मध्य प्रदेश में 22 बच्चों की मौत का कारण बने जहरीले कफ सिरप Coldrif के मामले में जांच का दायरा अब बढ़ गया है. प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने मनी लॉन्ड्रिंग (PMLA) के तहत कार्रवाई करते हुए सोमवार को चेन्नई में कम से कम 7 ठिकानों पर छापेमारी की. ईडी ने यह कार्रवाई श्रीसन फार्मास्युटिकल्स के खिलाफ मध्य प्रदेश पुलिस की FIR और तमिलनाडु के रिश्वतखोरी मामले में दर्ज FIR का संज्ञान लेते हुए की है.
ईडी ने श्रीसन फार्मास्युटिकल्स के प्रमुख कर्मचारियों और तमिलनाडु औषधि प्रशासन (TNFDA) के गिरफ्तार प्रभारी निदेशक पीयू कार्तिकेयन के परिसरों की तलाशी ली. कार्तिकेयन को जुलाई में रिश्वतखोरी के एक अलग मामले में गिरफ्तार किया गया था.
ईडी के सूत्रों के अनुसार, मिलावटी कफ सिरप की बिक्री से कमाया गया लाभ PMLA के तहत अपराध की आय है और एजेंसी इसे साबित करने के लिए सबूत जुटा रही है.
‘कोल्ड्रिफ’ में 48.6% DEG
कफ सिरप ‘कोल्ड्रिफ’ में 48.6% की जहरीली डाईएथिलीन ग्लाइकॉल (DEG) मिला हुआ पाया गया था. इससे मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा में 22 बच्चों की किडनी फेल होने से मौत हो गई थी.
CDSCO ने बताया कि कांचीपुरम स्थित श्रीसन फार्मास्युटिकल्स ने 2011 में लाइसेंस मिलने के बावजूद, खराब बुनियादी ढांचे और राष्ट्रीय औषधि सुरक्षा नियमों के उल्लंघनों के बावजूद एक दशक से ज्यादा समय तक बिना किसी रोक-टोक के काम किया.
इस मामले में केंद्र और राज्य सरकारों ने सख्त कार्रवाई करते हुए श्रीसन फार्मास्युटिकल्स के मालिक जी. रंगनाथन को मध्य प्रदेश पुलिस ने 9 अक्टूबर को गिरफ्तार किया. अब तमिलनाडु सरकार ने कंपनी का लाइसेंस रद्द कर उसे बंद कर दिया है.
मध्य प्रदेश सरकार ने दो ड्रग इंस्पेक्टर और FDA के डिप्टी डायरेक्टर को सस्पेंड कर दिया और राज्य के ड्रग कंट्रोलर का तबादला किया. तमिलनाडु सरकार ने भी दो वरिष्ठ ड्रग इंस्पेक्टरों को सस्पेंड किया है.
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