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हरियाणा IPS के बाद ASI का सुसाइड, दलित उत्पीड़न को मुद्दा बनाने में क्या जल्दबाजी कर गई कांग्रेस? – haryana IPS ASI suicide case in rahul gandhi Congress in trouble opns2


मंगलवार 14 अक्तूबर को कांग्रेस नेता और लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने जातिगत उत्पीड़न के चलते सुसाइड करने वाले आईपीएस पूरन सिंह के घर सांत्वना देने पहुंचे. जाहिर है कि आज पूरे देश की नजरें 7 अक्टूबर 2025 को चंडीगढ़ के सेक्टर-11 स्थित अपने आवास पर सुसाइड करने वाले हरियाणा कैडर के वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी वाई. पूरन कुमार के घर पर थी. उन्होंने अपनी सर्विस रिवॉल्वर से खुद को गोली मार ली थी. 

52 वर्षीय पूरन कुमार, 2001 बैच के आईपीएस अधिकारी थे, जो हरियाणा पुलिस में एडीजीपी के पद पर तैनात थे. उनकी मौत ने न केवल पुलिस महकमे को हिला दिया, बल्कि पूरे देश में जातिगत भेदभाव और प्रशासनिक उत्पीड़न के मुद्दे को फिर से सुर्खियों में ला खड़ा किया. पूरन कुमार ने अपनी आठ पेज की कथित सुसाइड नोट में हरियाणा के डीजीपी शत्रुजीत कपूर सहित आठ वरिष्ठ आईपीएस अधिकारियों पर जाति-आधारित मानसिक उत्पीड़न, सार्वजनिक अपमान और सिस्टमैटिक उत्पीड़न का आरोप लगाया था. उनकी पत्नी, वरिष्ठ आईएएस अधिकारी अमनीत पी. कुमार ने भी शिकायत दर्ज कराई, जिसमें एससी/एसटी एक्ट के तहत कार्रवाई की मांग की गई है. 

पर राहुल गांधी की विजिट के थोड़ी देर बाद ही खबर आती है कि एक हरियाणा पुलिस का एक एएसआई संदीप कुमार लाठर ने खुद को गोली मारकर सुसाइड कर लिया. एएसआई ने सुसाइड से पहले एक विडियो रिकॉर्डिंग भी जारी की है. इसके साथ ही उन्होंने एक सुसाइड नोट भी छोड़ा है. मृतक एएसआई ने अपने सुसाइड नोट में दिवंगत आईपीएस अधिकारी वाई पूरन कुमार पर गंभीर आरोप लगाए हैं. एएसआई ने लिखा है कि वाई पूरन कुमार भ्रष्टाचार में लिप्त थे और जातिवाद का सहारा लेकर सिस्टम को हाईजैक कर रहे थे. नोट में एएसआई ने कहा कि उसने भ्रष्ट सिस्टम के खिलाफ शहादत दी है और इस परिवार के खिलाफ निष्पक्ष जांच की मांग की है. 

लाठर की सुसाइड ने इस पूरे केस को पलट कर रख दिया है. इसके साथ ही इतिहास में कभी किसी ने अपने सुपर बॉस को निर्दोष साबित करने के लिए सुसाइड जैसा कदम नहीं उठाया था.जाहिर है कि राहुल गांधी और कांग्रेस की रणनीति को भी एएसआई का सुसाइड फेल कर सकता है.

क्या कांग्रेस के साथ फिर से आएंगे आएंगे दलित

राहुल गांधी का दलित आइकॉनिक लीडर बनने का सपना आज का नहीं है. राहुल लगातार जाति जनगणना कराने, संविधान की हिफाजत करने, आरक्षण की सीमा बढ़ाने आदि को लेकर पिछले कई वर्षों से मुखर हैं. इसका फायदा भी उन्होंने उठाया है. 2024 के लोकसभा चुनावों में बीजेपी से दलित वोट टूटकर कांग्रेस को गए हैं.

जाहिर है कि कांग्रेस और राहुल गांधी को लगता है कि उनका परंपरागत वोटर रहा दलित समुदाय उनके साथ फिर से आ सकता है. यही सोचकर राहुल गांधी लगातार हर मंच और हर सभा में दलितों और पिछड़ों की बात करते हैं. इसी सोच को लेकर वो मंगलवार को पूरन कुमार के चंडीगढ़ के सेक्टर-24 स्थित आवास पर पहुंचे. राहुल गांधी ने परिवार को आश्वासन दिया कि वे सड़क से संसद तक न्याय की लड़ाई लड़ेंगे. उन्होंने पत्रकारों से कहा, यह एक त्रासदी है.

पूरन कुमार एक आईपीएस अधिकारी थे, लेकिन उन्हें वर्षों से सिस्टमैटिक डिस्क्रिमिनेशन का सामना करना पड़ा. यह केवल एक परिवार की बात नहीं, बल्कि करोड़ों दलित भाइयों-बहनों की इज्जत का सवाल है. अगर एक आईपीएस अधिकारी को दबाया जा सकता है, तो आम दलित की क्या स्थिति होगी? 

 यह मुलाकात न केवल शोक व्यक्त करने का अवसर थी, बल्कि कांग्रेस की रणनीति का हिस्सा भी. पंजाब में कांग्रेस मजबूत स्थिति में है. कांग्रेस 2027 में वहां सरकार बनाने का सपना देख रही है. पंजाब में दलित वोट 32 प्रतिशत के करीब है जबकि हरियाणा में 22 प्रतिशत दलित वोट निर्णायक होते हैं. पार्टी ने आईपीएस पूरन कुनार के सुसाइड को दलित उत्पीड़न का प्रतीक बनाकर भाजपा सरकार पर हमला बोला . लेकिन एएसआई संदीप लाठर के सुसाइड ने दलित उत्पीड़न की हवा निकाल दी है. अब सवाल यह उठता है कि क्या कांग्रेस आईपीएस सुसाइड केस के नाम पर दलित वोट बैंक को मजबूत करने के लिए आगे भी कुछ करेगी या यह मुद्दा यहीं छोड़ देगी?

कांग्रेस की रणनीति: दलित उत्पीड़न का रंग देकर वोट बैंक मजबूत करना

कांग्रेस ने बिना देर किए इस घटना को तुरंत दलित उत्पीड़न का मुद्दा बना दिया. साफ है कि  राहुल गांधी की मुलाकात इसका चरमोत्कर्ष परिणीति थी. राहुल गांधी ने मृतक आईपीएस के परिजनों से कहा कि पूरन कुमार की मौत से देश के करोड़ों दलित भाइयों-बहनों को गलत संदेश जा रहा है कि चाहे कितने भी योग्य हो, अगर दलित हो तो दबाए जाओगे. 

उन्होंने सीएम सैनी पर आरोप लगाया कि उन्होंने परिवार को न्याय का आश्वासन दिया, लेकिन तीन दिन बीत गए और कोई कार्रवाई नहीं हुई. राहुल ने पीएम मोदी को भी पत्र लिखा, जिसमें तत्काल जांच और आरोपी अधिकारियों पर कार्रवाई की मांग की. 

कांग्रेस के अन्य नेता भी सक्रिय हुए। पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने अमनीत कुमार को पत्र लिखकर शोक व्यक्त किया और कहा, यह भाजपा की मनुवादी व्यवस्था का परिणाम है. एनसीआरबी डेटा का हवाला देते हुए उन्होंने 2013-2023 के बीच दलितों के खिलाफ अपराधों में 46% और आदिवासियों के खिलाफ 91% वृद्धि का जिक्र किया. पूर्व पंजाब सीएम चरणजीत सिंह चन्नी ने कुमार को शहीद करार दिया और कहा, वे किसानों पर गोली चलाने से इनकार करने वाले थे, इसलिए उन्हें दबाया गया. कुमारी शैलजा, रणदीप सिंह सुरजेवाला और दीपेंद्र सिंह हुड्डा ने चंडीगढ़ में परिवार से मुलाकात की और कहा, यह सिस्टम का सड़ांध है. 

क्या एएसआई की आत्महत्या ने खेल पलटा

राहुल गांधी की विजिट के कुछ ही घंटे बाद, एएसआई संदीप कुमार लाठर के आत्महत्या की खबर आई. अपने सुसाइड नोट और वीडियो में लाठर ने आईपीएस पूरन कुमार पर ही गंभीर आरोप लगाए. जैसे कि वे भ्रष्टाचार में शामिल थे, और जातिवाद का सहारा लेकर पूरे सिस्टम को दबाने की कोशिश कर रहे थे. उन्होंने खुद को भ्रष्ट सिस्टम के खिलाफ शहीद बताया और लिखा कि पूरन कुमार निर्दोष नहीं, बल्कि सच्चाई छिपाने की कोशिश कर रहे थे.

जाहिर है कि इस घटना ने कांग्रेस के पूरे नैरेटिव को झटका दे दिया है. अब बीजेपी समर्थक और सोशल मीडिया पर आलोचक सवाल उठा रहे हैं कि क्या राहुल गांधी ने जांच पूरी होने से पहले राजनीतिक नतीजे निकालने की गलती कर दी? क्या कांग्रेस ने एक एकतरफा कहानी को दलित कार्ड बनाकर राजनीतिक फायदा उठाने की कोशिश की? जाहिर है कि यह मामला अगर तूल पकड़ता है तो कांग्रेस को पंजाब और हरियाणा में इसका उल्टा नतीजा भुगतना पड़ सकता है.

कांग्रेस के लिए जोखिम क्यों बढ़ा

सवाल उठ रहा कि कांग्रेस जाति कार्ड खेलकर जांच को प्रभावित करने की कोशिश कर रही थी. एएसआई के सुसाइड ने कांग्रेस के दलित शहीद के नैरेटिव को कमजोर कर दिया है. राहुल गांधी की व्यक्तिगत यात्रा को अब विपक्ष राजनीतिक नाटक बताकर निशाना बनाएगा.
इससे कांग्रेस की गंभीरता और उसकी संवेदनशील छवि पर सवाल उठ सकते हैं.

दूसरी तरफ अब सीबीआई और एसआईटी दोनों की मुश्किलें बढ़ने वाली हैं. एक ओर पूरन कुमार के परिवार की शिकायत है, तो दूसरी ओर एएसआई की आत्महत्या ने नई जांच की मांग खड़ी कर दी है. जाहिर है कि कांग्रेस नेताओं को अब मुंह बंद रखना होगा.अब पूरन कुमार सुसाइड के साथ एएसआई संदीप लाठर की बात भी कांग्रेस को करनी होगी. अन्यथा पार्टी हरियाणा और पंजाब में बुरी तरह फंस जाएगी.

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