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ऑपरेशन सिंदूर पर सेना का एक और खुलासा… LoC पर मारे गए PAK के 100+ सैनिक, 12 एयरक्राफ्ट तबाह – Operation Sindoor Pakistan loses over 100 soldiers 12 air assets DGMO Lt Gen Ghai ntc


भारतीय सेना के डायरेक्टर जनरल मिलिट्री ऑपरेशंस (DGMO) लेफ्टिनेंट जनरल राजीव घई ने मंगलवार को एक खुलासा किया. ऑपरेशन सिंदूर के दौरान नियंत्रण रेखा (LoC) पर पाकिस्तान को 100 से ज्यादा सैन्य कर्मियों का नुकसान हुआ है. यह जानकारी उन्होंने पाकिस्तान द्वारा मरणोपरांत दिए गए पुरस्कारों की सूची का हवाला देते हुए दी. उन्होंने यह भी बताया कि मई के महीने में हुए संघर्ष के दौरान पाकिस्तान ने करीब 12 एयरक्राफ्ट खो दिए. 7 मई को भारत के हमले के बाद पाकिस्तान ने सीमा पार से गोलीबारी शुरू कर दी थी.

लेफ्टिनेंट जनरल घई ने कहा कि पाकिस्तान ने संभवतः अनजाने में 14 अगस्त को अपनी पुरस्कार सूची जारी कर दी थी. उन्होंने कहा, “मरणोपरांत दिए गए पुरस्कारों की संख्या से हमें पता चलता है कि LoC पर उनके हताहतों की तादाद भी 100 से ज्यादा थी.” 

उन्होंने कहा कि भारत का इरादा आतंकवादियों पर कार्रवाई के बाद मामले को आगे बढ़ाना नहीं था, जब तक कि ऐसा करने के लिए मजबूर न किया जाता.

पाकिस्तान के 12 एयरक्राफ्ट…

DGMO ने वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल ए.पी. सिंह द्वारा साझा किए गए विवरणों को दोहराया. उन्होंने कहा कि पाकिस्तान ने संघर्ष के दौरान करीब 12 एयरक्राफ्ट खो दिए. मई की 9 और 10 तारीख की दरमियानी रात को हुए हमलों में भारतीय वायुसेना के सटीक हमलों के कारण पाकिस्तान के ठिकानों पर नुकसान हुआ. पाकिस्तानी नुकसान में एक C-130 क्लास का एयरक्राफ्ट, एक AEW&C (एयरबोर्न अर्ली वार्निंग एंड कंट्रोल), और चार से पांच फाइटर जेट शामिल थे.

हवाई और जमीनी दोनों जगह नुकसान

लेफ्टिनेंट जनरल घई ने कहा कि पाकिस्तान को हवा में भी नुकसान हुआ. उन्होंने कहा, “अब हम जानते हैं कि दुनिया का सबसे लंबा ग्राउंड-टू-एयर किल 300 किलोमीटर प्लस पर हुआ, और पांच हाई-टेक फाइटर जेट को निशाना बनाया गया.” DGMO ने यह भी कहा कि भारत के खिलाफ पाकिस्तान के ड्रोन हमले पूरी तरह से फेल रहे. उन्होंने कहा कि दोनों DGMO के बात करने के बाद भी पाकिस्तान ने ड्रोन भेजे थे, लेकिन वे पूरी तरह से फेल रहे.

‘पहलगाम हमले के आतंकियों का खात्मा…’

DGMO ने जून में पहलगाम हमला करने वाले तीन आतंकवादियों को मारे जाने का भी जिक्र किया. उन्होंने कहा कि सेना उन्हें नर्क की गहराई तक खदेड़ने के लिए दृढ़ थी और उन्होंने ऐसा किया. उन्होंने कहा, “हमें 96 दिन लगे, लेकिन हमने उन्हें आराम नहीं करने दिया.” 

लेफ्टिनेंट जनरल घई ने कहा कि आतंकवाद के खिलाफ हमारी रणनीति में सैद्धांतिक बदलाव आया है. प्रधानमंत्री ने तीन बातों का जिक्र किया है: आतंकी हमले जंग की कार्रवाई हैं, इसलिए निर्णायक जवाबी कार्रवाई होगी. हम परमाणु ब्लैकमेल के आगे नहीं झुकेंगे और आतंकवादियों और आतंकवाद के प्रायोजकों के बीच कोई अंतर नहीं है.

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