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सीएम योगी ने तय की डेटलाइन, हर हाल में पूरा करना हो अधिकारियों को ये काम – CM Yogi has set a deadline for officials to complete this task at any costs lclg


सीएम योगी आदित्यनाथ ने अधिकारियों को स्पष्ट संदेश दिया है कि समयसीमा पक्की है, कोई बहाना नहीं चलेगा. विंध्य और बुंदेलखंड क्षेत्र के हर घर तक नल से शुद्ध जल पहुंचाने की जिम्मेदारी को लेकर सीएम ने 15 दिसंबर 2025 की अंतिम तारीख तय कर दी है. साथ ही यह भी साफ कर दिया कि योजना सिर्फ कनेक्शन लगाने तक सीमित नहीं होगी, बल्कि थर्ड पार्टी ऑडिट भी समय पर पूरा होना चाहिए.

मुख्यमंत्री का सख्त संदेश

मुख्यमंत्री योगी जल जीवन मिशन हर घर नल योजना की विस्तृत समीक्षा बैठक ले रहे थे. उन्होंने कहा कि यह केवल पेयजल आपूर्ति की योजना नहीं, बल्कि जन-स्वास्थ्य, महिलाओं की गरिमा और ग्रामीण जीवन की गुणवत्ता से जुड़ा मिशन है. उन्होंने स्पष्ट किया कि किसी भी स्तर पर गुणवत्ता या समयसीमा से समझौता बर्दाश्त नहीं किया जाएगा और न ही धन की कोई कमी आने दी जाएगी. सीएम ने चेतावनी दी कि अधिकारी और कार्यदायी संस्थाएं अगर निर्धारित लक्ष्य में असफल रहती हैं, तो जिम्मेदारी तय की जाएगी. उन्होंने कहा कि 15 दिसंबर 2025 तक विंध्य और बुंदेलखंड के हर घर में नल से शुद्ध जल पहुंचे, यह सरकार की टॉप प्रायोरिटी है.

15 दिसंबर की डेडलाइन और चरणवार कार्ययोजना

न्यूज एजेंसी के मुताबिक मुख्यमंत्री ने फेज-2 और फेज-3 की परियोजनाओं पर भी खास ध्यान देने को कहा. जो योजनाएं 90% तक पूरी हो चुकी हैं, उन्हें 15 दिसंबर 2025 तक हर हाल में पूरा कराने का निर्देश दिया गया है. वहीं, जो प्रोजेक्ट फिलहाल 75% तक पूर्ण हुए हैं, उन्हें मार्च 2026 तक पूरा करने का लक्ष्य तय किया गया है. योगी ने कहा कि हमारे पास समय कम है और जिम्मेदारी बड़ी. इसलिए अब योजना को जमीनी स्तर पर तेजी से लागू किया जाए. उन्होंने जल निगम, ग्रामीण जलापूर्ति विभाग और अन्य कार्यदायी संस्थाओं को निर्देशित किया कि फील्ड में जाकर काम की वास्तविक स्थिति की समीक्षा करें.

बैठक में शामिल एजेंसियों से लिया फीडबैक

समीक्षा बैठक में मुख्यमंत्री ने एनसीसी लिमिटेड, लार्सन एंड टुब्रो, मेघा इंजीनियरिंग, पीएनसी इन्फ्राटेक, आईसी इंफ्रा, पॉवर मैक और कल्पतरु प्रोजेक्ट्स जैसी एजेंसियों के प्रतिनिधियों से संवाद किया. उन्होंने पूछा कि जमीनी स्तर पर क्या चुनौतियाँ हैं और किस चरण पर रुकावटें आ रही हैं. सीएम ने स्पष्ट किया कि गति और गुणवत्ता, दोनों में संतुलन जरूरी है. किसी भी प्रोजेक्ट में लापरवाही मिली तो जिम्मेदार एजेंसी को जवाब देना होगा. उन्होंने भुगतान, सामग्री की गुणवत्ता और फील्ड मॉनिटरिंग पर भी अलग से रिपोर्ट मांगी.

कुल 90,223 करोड़ की परियोजनाएं जारी

बैठक में अधिकारियों ने बताया कि राज्य में कुल 90,223 करोड़ रुपये की लागत से जल जीवन मिशन के तहत योजनाएं चल रही हैं. इनमें 63 सतही स्रोत आधारित और 548 भूजल स्रोत आधारित परियोजनाएं शामिल हैं. अब तक 85,364 गांवों के 1.98 करोड़ से अधिक ग्रामीण परिवारों को नल कनेक्शन दिए जा चुके हैं, जबकि 34,274 गांवों में नियमित जलापूर्ति की जा रही है. योगी ने कहा कि इन आंकड़ों को केवल कागजों में नहीं, बल्कि धरातल पर दिखना चाहिए. जब ग्रामीण महिला सुबह बाल्टी लेकर बाहर न जाए, तभी समझो योजना सफल हुई. 

केंद्र की समयसीमा बढ़ाने पर भी राज्य का फोकस जारी

अधिकारियों ने जानकारी दी कि केंद्र सरकार जल जीवन मिशन की अवधि दिसंबर 2028 तक बढ़ाने और परियोजना लागत में वृद्धि के प्रस्ताव पर विचार कर रही है. इस पर मुख्यमंत्री ने कहा कि केंद्र की प्रक्रिया अपनी जगह है, लेकिन राज्य सरकार अपने संसाधनों से जनता को समय पर राहत देने के लिए काम जारी रखेगी. उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिया कि किसी भी परियोजना का काम रुकना नहीं चाहिए. जनता इंतजार नहीं कर सकती, इसलिए हमारे प्रयासों में भी इंतजार की गुंजाइश नहीं होनी चाहिए.

संतोषजनक प्रगति, पर मॉनिटरिंग रहे कड़ी

बैठक में बताया गया कि केंद्र सरकार के नामित नोडल अधिकारियों ने देश के 74 जिलों में 147 योजनाओं का निरीक्षण किया, जिनमें से 132 योजनाओं को संतोषजनक पाया गया. मुख्यमंत्री ने कहा कि यह प्रगति सराहनीय है, लेकिन संतोष के बजाय सतर्कता ज़्यादा जरूरी है. उन्होंने निर्देश दिया कि नियमित ऑडिट, गुणवत्ता जांच और जनसुनवाई प्रणाली को और मजबूत किया जाए ताकि किसी भी स्तर पर गड़बड़ी तुरंत पकड़ी जा सके.

जनभागीदारी पर जोर 

राज्य में शिकायत निवारण के लिए बनाए गए पोर्टल https://jalsamadhan.in को अब तक 13.5 करोड़ से अधिक बार देखा जा चुका है. पोर्टल पर 62,688 शिकायतें दर्ज हुईं, जिनमें से 46,354 का निस्तारण किया जा चुका है.
साथ ही, टोल फ्री नंबर 1800-121-2164 के माध्यम से भी लगातार शिकायतें प्राप्त की जा रही हैं. मुख्यमंत्री ने अधिकारियों से कहा कि जनता की शिकायत का समाधान केवल जवाब भेजना नहीं, बल्कि संतुष्टि तक पहुंचाना है. हर कॉल, हर शिकायत एक भरोसे का संकेत है कि इसे टूटने मत दो.

महिलाओं की गरिमा से जुड़ा मिशन

योगी आदित्यनाथ ने कहा कि हर घर नल योजना का सबसे बड़ा लाभ ग्रामीण महिलाओं को मिला है. उन्होंने कहा कि पहले उन्हें रोज कई किलोमीटर दूर से पानी लाना पड़ता था, अब घर पर ही नल से शुद्ध जल मिल रहा है. यह सिर्फ सुविधा नहीं, महिलाओं की गरिमा और सम्मान का प्रश्न है.  मुख्यमंत्री ने यह भी निर्देश दिया कि जो गांव अब तक नियमित जलापूर्ति से वंचित हैं, वहां महिला स्वयं सहायता समूहों की मदद से जागरूकता अभियान चलाया जाए ताकि लोग पानी की बर्बादी रोकें और रखरखाव में सहयोग दें.

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