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‘चुनाव के बाद विधायक दल तय करेगा बिहार का CM’, बोले अमित शाह – panchayat aajtak bihar assembly election amit shah nda cm face nitish kumar ntc


पटना में ‘पंचायत आजतक-बिहार’ के मंच से केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि एनडीए की जीत के बाद मुख्यमंत्री कौन होगा, यह फैसला विधायक दल करेगा. उन्होंने कहा कि वर्तमान में एनडीए नीतीश कुमार के नेतृत्व में ही चुनाव लड़ रहा है. नीतीश कुमार पर न सिर्फ बीजेपी, बल्कि बिहार की जनता को भी पूरा भरोसा है.

सीएम फेस के सवाल पर अमित शाह ने साफ कहा, ‘मैं किसी को मुख्यमंत्री बनाने वाला कौन होता हूं. इतनी सारी पार्टियों का गठबंधन है. चुनाव के बाद जब बैठेंगे, विधायक दल के नेता बैठेंगे और अपना नेता तय कर लेंगे. अभी हम नीतीश कुमार के नेतृत्व में ही चुनाव लड़ रहे हैं और हमारे चुनाव का नेतृत्व नीतीश कुमार ही कर रहे हैं.’

‘अभी भी हमारे विधायक ज्यादा, फिर भी नीतीश ही CM’

जब उनसे पूछा गया कि अगर बीजेपी के विधायक ज्यादा हो गए तो भी क्या नीतीश कुमार ही मुख्यमंत्री होंगे. इस पर अमित शाह ने कहा, ‘हमारे विधायक अभी भी ज्यादा हैं, फिर भी नीतीश कुमार ही सीएम हैं.’

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‘नीतीश कुमार पर बीजेपी और जनता दोनों को भरोसा’

नीतीश कुमार पर भरोसे के सवाल पर अमित शाह ने कहा, ‘नीतीश कुमार भारतीय राजनीति के बहुत प्रमुख नेता हैं. वो कभी कांग्रेस में नहीं रहे. कांग्रेस के साथ रहने का उनका रिकॉर्ड भी कभी ढाई साल से ज्यादा नहीं रहा.’ उन्होंने कहा कि किसी व्यक्ति का मूल्यांकन करने के लिए उसके जीवन के बड़े हिस्से को देखना चाहिए.

उन्होंने कहा, ‘नीतीश कुमार ठेठ समाजवादी नेता हैं. जन्म से ही कांग्रेस के विरोधी रहे हैं. जेपी आंदोलन के प्रमुख नेता रहे और इमरजेंसी के दौरान कांग्रेस के खिलाफ अच्छी-खासी लड़ाई लड़ी. मैं मानता हूं कि बीजेपी को तो भरोसा है ही, बिहार की जनता को भी नीतीश कुमार पर भरोसा है.’

‘जिन्हें भ्रष्टाचार की आदत है, डर उन्हें लग रहा’

अमित शाह ने 130वें संविधान संशोधन को लेकर उठाए जा रहे सवालों पर भी सफाई दी. उन्होंने कहा कि यह संशोधन विपक्ष को निशाना बनाने के लिए नहीं है, बल्कि सभी चुने हुए प्रतिनिधियों पर समान रूप से लागू होता है. उन्होंने कहा कि जिन्हें भ्रष्टाचार की आदत है, डर उन्हीं को लग रहा है. उन्होंने विपक्ष के आरोपों को झूठा बताते हुए कहा कि मोदी सरकार पर अब तक भ्रष्टाचार का एक भी आरोप नहीं लगा, जबकि कांग्रेस के शासन में 12 लाख करोड़ के घोटाले हुए.

‘क्या जेल से सरकार चलानी चाहिए?’

अमित शाह ने जेल से सरकार चलाने वाले नेताओं पर भी निशाना साधा. उन्होंने कहा कि संविधान निर्माताओं ने कभी यह नहीं सोचा था कि कोई इतना निर्लज्ज हो सकता है जो जेल में रहकर सरकार चलाए. उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि ऐसी घटनाएं तमिलनाडु और दिल्ली में हुई हैं और सवाल उठाया कि क्या किसी मुख्यमंत्री, मंत्री या प्रधानमंत्री को जेल में बैठकर सरकार चलानी चाहिए. उन्होंने कहा कि लोकतंत्र में यह स्थिति स्वीकार्य नहीं हो सकती.

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