खास बातचीत में स्मृति ईरानी ने ट्रोलिंग, बॉडी शेमिंग और शो में बॉडी डबल के साथ शूटिंग की चर्चाओं पर खुलकर बात की.
जब ‘क्योंकि’ रीवाइवल की घोषणा हुई, तो सोशल मीडिया पर कई तरह की अटकलें शुरू हो गई थीं. कुछ में कहा गया कि स्मृति मोटी रकम लेकर आई हैं. तो कुछ में यह अफवाह थी कि उनकी अनुपलब्धता के कारण निर्माताओं ने एक बॉडी डबल के साथ शूटिंग की. जबकि स्मृति ने अपने क्लोजअप्स अलग दिन और समय पर शूट किए. इस पर प्रतिक्रिया देते हुए स्मृति ईरानी ने कहा कि वह ऐसी खबरों पर ध्यान नहीं देतीं.
एक्ट्रेस ने कहा, ‘मुझे पता है कि ये अफवाह किसने शुरू किए. वो लोगों, भगवान उनका भला करे, मुझे उनकी परवाह नहीं है. मुझे ठीक-ठीक पता है कि इसे किसने शुरू किया.’ हालांकि स्मृति ने शख्स के नाम का खुलासा नहीं किया. उन्होंने मुस्कुराते हुए कहा, ‘उन लोगों को मैं यही कहूंगी कि मुझ पर पत्थर फेंकने से भी आप स्मृति ईरानी नहीं बन जाएंगे.’
स्मृति की टेलीविजन पर वापसी ने उनकी राजनीतिक यात्रा को लेकर भी चर्चाएं तेज कर दी हैं. कुछ लोगों ने मान लिया कि पिछले साल की चुनावी हार के बाद वह एक्टिंग की दुनिया में लौट आईं. स्मृति ने इन अटकलों को सहजता से खारिज करते हुए कहा, ‘मैं मंत्री बनने से पहले भी एक्टिंग कर रही थी. मुझे लगता है कि लोग मेरे जीवन के इस पहलू को नहीं जानते. तो जब लोग आपके जीवन के बारे में नहीं जानते, तो आप अपना समय खुद को समझाने में क्यों बर्बाद करें?’
अपने राजनीतिक भविष्य के बारे में स्मृति ने सतर्क रुख अपनाया. जब उनसे पूछा गया कि क्या वह फिर से चुनाव लड़ने की योजना बना रही हैं, तो उन्होंने मजाकिया अंदाज में कहा, ‘मैं आपको राजनीति की सच्चाइयों से बोर नहीं करूंगी… यह कुछ ऐसा है जो नेतृत्व तय करता है.’
स्मृति ईरानी को अक्सर उनके वजन और उनके किरदार की शक्ल-सूरत को लेकर टिप्पणियों का सामना करना पड़ा है. ये सार्वजनिक जीवन में अधिकांश महिलाओं को झेलना पड़ता है. लेकिन स्मृति इससे बेफिक्र रहती हैं. उन्होंने कहा, ‘क्योंकि मैं लोगों से मान्यता की तलाश नहीं करती. मुझे पता है कि कुछ एक्टर ऐसा दिखाते हैं कि उन्हें बहुत चोट पहुंची है और विभिन्न पीआर नेटवर्क के जरिए बकवास करते हैं. मैं ऐसा नहीं करती क्योंकि मैंने कभी भी इंसान के रूप में या एक्टर के रूप में बनावटी विवादों या लोगों की बातों से मान्यता नहीं मांगी.’
स्मृति के लिए आलोचना और नफरत को अलग करना महत्वपूर्ण है. उन्होंने कहा, ‘मैं बहुत आभारी हूं कि एक राजनेता के रूप में मुझे अपने देश की सेवा करने का अवसर मिला. एक मीडिया व्यक्तित्व के रूप में मुझे अपनी कला को व्यक्त करने का मौका मिला. इसके अलावा अगर मेरे पास रचनात्मक आलोचना आती है, तो मैं उस पर पूरी तरह ध्यान देती हूं और अपनी कमियों को सुधारने की कोशिश करती हूं. लेकिन मुझे यह भी पता है कि कब नफरत सिर्फ नफरत के लिए की जा रही है.’ बता दें कि ‘क्योंकि सास भी कभी बहू थी’ स्टार प्लस पर प्रसारित और जियोहॉटस्टार पर भी स्ट्रीम होता है.
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