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पाकिस्तान के हाथ में फिर कटोरा, IMF ने पहले डांटा… अब इतना पैसा देने को तैयार! – IMF again helps Pakistan reach staff level agreement over billion dollar loan tutc


अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) बीते दिनों पाकिस्तान को फटकार लगाता हुआ नजर आ रहा था. वैश्विक निकाय ने गलत व्यापार आंकड़े देने पर PAK पर सख्ती दिखाते हुए उससे 11 अरब डॉलर का पूरा हिसाब-किताब मांगा था. लेकिन लंबे समय से आर्थिक बदहाली के शिकार देश पर एक बार फिर वो मेहरबान नजर आ रहा है. बुधवार को पाकिस्तान-आईएमएफ के बीच लोन प्रोग्राम को लेकर एक स्टाफ लेवल समझौता (एसएलए) हुआ है. इसके बाद उसे 1.2 अरब डॉलर (करीब 10600 करोड़ भारतीय रुपये) मिलने का रास्ता भी साफ हो गया है. 

दो कैटेगरी में पाकिस्तान को मिलेगा पैसा
पाकिस्तान को इस नए समझौते के तहत आईएमएफ से एक्सटेंडेड फंड फैसिलिटी (EFF) के तहत 1 अरब डॉलर (8816 करोड़ रुपये से ज्यादा) उपलब्ध कराए जाएंगे. जबकि रेजिलिएंस एंड सस्टेनेबिलिटी फैसिलिटी (RSF) के तहत 200 मिलियन डॉलर (करीब 1763 करोड़ रुपये) की राशि दी जाएगी. बीते सप्ताह इवा पेत्रोवा के नेतृत्व में आईएमएफ मिशन ने ईएफएफ की दूसरी समीक्षा पर पाकिस्तानी अधिकारियों के साथ चर्चा की थी, जिसके बाद अब पाकिस्तान को लोन की एक और किस्त मिलने का रास्ता साफ हो गया है. 

IMF बोर्ड की मंजूरी अभी बाकी
पाकिस्तानी मीडिया डॉन की रिपोर्ट के मुताबिक, स्टाफ लेबल समझौता हो गया है, लेकिन अभी इसे बोर्ड मंजूरी मिलनी जरूरी है. पेत्रोवा इस समझौते के बाद बुधवार को कहा कि ये एग्रीमेंट IMF के कार्यकारी बोर्ड की मंजूरी पर निर्भर है. पेत्रोवा ने कहा कि ईएफएफ के समर्थन से पाकिस्तान का इकोनॉमिक प्रोग्राम्स को मजबूती मिली है. इसके साथ ही देश के बाजार के भरोसे को दोबारा कायम होता जा रहा है. 

पेत्रोवा ने देश की आर्थिक रिकवरी होने की भी बात कही. वित्त वर्ष 2024-25 में चालू खाता 14 साल में पहली बार अधिशेष में रहा, वित्तीय संतुलन कार्यक्रम लक्ष्य से बेहतर रहा, मुद्रास्फीति नियंत्रित है और बाहरी भंडार मजबूत हुए हैं. कुल मिलाकर पाकिस्तान के आर्थिक हालात में रिकवरी और तेज सुधार देखा जा रहा है. इस बीच उन्होंने कहा कि इस पर हाल ही में आई बाढ़ ने खासतौर पर एग्रीकल्चर सेक्टर पर निगेटिव प्रभाव जरूर डाला है. 

क्यों लगाई थी पाकिस्तान को फटकार? 
लंबे समय से आर्थिक संकट झेल रहे पाकिस्तान इकोनॉमी की गाड़ी आईएमएफ समेत अन्य वित्तीय संगठनों में मित्र देशों से मिलने वाले कर्ज के भरोसे चल रही है. अंतरराष्ट्रीय मुद्रो कोष ने तो उसे ताबड़तोड़ लोन दिया है. लेकिन पाकिस्तान ने इस मददगार के साथ ही खेल कर दिया.  दरअसल, एक्सप्रेस ट्रिब्यून की बीते दिनों आई एक रिपोर्ट के मुताबिक, PAK ने उसकी आर्थिक मदद करने वाले इस आईएमएफ को व्यापार आंकड़ों का गलत डेटा दे दिया, जिससे नाराज IMF ने पाकिस्तान सरकार से साफ कहा है कि वह अपने व्यापार आंकड़ों में 11 अरब डॉलर की हेरफेर का सार्वजनिक रूप से खुलासा करे और उनका समाधान करे. 

सबसे चौंकाने वाली बात ये है कि पाकिस्तानी अधिकारियों ने खुद इस गलती को स्वीकार किया है. उनके मुताबिक, जिनेवा स्थित अंतरराष्ट्रीय व्यापार केंद्र को प्रस्तुत व्यापार आंकड़े व्यापक नहीं थे. इसके साथ ही उन्होंने यह भी कबूल किया कि इस डेटा में से कुछ आयात आंकड़े गायब थे.

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