उत्तर प्रदेश की गोरखपुर पुलिस ने 16 दिन पहले भुईधरपुर गांव के पास मिली सिर कटी लाश की गुत्थी सुलझा ली है. मृतका की बहू उत्तरा देवी और उसकी बेटी खुशी कुमारी ने ही हत्या की थी. दादी द्वारा लगातार ‘बंगालिन’ कहकर ताना मारने और नौकरानी जैसा व्यवहार करने से आहत होकर पोती खुशी ने सोते समय गड़ासी से सिर काटकर हत्या कर दी थी. पुलिस ने दोनों को गिरफ्तार कर लिया है.
हत्या की वजह बना ‘ताना’
यह सनसनीखेज मामला 26 सितंबर को पीपीगंज क्षेत्र अंतर्गत भुईधरपुर गांव की सीमा पर बुजुर्ग महिला का शव मिलने से सामने आया था. मृतका की बहू उत्तरा देवी ने अज्ञात के विरुद्ध हत्या का मुकदमा दर्ज कराया था. पुलिस जांच में हत्या की वजह हैरान करने वाली निकली.
बहू उत्तरा देवी की बेटी खुशी कुमारी को उसकी दादी अक्सर ताना मारती थी. दादी खुशी और उसकी मां उत्तरा को ‘बंगालिन’ कहती थी और उन पर चरित्रहीन होने का आरोप लगाकर उन्हें नौकरानियों जैसा बर्ताव करती थी.
पोती ने दादी का सिर काटा
लगातार तानों से तंग आकर और अपनी पढ़ाई छुड़वाए जाने से आहत खुशी ने दादी को सबक सिखाने का फैसला किया. जिस दिन खुशी की मां उत्तरा घर से बाहर गई थी और घर पर कोई नहीं था, खुशी ने दादी को मड़ई में सोते हुए देखा. इसके बाद उसने गड़ासी से सोते हुए दादी का सिर काटकर हत्या कर दी.
उत्तरा देवी के वापस आने पर खुशी ने उन्हें हत्या की बात बताई. इसके बाद दोनों ने मिलकर अंधेरा होने पर शव को बोरे में भरा और साइकिल से ले जाकर गांव के बाहर फेंक दिया.
गोबर के ढेर में छिपाया हथियार
हत्या के बाद मां-बेटी ने मिलकर ‘आला कत्ल’ यानी गड़ासी को घर में जमा गोबर के ढेर के बीचों-बीच छिपा दिया था. पुलिस ने बताया कि इस गोबर के ढेर पर पिछले 14 दिनों से गोबर फेंका जा रहा था. खुशी के बताने पर पुलिस ने हत्या में इस्तेमाल किया गया गड़ासी बरामद किया.
मामले में एसपी नॉर्थ जितेंद्र कुमार श्रीवास्तव ने बताया कि जांच में पता चला कि दादी द्वारा ताना मारने से कुंठित होकर पोती ने हत्या कर दी. फिलहाल, दोनों आरोपी खुशी कुमारी (पोती) और उत्तरा देवी (पुत्रवधू) को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया है. मामला इलाके में चर्चा का विषय बना हुआ है.
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