पश्चिम बंगाल पुलिस ने पीड़िता के उस दोस्त को गिरफ्तार कर लिया है, जिसके साथ वह बाहर गई थी. इस मामले में अब तक पुलिस छह आरोपियों को गिरफ्तार कर चुकी है. हालांकि, आसनसोल-दुर्गापुर पुलिस कमिश्नर ने स्पष्ट किया कि तकनीकी साक्ष्यों और पीड़िता के बयान के आधार पर केवल एक आरोपी ने ही उसके साथ बलात्कार किया. लेकिन पुलिस ने ये स्पष्ट नहीं किया कि छह में से कौन-सा आरोपी मुख्य अपराधी है.
ये घटना 10 अक्टूबर की रात की है. जब ओडिशा की रहने वाली एमबीबीएस की छात्रा अपने दोस्त के साथ डिनर के लिए कैंपस से बाहर निकली थी. इसी दौरान रास्ते में कुछ लोग उन्हें रोक लिया और उन्हें जंगल की ओर ले गए, जहां उन्होंने कथित तौर पर उसके साथ सामूहिक बलात्कार किया गया.
पहले से शक के दायरे में था आरोपी
पुलिस सूत्रों ने बताया कि दुर्गापुर गैंगरेप मामले में छठे आरोपी को टीम ने गिरफ्तार कर लिया है. आरोपी की पहचान वासिफ अली के रूप में हुई है, जो कि पीड़िता का दोस्त है और पीड़िता इसी के साथ कैंपस से बाहर गई थी.
सूत्र के अनुसार, वासिफ अली शुरू से शक के दायरे में था और पिछले चार दिनों से उससे लगातार पूछताछ की जा रही थी. उसके बयानों में स्पष्ट असंगतियां मिलने पर मंगलवार शाम को उसे औपचारिक रूप गिरफ्तार कर लिया गया. इससे पहले पांच अन्य आरोपी- सफीक स्क, स्क नासिरुद्दीन और तीन अन्य को भी गिरफ्तार कर चुकी है.
पुलिस ने बताया कि एक आरोपी को उसकी बहन की मदद से गिरफ्तार किया गया था, जिसने पुलिस को उसके ठिकाने के बारे में जानकारी दी थी.
पिता ने भी उठाए थे सवाल
वहीं, पीड़िता के पिता ने अपनी शिकायत में दोस्त पर आरोप लगाया था और उसकी स्थिति को संदिग्ध बताया था. इसके अलावा पीड़िता के पिता ने बंगाल में बेटी की सुरक्षा पर चिंता जताते हुए उसे ओडिशा ट्रांसफर करने की मांग की थी.
आसनसोल-दुर्गापुर पुलिस कमिश्नर सुनील चौधरी ने मंगलवार को मीडिया को संबोधित करते हुए कहा, ‘पीड़िता के बयान और प्रारंभिक फोरेंसिक साक्ष्यों के आधार पर यह स्थापित हो गया है कि केवल एक व्यक्ति ने ही छात्रा के साथ यौन शोषण किया. बाकी आरोपी अपराध स्थल पर मौजूद थे और साजिश में शामिल थे.’
उन्होंने जोर देकर कहा कि जांच में कोई ढील नहीं बरती जा रही.इस मामले में भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) की गैंगरेप संबंधी धाराओं (धारा 64, 70 आदि) के तहत केस दर्ज किया गया है, लेकिन पुलिस ने मुख्य अपराधी की पहचान उजागर नहीं की.
पीड़िता का बयान
पीड़िता ने अपने बयान में कहा, ‘हमने देखा कि तीन लोग अपनी गाड़ी छोड़कर हमारी ओर आ रहे हैं. हम डरकर जंगल की तरफ भागने लगे. वो तीनों पीछे दौड़ आए, मुझे पकड़ लिया, घसीटकर जंगल में ले गए. फिर पीछे से पकड़कर मेरा फोन छीन लिया और बोला अपने दोस्त को बुला, फिर खुद फोन ले लिया.’
पीड़िता ने आगे कहा, ‘जब मेरा दोस्त नहीं आया, उन्होंने मुझे अंदर जंगल में ले जाकर नीचे लिटा दिया. एक शख्स ने मेरी पैंट खोल दी और मेरे साथ गलत काम करने लगा. जब मैंने चिल्लाना शुरू किया, तो उन लोगों ने धमकी दी कि अगर ज्यादा शोर मचाया तो और लोग आकर यही करेंगे.’
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