तेज प्रताप चुनावी राजनीति में अब अपने बूते कूद पड़े हैं. और, खुलकर तेजस्वी यादव के खिलाफ खड़े हो गए हैं. तेज प्रताप यादव की पार्टी जनशक्ति जनता दल ने 21 उम्मीदवारों की सूची जारी की है, जिसमें सबसे ऊपर तेज प्रताप यादव का नाम है.
महुआ से चुनाव लड़ने का ऐलान तेज प्रताप यादव ने पहले ही कर रखा था. पहला चुनाव तेज प्रताप यादव ने महुआ से ही लड़ा था, और 2015 में राजनीति में कदम रखा था. महागठबंधन की सरकार में वो मंत्री भी बने थे. तब तेजस्वी यादव डिप्टी सीएम बने थे, और नीतीश कुमार ही मुख्यमंत्री थे.
तेज प्रताप यादव ने भी उसी दिन नामांकन की घोषणा की है, जिस दिन तेजस्वी यादव ने. तेजस्वी यादव अपनी मौजूदा सीट राघोपुर से 15 अक्टूबर को नामांकन करेंगे. तेजस्वी यादव के नामांकन को लेकर एक समर्थक ने पोस्टर भी बनाया है. युवा आरजेडी के प्रदेश महासचिव ऋषि यादव ने ये पोस्टर बनवाया है. और, इलाके के लोगों को नामांकन के मौके पर आमंत्रित किया है.
तेज प्रताप की तरफ से ऐलान-ए-जंग
महागठबंधन में सीटों के बंटवारे को लेकर तेजस्वी यादव पर राहुल गांधी का दबाव अपनी जगह तो है ही, तेज प्रताप यादव अलग से चुनौती देना शुरू कर दिया है. महागठबंधन के मुख्यमंत्री पद का चेहरा तेजस्वी यादव को घोषित न करके कांग्रेस पहले से ही टेंशन दे रही थी, और IRCTC केस में चार्जशीट तो तेजस्वी यादव के लिए मौजूदा दौर की सबसे बड़ी मुश्किल है. तेजस्वी यादव के साथ साथ इस केस में लालू यादव और राबड़ी देवी सहित 14 लोगों के खिलाफ आरोप तय किए गए हैं.
तेजस्वी यादव एक बार फिर जहां अपनी परंपरागत सीट राघोपुर से ही चुनाव लड़ने जा रहे हैं, तेज प्रताप ने अपना चुनाव क्षेत्र बदल लिया है. तेज प्रताप यादव ने अब हसनपुर की जगह महुआ से चुनाव लड़ने का फैसला किया है. 2020 में तेज प्रताप यादव की विधानसभा सीट बदल दी गई थी, और एक बार फिर तेज प्रताप यादव ने अपना चुनाव क्षेत्र बदल लिया है.
तेज प्रताप यादव ने अपना इरादा तो पहले ही जारी कर दिया था. लालू यादव के परिवार और पार्टी आरजेडी से निकाले जाने के बाद कुछ दिन तक तो तेज प्रताप यादव ने धैर्य बनाए रखा, लेकिन धीरे धीरे खुलकर सामने आ गए. और, तभी महुआ विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ने की घोषणा कर डाली. जब मीडिया की तरफ से उनसे पूछा गया कि तेजस्वी यादव के दो-दो सीटों से चुनाव लड़ने की चर्चा है, तो तेज प्रताप का कहना था कि ऐसा हुआ तो वो राघोपुर से भी चुनाव लड़ेंगे. तेज प्रताप यादव ने तेजस्वी यादव की दूसरी सीट महुआ समझी होगी, और इसीलिए अपनी भी चुनावी मंशा जाहिर कर दी.
महुआ के मैदान में आरजेडी को चैलेंज
महुआ विधानसभा सीट भी अभी आरजेडी के पास ही है. महुआ से आरजेडी के मुकेश रौशन विधायक हैं. अब जबकि तेज प्रताप ने महुआ से अपनी उम्मीदवारी घोषित कर दी है, ये देखना दिलचस्प होगा कि आरजेडी की तरफ से क्या फैसला लिया जाता है.
ऐसी संभावना तो कम ही लगती है कि आरजेडी तेज प्रताप यादव के खिलाफ उम्मीदवार न खड़ा किया जाए. ऐसा हुआ तो तेज प्रताप को लालू परिवार और आरजेडी से बेदखल किया जाना दिखावा लगेगा. वैसे भी तेज प्रताप यादव की घर वापसी के सवाल पर लालू यादव के फैसले को लेकर तेजस्वी यादव कह चुके हैं, वो मेरे पिता हैं और मैं उनको अच्छी तरह जानता हूं.
लेकिन, क्या लालू यादव अपने बड़े बेटे को चुनाव भी हारता हुआ देखना चाहेंगे? क्या राबड़ी देवी ऐसा होने देंगी? और क्या तेजस्वी यादव माता पिता की भावनाओं को समझते हुए तेज प्रताप यादव को वॉक ओवर दे सकते हैं? लगता तो बिल्कुल नहीं है.
संभव है, महुआ सीट पर कोई बीच का रास्ता निकाला जाए, लेकिन वो तेजस्वी यादव के मन की बात नहीं होगी. बीच का रास्ता ये भी हो सकता है कि आरजेडी की तरफ से रस्म अदायदी निभाते हुए किसी कमजोर उम्मीदवार को टिकट दे दिया जाए – और ये तो आरजेडी की सूची आने के बाद ही साफ हो पाएगा. आरजेडी के उम्मीदवारों की सूची अभी नहीं आई है. असल में, महागठबंधन में सीटों के बंटवारे पर अभी तक आखिरी सहमति नहीं बन पाई है.
जनशक्ति जनता दल की बात करें तो अभी तो यही समझ में आ रहा है कि तेज प्रताप ने सिर्फ महुआ से अपनी उम्मीदवारी का ऐलान किया है, हसनपुर से कोई उम्मीदवार नहीं उतारा है. और, राघोपुर से भी नहीं. निश्चित तौर पर वेट-एंड-वॉच की नीति अपना रहे होंगे.
लालू यादव के दोनों बेटों की राजनीति में फर्क की बात करें, तो तेज प्रताप यादव के पास गवांने के लिए फिलहाल तो कुछ है ही नहीं, जबकि तेजस्वी यादव का सब कुछ दांव पर लगा हुआ है. कुछ कुछ अभी नहीं तो कभी नहीं जैसा भी समझ सकते हैं.
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