पाकिस्तानी सेना और तालिबान लड़ाकों के बीच कंधार में पाकिस्तान-अफगानिस्तान सीमा पर दोबारा गोलीबाीर हुई है, जिसमें दर्जनों लोग मारे गए हैं. इस घटना ने तनाव को और बढ़ा दिया है.
इससे पहले मंगलवार रात को दोनों ओर से झड़पें शुरू हुई थीं, जिसमें दोनों पक्षों ने एक-दूसरे पर हिंसा शुरू करने का आरोप लगाया. मौजूदा संघर्ष के कम होने के कोई संकेत नजर नहीं आ रहे हैं. अफगानिस्तान ने वार्ता के लिए पाकिस्तानी मंत्रियों की एंट्री से भी इनकार कर दिया है. ऐसे में पाकिस्तान ने कतर और सऊदी अरब से मदद की गुहार लगाई है और इन दोनों देशों से मध्यस्थता करने का अनुरोध किया है.
बता दें कि पिछले हफ्ते पाकिस्तान ने काबुल में तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान के कैंपों पर निशाना लगाया. 2021 में तालिबान के अफगानिस्तान में सत्ता में आने के बाद से यह दोनों मुल्कों के बीच इस तरह की सबसे भयावह झड़प थी. यह घटनाक्रम ऐसे समय पर हुआ, जब तालिबान के विदेश मंत्री भारत के दौरे पर हैं.
तालिबान के प्रवक्ता जबिहुल्लाह मुजाहिद ने दावा किया कि पाकिस्तान ने कंधार प्रांत के बोल्डक जिले में हल्के और भारी हथियारों से गोलीबारी शुरू करके ताजा झड़पों की शुरुआत की, जिसमें 15 नागरिक मारे गए और 100 से अधिक घायल हो गए. जिले के एक अस्पताल ने बताया कि घायलों में 80 से अधिक महिलाएं और बच्चे शामिल हैं, एएफपी ने रिपोर्ट किया.
तालिबान ने दावा किया कि उसके लड़ाकों ने जवाबी गोलीबारी में बड़ी संख्या में पाकिस्तानी सैनिकों को मार गिराया और पाकिस्तानी हथियारों और टैंकों पर कब्जा कर लिया. एक वायरल वीडियो में तालिबान लड़ाके एक जब्त किए गए पाकिस्तानी टी-55 टैंक पर सवार दिख रहे हैं, जिसे इस्लामाबाद ने सर्बिया से खरीदा था.
दूसरी ओर, पाकिस्तानी सेना ने तालिबान पर दक्षिण-पश्चिम और उत्तर-पश्चिम में दो सीमा चौकियों पर हमला करने का आरोप लगाया. उसने कहा कि दोनों हमलों को विफल कर दिया गया, जिसमें लगभग 30 लड़ाके मारे गए. पाकिस्तान ने दावा किया कि बोल्डक के पास 20 और मारे गए. वायरल वीडियो में पाकिस्तान वायु सेना (पीएएफ) के जेट कंधार में हवाई हमले करते हुए भी दिखाई दिए.
इस बीच, हिंसा बढ़ने के साथ पाकिस्तान ने कतर और सऊदी अरब से तत्काल मध्यस्थता करने का अनुरोध किया है. पाकिस्तानी अधिकारियों ने इन देशों से गुहार लगाते हुए कहा कि खुदा के लिए, अफगानों को लड़ने से रोकें. हाल ही में, पाकिस्तान और सऊदी अरब ने एक समझौते पर हस्ताक्षर किए, जिसमें दोनों देशों ने एक पर हमले को दोनों पर हमला मानने की प्रतिबद्धता जताई.
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