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वैज्ञानिकों ने ढूंढ ली ब्रह्मांड में पृथ्वी जैसी कई दुनिया, पानी की मौजूदगी पर बड़ा दावा – many earth like worlds in universe


वैज्ञानिकों ने ब्रह्मांड में पृथ्वी जैसी कई दुनिया ढूंढ ली हैं. ये ग्रह दूर के तारों के इर्द-गिर्द घूमते हैं, लेकिन इनका आकार, बनावट और जीवन के लिए मुनासिब हालात हमारी धरती से मिलते-जुलते हैं. NASA के केपलर स्पेस टेलीस्कोप ने इनमें से कई की खोज की है. ये ग्रह हैबिटेबल जोन में हैं, जहां पानी तरल रूप में रह सकता है.

एक्सोप्लैनेट्स क्या हैं? पृथ्वी जैसी दुनिया क्यों खास?

एक्सोप्लैनेट्स वे ग्रह हैं जो हमारे सौर मंडल के बाहर हैं. वैज्ञानिक इन्हें दूरबीनों से ढूंढते हैं, जो तारों के आगे से गुजरने पर रोशनी कम होने से पता चलता है. पृथ्वी जैसी दुनिया का मतलब है कि ये आकार में छोटे, चट्टानी और अपने तारे से सही दूरी पर हैं, ताकि न ज्यादा गर्मी हो न ठंड. ये  गोल्डीलॉक्स जोन कहलाता है – न ज्यादा गर्म, न ज्यादा ठंडा.

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अभी तक हजारों एक्सोप्लैनेट्स मिले हैं, लेकिन पृथ्वी जैसी सिर्फ कुछ. ये हमें सवाल पूछने पर मजबूर करते हैं… क्या हम ब्रह्मांड में अकेले हैं? जीवन के संकेत ढूंढने के लिए जेम्स वेब स्पेस टेलीस्कोप (JWST) इनके वायुमंडल की जांच कर रहा है. वहां ऑक्सीजन या मीथेन जैसे रसायन मिलें तो जीवन का सुराग लग सकता है.

Earth-like planets

केपलर स्पेस टेलीस्कोप: खोज का सितारा

NASA का केपलर टेलीस्कोप ने 2009 से 2018 तक काम किया. इसने 2,600 से ज्यादा ग्रह ढूंढे. इनमें कई पृथ्वी जैसे हैं. अब टेस (TESS) टेलीस्कोप भी मदद कर रहा है. आइए, कुछ मशहूर पृथ्वी जैसी दुनिया के बारे में जानें…

1. केपलर-69सी (Kepler-69c)

  • खोज: 2013 में केपलर ने ढूंढा.
  • आकार: पृथ्वी से थोड़ा बड़ा (सुपर-अर्थ), लेकिन वीनस जैसा गर्म.
  • घूमना: अपने तारे के इर्द-गिर्द 242 दिन में एक चक्कर.
  • दूरी: तारे से 0.64 AU (पृथ्वी-सूरज दूरी का 64%).
  • जीवन की संभावना: पहले लगता था रहने लायक, लेकिन अब लगता है बहुत गर्म – वीनस जैसा.  

 2. केपलर-452बी (Kepler-452b

  • खोज: 2015 में.
  • आकार: पृथ्वी से 1.6 गुना बड़ा.
  • घूमना: 385 दिन में चक्कर, हमारे साल जैसा.
  • दूरी: तारे से 1.05 AU, सूरज जैसा तारा.
  • जीवन की संभावना: सबसे ज्यादा पृथ्वी जैसा! गर्मी सही, पानी हो सकता है. इसे ‘कजिन’ कहते हैं. लेकिन बड़ा होने से भारी गुरुत्वाकर्षण. 

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3. केपलर-186एफ (Kepler-186f)

  • खोज: 2014 में.
  • आकार: पृथ्वी जितना (1.1 गुना व्यास).
  • घूमना: 130 दिन में चक्कर.
  • दूरी: तारे से 0.4 AU, लाल बौना तारा.
  • जीवन की संभावना: पहला पृथ्वी आकार का ग्रह हैबिटेबल जोन में. चट्टानी जमीन और समुद्र हो सकते हैं. JWST इसे देख रहा है. 

4. केपलर-438बी (Kepler-438b)

  • खोज: 2015 में.
  • आकार: पृथ्वी से 1.1 गुना.
  • घूमना: 35 दिन में चक्कर.
  • दूरी: तारे से 0.1 AU, लाल बौना.
  • जीवन की संभावना: पहले अच्छा लगता था, लेकिन तारे के फ्लेयर्स (विस्फोट) से वायुमंडल उड़ सकता है. अब कम संभावना. 

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5. ट्रैपिस्ट-1ई (TRAPPIST-1e)

  • खोज: 2017 में.
  • आकार: पृथ्वी जितना (0.92 गुना व्यास).
  • घूमना: 6.1 दिन में चक्कर.
  • दूरी: तारे से 0.029 AU, सात ग्रहों का सिस्टम.
  • जीवन की संभावना: ठंडा तारा, लेकिन सही जोन में. पानी और वायुमंडल हो सकता है. JWST ने हाल ही में जांच की.

6. केपलर-1649सी (Kepler-1649c)

  • खोज: 2020 में (TESS ने दोबारा पाया).
  • आकार: पृथ्वी से 1.06 गुना।
  • घूमना: 19.5 दिन में चक्कर।
  • दूरी: तारे से 0.14 AU।
  • जीवन की संभावना: बहुत पृथ्वी जैसा, लाल बौना तारे के पास. समुद्र हो सकते हैं. 

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अन्य उम्मीदवार: केपलर-362सी, केपलर-220ई, केपलर-344सी

  • केपलर-362सी: 2014 में मिला, पृथ्वी से 1.45 गुना व्यास, 38 दिन चक्कर, 0.21 AU दूर. सुपर-अर्थ, रहने लायक हो सकता है.
  • केपलर-220ई: 2014 में, 46 दिन चक्कर, 558 प्रकाश वर्ष दूर. छोटा ग्रह, लेकिन डिटेल कम.
  • केपलर-344सी: 2014 में, नेपच्यून जैसा (3 गुना व्यास, 9 गुना भारी), 126 दिन चक्कर, 0.49 AU. बड़ा, लेकिन सूची में. 

भविष्य की खोज: JWST और आगे का सफर

जेम्स वेब स्पेस टेलीस्कोप 2021 से काम कर रहा है. ये इन ग्रहों के वायुमंडल को स्कैन करता है. अगर पानी, ऑक्सीजन या जैविक गैसें मिलें, तो जीवन का सबूत. आने वाले मिशन जैसे ARIEL (ESA) भी मदद करेंगे.

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