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Us Expects Support From India, Allies Amid Trade Tensions With China: Treasury Secretary Scott Bessent – Amar Ujala Hindi News Live


अमेरिका और चीन के बीच व्यापारिक तनाव एक बार फिर तेज हो गया है। चीन द्वारा दुर्लभ खनिजों के निर्यात पर लगाए गए प्रतिबंधों के बाद अमेरिकी वित्त मंत्री स्कॉट बेसेंट ने कहा है कि वॉशिंगटन को भारत, यूरोप और एशिया के लोकतांत्रिक देशों से समर्थन मिलने की उम्मीद है।

एक साक्षात्कार में बेसेंट ने कहा यह चीन बनाम दुनिया है। उन्होंने सप्लाई चेन और वैश्विक औद्योगिक ढांचे पर बंदूक तान दी है। लेकिन वे न हमें कमांड करेंगे और न कंट्रोल। अमेरिका अपनी संप्रभुता की रक्षा करेगा। बेसेंट ने बताया कि अमेरिका पहले ही अपने सहयोगियों से संपर्क में है और इस हफ्ते कई देशों के साथ बैठकें होने वाली हैं। उन्होंने उम्मीद जताई कि भारत, यूरोप और अन्य लोकतांत्रिक राष्ट्र इस मोर्चे पर वॉशिंगटन के साथ खड़े होंगे।

चीन की नीतियों पर तीखा वार

बेसेंट ने चीन पर उकसाने वाली हरकतें करने का आरोप लगाते हुए कहा कि जबकि अमेरिका दुनिया में शांति की कोशिश कर रहा है, चीन युद्ध को फंड कर रहा है। उन्होंने कहा डोनाल्ड ट्रंप के साथ होने वाली बैठक से पहले दबाव बनाने की कोशिश करना चीन की बड़ी गलती होगी। सूत्रों के अनुसार, ट्रंप और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग की मुलाकात इस महीने के अंत में दक्षिण कोरिया में हो सकती है।

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ट्रंप ने दी प्रतिक्रिया

हाल ही में ट्रंप ने चीन के खिलाफ 100% टैरिफ लगाने की धमकी दी थी, जिसके बाद दोनों देशों के बीच तनाव और बढ़ गया। हालांकि, रविवार को ट्रंप ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ट्रुथ सोशल पर लिखा कि चीन की अर्थव्यवस्था को लेकर चिंता न करें, सब ठीक होगा। हम चीन की मदद करना चाहता है, उसे नुकसान नहीं पहुंचाना चाहते। ट्रंप का यह पोस्ट चीन द्वारा अमेरिकी राष्ट्रपति द्वारा 1 नवंबर तक चीनी आयात पर 100 प्रतिशत शुल्क लगाने की धमकी पर आधिकारिक प्रतिक्रिया जारी करने के कुछ ही घंटों बाद आया है। अमेरिका ने अभी तक चीन के उत्पादों पर 55% टैरिफ लगा रखा है और नए प्रतिबंधों से यह दर बढ़ सकती है।

भारत समेत की देशों पर भी असर

इस बीच, ट्रंप प्रशासन ने भारत पर 50% तक टैरिफ लगाए हैं। जिसमें रूस से तेल खरीद पर अतिरिक्त 25% शुल्क शामिल है। भारत ने इसे अनुचित और अनुचित बताया है। चीन दुनिया के लगभग 70% दुर्लभ खनिजों के खनन और 90% प्रोसेसिंग क्षमता पर नियंत्रण रखता है। इन खनिजों का इस्तेमाल रक्षा, इलेक्ट्रॉनिक्स और सेमीकंडक्टर जैसी उन्नत तकनीकों में होता है। विशेषज्ञों का मानना है कि यह टकराव आने वाले महीनों में वैश्विक सप्लाई चेन को प्रभावित कर सकता है।