उत्तर प्रदेश में स्पेशल टास्क फोर्स ने नकली डीएपी और उर्वरक बनाने और बेचने वाले गिरोह का पर्दाफाश किया. इस कार्रवाई में तीन आरोपी गिरफ्तार किए गए हैं. मुख्य सरगना राहुल सिंघल, सुभाष सिंह और जगन सिंह पर किसानों को नकली खाद बेचने का आरोप है.
एसटीएफ ने 500 बोरी नकली और संदिग्ध उर्वरक बरामद किए. इनमें 35 बैग भारत डीएपी (आईपीएल मार्का), 450 बैग विराट भूमि शक्ति मार्का और 550 बिना मार्का बैग शामिल हैं. इसके अलावा 1200 खाली बैग, 1000 बिना प्रिंट बैग, 50 रील सिलाई धागे, एक पैकिंग मशीन, एक ट्रक और एक बोलेरो भी जब्त की गई.
नकली डीएपी और उर्वरक बनाने वाले गैंग का पर्दाफाश
पहली गिरफ्तारी 15 अक्टूबर को मथुरा के तारसी चौराहा से और दूसरी मुरादनगर, गाजियाबाद से हुई. एसटीएफ को सूचना मिली थी कि नकली डीएपी बनाकर बाजार में बेची जा रही है. एएसपी राकेश और निरीक्षक यतीन्द्र शर्मा की अगुवाई में टीम ने कार्रवाई की.
पूछताछ में मुख्य आरोपी राहुल सिंघल ने बताया कि नकली डीएपी का कच्चा माल मुजफ्फरनगर से आता था और खाली बैग जयपुर और कोलकाता से मंगवाए जाते थे. खाद यूपी, राजस्थान और अन्य राज्यों में बेची जाती थी. इस काम से तीन से चार गुना मुनाफा होता था.
एसटीएफ ने तीन आरोपियों को किया गिरफ्तार
गिरोह ने गोदाम मासिक 25,000 रुपये पर किराए पर लिया था. जिलाधिकारी मथुरा और गाजियाबाद ने अभियोग चलाने की अनुमति दी. आरोपियों पर आवश्यक वस्तु अधिनियम 1955 की धारा 3/7 और अन्य धाराओं में मुकदमे दर्ज किए गए हैं. एसटीएफ की इस बड़ी सफलता से नकली खाद बेचने वाले गिरोह का नेटवर्क उजागर हुआ और किसानों को होने वाले नुकसान से बचाया गया.
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