भारतीय मूल के प्रसिद्ध अमेरिकी स्कोलर एश्ले जे टेलिस ने अपने ऊपर लगे आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया है. उनके वकील ने आरोपों को झूठा करार देते हुए कहा कि हम इन आरोपों के खिलाफ पूरी ताकत से लड़ेंगे.
दरअसल, अमेरिकी जांच एजेंसियों ने इस हफ्ते की शुरुआत में एश्ले टेलिस को गलत तरीके से सरकारी डॉक्यूमेंट रखने और चीनी अधिकारियों से मुलाकात के आरोप में शनिवार को हिरासत में लिया था और सोमवार को औपचारिक आरोप में गिरफ्तार कर लिया. वह पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति जॉर्ज बुश के कार्यकाल में वरिष्ठ पदों और विदेश विभाग में अनपेड़ एडवाइजर के रूप में कार्यरत थे.
पूरी ताकत से करेंगे विरोध
टेलिस के अधिवक्ता ने कहा, ‘एश्ले जे टेलिस एक सम्मानित स्कोलर और वरिष्ठ नीति सलाहकार हैं. हम उनके खिलाफ लगाए गए आरोपों का पूरी ताकत से विरोध करेंगे.’
क्या है आरोप
मंगलवार को सार्वजनिक किए गए कोर्ट फाइलिंग में आरोप लगाया गया है कि टेलिस 25 सितंबर को देर रात स्टेट डिपार्टमेंट में घुसे और अमेरिकी वायु सेना की तकनीकों से संबंधित गोपनीय जानकारी वाले डॉक्यूमेंट्स प्रिंट किए.
एफबीआई के एक विशेष एजेंट के अनुसार, टेलिस के वर्जीनिया स्थित घर की तलाशी में फाइलिंग कैबिनेट, बेसमेंट डेस्क और यहां तक कि कचरे के बैगों समेत कई जगहों पर 1,000 से अधिक ‘टॉप-सीक्रेट’ और ‘सीक्रेट’ डॉक्यूमेंट पाए गए हैं.
टेलिस ने जांच में किया सहयोग
जांचकर्ताओं ने बताया कि तलाशी के दौरान टेलिस ने अधिकारियों के साथ सहयोग किया. उन्होंने अपनी फिंगरप्रिंट से एक लैपटॉप को अनलॉक किया और फाइलिंग कैबिनेट की चाबियां भी प्रदान कीं. अपने सरकारी पदों के कारण, उनके पास संवेदनशील ‘कंपार्टमेंटलाइज्ड इंफॉर्मेशन (SCI)’ तक पहुंच के साथ टॉप सीक्रेट की सुरक्षा मंजूरी थी.
‘नागरिकों की सुरक्षा के लिए गंभीर खतरा’
अमेरिकी अटॉर्नी लिंडसे हैलिगन ने इस मामले की गंभीरता पर जोर देते हुए कहा, ‘हमारा पूरा ध्यान अमेरिकी लोगों को सभी विदेशी और घरेलू खतरों से बचाने पर है. इस मामले में लगाए गए आरोप हमारे नागरिकों की सुरक्षा के लिए गंभीर ख़तरा हैं.’
चीनी अधिकारियों के साथ की बैठक
कोर्ट फाइलिंग में दावा किया गया है कि टेलिस ने वर्जीनिया के एक रेस्टोरेंट में चीनी अधिकारियों से बार-बार मुलाकात की. एक मौके पर वह कथित तौर पर एक मैनिला लिफाफा वहीं छोड़ गए थे. अप्रैल 2023 में वाशिंगटन, डीसी उपनगरों में एक अन्य बैठक में कथित तौर पर ईरानी-चीनी संबंधों और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) समेत उभरती प्रौद्योगिकियों पर चर्चा शामिल थी. सितंबर 2 की एक बैठक में टेलिस ने चीनी अधिकारियों से गिफ्ट बैग लिया था, जैसा कि आरोपों में कहा गया है.
बता दें कि मुंबई में जन्मे टेलिस ने सेंट जेवियर्स कॉलेज से अध्ययन किया, उसके बाद शिकागो विश्वविद्यालय से राजनीति विज्ञान में एमए और पीएचडी प्राप्त की. वह अमेरिका-भारत-चीन नीति सर्कल में प्रमुख आवाज बने. वे कार्नेगी एंडोमेंट फॉर इंटरनेशनल पीस में वरिष्ठ फेलो के रूप में कार्यरत थे, जिसने बुधवार को पुष्टि की कि उन्हें प्रशासनिक अवकाश पर भेज दिया गया है.
उन्होंने बुश प्रशासन के भारत के साथ नागरिक परमाणु सहयोग समझौते पर बातचीत में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई, जिससे अमेरिका-भारत संबंध मज़बूत हुए. हाल के सालों में टेलिस वाशिंगटन में एक विरोधी आवाज के रूप में उभरे हैं जो अक्सर यूक्रेन जैसे मुद्दों समेत अमेरिका और भारत के रणनीतिक हितों के बीच मतभेदों को उजागर करते रहे हैं.
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