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‘स्त्री’ से ‘स्त्री 2’ तक बदल गया हॉरर यूनिवर्स, मैसेज की जगह आया सिंथेटिक हॉरर… संभाल पाएगा ‘थामा’? – thamma ayushmann khurrana rashmika mandanna stree 2 stree horror universe ntcpsm


दिनेश विजन का हॉरर यूनिवर्स मीडियम बजट की दमदार कॉमेडी फिल्म ‘स्त्री’ से शुरू हुआ था. बड़े साधारण बजट में बनी ये फिल्म 100 करोड़ से ज्यादा कमाई के साथ इतनी बड़ी सुपरहिट बनी कि ट्रेड एक्सपर्ट्स हैरान रह गए थे. इस साधारण बजट वाली फिल्म से शुरू हुआ ये हॉरर यूनिवर्स आज उस जगह पहुंच गया है कि बॉलीवुड के इतिहास की सबसे बड़ी ब्लॉकबस्टर्स में से एक ‘स्त्री 2’ आज इसके खाते में है. 

अब दिवाली पर हॉरर यूनिवर्स की फिल्म ‘थामा’ रिलीज होने जा रही है. आयुष्मान खुराना और रश्मिका मंदाना स्टारर इस फिल्म से बॉलीवुड फैन्स तभी से उम्मीदें लगाए बैठे हैं, जब ये अनाउंस हुई थी. एक तरफ तो ‘थामा’ साल की सबसे बड़ी बॉलीवुड फिल्मों में से एक है. मगर दूसरी तरफ इस फिल्म से फैन्स को एक चिंता भी लगी है. ‘स्त्री’ से ‘स्त्री 2’ तक हॉरर यूनिवर्स बहुत बदल चुका है. और इस बदलाव में एक चीज कहीं गुम होती दिखने लगी है, जिसने जनता को इस हॉरर यूनिवर्स की तरफ खींचा था— सोशल मैसेज. 

दमदार मैसेज की वजह से ‘स्त्री’ ने जमाया था भौकाल 
2018 में चलिए, जब ‘स्त्री’ रिलीज हुई थी. इस फिल्म को दर्शक मिलने की वजह ये नहीं थी कि इसमें कोई बड़ा सुपरस्टार था. वजह थी इसकी कॉमेडी जिसमें सोशल मैसेज और व्यंग्य का तगड़ा तड़का लगा था. 

‘स्त्री’ की कामयाबी में सोशल कॉमेडी का रोल था महत्वपूर्ण (Photo: IMDB)

‘स्त्री’ महिलाओं के खिलाफ सबल पुरुषों के अपराध और उनकी सामाजिक स्थिति पर एक करारा व्यंग्य थी. याद कीजिए, फिल्म की भूतनी लोगों की जान तो लेती थी… मगर वो अपने शिकार की सहमति का पूरा ध्यान रखती थी. जबतक कोई पलटकर नहीं देखता  था, उसे वो कुछ नहीं करती थी. और उसके पास सबके आधार कार्ड भी लिंक थे!

‘भेड़िया’ तक बरकरार रही मैसेज में जान 
वरुण धवन और कृति सेनन स्टारर ‘भेड़िया’ (2022) भी मैसेज के मामले में दमदार फिल्म थी. प्रकृति को बचाने और विकास के नाम पर जंगलों को खत्म ना करने का मैसेज इस फिल्म में दमदार तरीके से दिया गया था. इस कहानी में नॉर्थ-ईस्ट के लोगों के साथ होने वाले भेदभाव को भी जगह मिली थी. विकास के प्रोजेक्ट्स में सरकारी बाबुओं और कंपनियों का भ्रष्टाचार भी ‘भेड़िया’ की हाईलाइट था. 
इसमें ग्राफिक्स का इस्तेमाल ‘स्त्री’ से ज्यादा हुआ था. मगर इसके VFX को तारीफ भी मिली थी. ये फिल्म कोविड के बाद पैरों पर खड़े होते फिल्म बिजनेस के स्ट्रगल वाले दौर में आई थी, इसलिए बहुत बड़ी हिट नहीं बन सकी. फिर भी इसने ठीकठाक कलेक्शन किया था. 

‘भेड़िया’ से पहले हॉरर यूनिवर्स में ही आई जाह्नवी कपूर और राजकुमार राव की फिल्म ‘रूही’ में भी महिलाओं की आजादी को लेकर एक मैसेज को कहानी में पिरोने की अच्छी कोशिश हुई थी. मगर ये फिल्म स्टोरीटेलिंग के लेवल पर खराब थी इसलिए नहीं चल सकी. ‘रूही’ फ्लॉप हुई तो हॉरर यूनिवर्स से इसे बेदखल भी कर दिया गया इसलिए आज इसकी बात कोई नहीं करता. मगर इसके बाद हॉरर यूनिवर्स की मैसेज देने वाली खूबी गायब होती चली गई. 

‘मुंज्या’ हिट तो थी मगर राइटिंग थी कमजोर (Photo: IMDB)

मैसेज से हटकर, सिंथेटिक संसार पर शिफ्ट होता फोकस 
2024 में हॉरर यूनिवर्स में दो फिल्में आईं. सरप्राइज हिट ‘मुंज्या’ और एपिक ब्लॉकबस्टर ‘स्त्री 2’. अभय वर्मा और शरवरी वाघ की ‘मुंज्या’ में एक सोशल मैसेज का हिंट सा था. ये कहानी, लड़कियों पर अपना मालिकाना हक समझने वाले पुरुषों को, प्रेत मुंज्या के तौर पर दिखाना चाहती थी. मगर बीच में स्क्रीनप्ले ऐसा डावांडोल हुआ कि फिल्म का मैसेज इसके VFX से भरे हुए सिंथेटिक संसार में खो गया. हालांकि फिल्म हिट होने में कामयाब रही. 

‘मुंज्या’ के बाद आई ‘स्त्री 2’ के लिए जनता की एक्साइटमेंट इसी बात से पता लगती है कि ये 2024 की सबसे बड़ी फिल्म थी. मगर इस क्रेज का बहुत बड़ा हिस्सा इस बात पर आधारित था कि ये ‘स्त्री’ का सीक्वल है. मगर राइटिंग के लेवल पर ‘स्त्री 2’ उतनी चटख नहीं थी. जहां आपको ‘स्त्री’ के कई डायलॉग और मोमेंट याद होंगे, वहीं ‘स्त्री 2’ ऐसा इम्प्रेशन छोड़ने में नाकाम रही. 

‘स्त्री 2’ तक आते-आते राइटिंग से ज्यादा VFX में होने लगी हॉरर की तलाश (Photo: IMDB)

सीक्वल का सारा फोकस अबतक आई फिल्मों को एक ग्रैंड यूनिवर्स का सेटअप देने, कहानियों का कनेक्शन जोड़ने और ग्राफिक्स से तैयार हॉरर पर था. मगर अब इस तरह के स्पेशल इफेक्ट्स बहुत ज्यादा कॉमन हो चुके हैं और इनकी मदद से तैयार संसार स्क्रीन पर सिंथेटिक लगने लगता है. 

‘थामा’ को हॉरर यूनिवर्स में एक एपिक लव स्टोरी की तरह पोजीशन किया जा रहा है. आयुष्मान खुराना और रश्मिका मंदाना पॉपुलर यंग एक्टर्स हैं. विलेन के रोल में नवाजुद्दीन सिद्दीकी हैं जो अपने काम से ऑडियंस को बांध सकते हैं. मगर ‘थामा’ के ट्रेलर में भी वही चीज मिसिंग लग रही है, जिसकी कमी इस यूनिवर्स की पिछली फिल्मों में थी— व्यंग्य से भरा सोशल मैसेज. यहां देखें ‘थामा’ का ट्रेलर:

हालांकि, फिल्म के प्रमोशंस में कास्ट मेंबर्स और फिल्म की टीम बोल तो रहे हैं कि इसका मैसेज बहुत गहरा है. मगर इसकी असलियत तो फिल्म देखने के बाद ही पता चलेगी. ‘स्त्री’ को सोशल ह्यूमर और व्यंग्य भरे सेटअप ने वो माहौल दिया था जिसके दम पर पिछले साल ‘स्त्री 2’ तक हॉरर यूनिवर्स ने कामयाबी के रिकॉर्ड बनाए हैं. अब देखना है कि 21 अक्टूबर को रिलीज हो रही ‘थामा’ उस ह्यूमर को हॉरर यूनिवर्स में वापस ला पाती है या नहीं. 
 

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