साइबर ठगी का एक नया केस सामने आया है. मुंबई के बिजनेसमैन को साइबर ठगों ने डराकर डिजिटल अरेस्ट किया. करीब ढाई महीने तक चले इस साइबर ठगी के केस में बिजनेसमैन के साथ उनकी पत्नी को भी शिकार बनाया है. ये जानकारी पुलिस ने दी है.
पुलिस ने बताया कि पहले विक्टिम के पास एक अनजान नंबर से कॉल आया. कॉल करने वाले ने बताया कि वह प्रवर्तन निदेशालय (ED) के दफ्तर से बात कर रहे हैं. इसके बाद दूसरी कॉल आई, जिसमें कहा कि वे केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (CBI) ऑफिसर बोल रहे हैं. पुलिस ने बताया कि उन्होंने इस मामले की जांच में तीन लोगों को गिरफ्तार किया है.
मनी लाउंड्रिंग में शामिल होने के फर्जी आरोप
पुलिस ने बताया कि साइबर ठगी के इस केस में विक्टिम को बताया कि उनके नाम का इस्तेमाल मनी लाउंड्रिंग में हुआ है. साइबर ठगी का ये केस 19 अगस्त से 8 अक्टूबर से बीच चला. विक्टिम को वीडियो कॉल किया, जिसके बाद उनकी पत्नी और उनको डिजिटल अरेस्ट कर लिया गया है.
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गिरफ्तार करने की धमकी तक दे डाली
विक्टिम को डराया, धमकाया और गिरफ्तारी तक की धमकी दे डाली है. इसके बाद विक्टिम से अलग-अलग के बैंक अकाउंट की डिटेल्स शेयर की गई और रुपये ट्रांसफर करने को कहा. विक्टिम ने RTGS से रुपये ट्रांसफर कर दिए. ये अमाउंट करीब 18 अलग-अलग बैंक अकाउंट में ट्रांसफर किया है.
दर्ज कराई पुलिस कंप्लेंट
विक्टिम को जब पता चला कि वह साइबर ठगी का शिकार हो चुके हैं. इसके बाद उन्होंने साइबर सेल से संपर्क किया और पूरे मामले की जानकारी दी. इसके बाद पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू की. इसके बाद आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया.
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आरोपियों को किया गिरफ्तार
पुलिस ने बताया कि फाइनेंशियल डिटेल्स की मदद से आरोपी को ट्रैक किया और गिरफ्तार किया गया है. एक आरोपी को मुंबई के मलाड से गिरफ्तार किया है, जिसका नाम अब्दुल(47) है. अन्य दो को सेंट्रल मुंबई से गिरफ्तार किया, जिनके नाम अर्जुन (55) और उसके भाई जेठाराम (35) है.
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