Causes and symptoms of Liver Diseases: लिवर हमारे शरीर के अहम अंगों में एक है जो एक या दो नहीं बल्कि कई अहम काम करता है. इसलिए जब यह बीमार पड़ता है तो उसका असर पूरे शरीर पर पड़ता है. ब्रिटेन की लिवर के स्वास्थ्य के लिए काम करने वाली संस्था लिवर ब्रिटिश लिवर ट्रस्ट के अनुसार, लिवर की बीमारी आमतौर पर धीरे-धीरे कई चरणों और सालों में विकसित होती है. अगर लिवर में हुए किसी डैमेज का जल्दी पता चल जाए तो उसे ठीक किया जा सकता है.
लेकिन ज्यादातर लोगों में तब तक कोई लक्षण दिखाई नहीं देते जब तक कि बीमारी अपने आखिरी चरणों में न पहुंच जाए. अगर आपको लगता है कि आपको लिवर की बीमारी का खतरा है तो लक्षण दिखने तक इंतजार न करें और अपने डॉक्टर से तुरंत परामर्श करें. हालांकि लिवर बीमार होने पर आंखों, पैरों, हाथों और पंजों समेत शरीर के कई अंगों से संकेत देता है जिनकी किसी भी हालत में अनदेखी नहीं करनी चाहिए.
लिवर डैमेज के संकेतों को ना करें नजरअंदाज
लिवर की क्षति के लक्षणों में पीलिया (त्वचा और आंखों का पीला पड़ना), यूरीन का डार्क होना, पीला या मिट्टी के रंग का स्टूल, पैरों, टखनों और पेट में सूजन शामिल हैं. इसके अलावा बेवजह की थकान, भूख न लगना, मतली, पेट दर्द और बिना किसी मेहनत के लगने वाली कमजोरी हैं.
पैरों और टखनों में सूजन
जब लिवर ठीक से काम नहीं करता है तो आपके शरीर में तरल पदार्थ जमा होने लगते हैं. इससे पैरों, टखनों और पंजों में सूजन आ जाती है जिसे एडिमा कहते हैं.
ऐसा इसलिए होता है क्योंकि लिवर खराब होने पर उसके द्वारा बनाया जाने वाला एल्ब्यूमिन नामक प्रोटीन कम हो जाता है जिससे ब्लड वेसल्स से तरल पदार्थ टिश्यूज में लीक होने लगता है और सूजन पैदा करता है. यह सूजन लगातार बनी रहती है और मरीज को काफी तकलीफ देती है.
हाथ में दिखते हैं ये बदलाव
लिवर की बीमारी होने पर इसके लक्षण हाथ में भी दिख सकते हैं. इस दौरान हथेलियां लाल (पामर एरिथेमा) हो जाती हैं, पामर एरिथेमा हथेलियों पर होने वाली लालिमा है जो लिवर के डैमेज होने पर हार्मोनल चेंजेस के कारण होती है. इस दौरान नाखूनों के रंग में भी कुछ बदलाव दिख सकता है और आपके नाखूनों का रंग पीला हो सकता है.
पैरों में खुजली
लिवर डैमेज होने पर खून में बिलीरुबिन जैसे विषाक्त पदार्थ बढ़ने लगते हैं जिससे त्वचा में तेज खुजली हो सकती है जो अक्सर रात में बढ़ जाती है और ये खुजली पैरों के तलवों में ज्यादा महसूस होती है. बिलीरुबिन पुरानी रेड वेसल सेल्स के टूटने से बनता है.
त्वचा के रंग में बदलाव
लिवर के बीमार होने पर खून में बिलीरुबिन का स्तर बढ़ने लगता है जिससे आपकी आंखों का सफेद हिस्सा, स्किन और पैरों की त्वचा भी पीली दिखने लगती है. इस कंडीशन को पीलिया कहते हैं जो लिवर की समस्या का एक बड़ा संकेत है.
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