बिहार की राजनीति में चुनावी माहौल पहले से ही गर्म है. इस बीच रविवार को कई दिनों के मंथन के बाद सत्तारूढ़ एनडीए ने 243 सदस्यीय विधानसभा के चुनावों के लिए सीट बंटवारे का फार्मूला पेश किया, जिसमें मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की जेडी(यू) और भाजपा ने 101-101 सीटों पर चुनाव लड़ने का फैसला किया और बाकी सीटें छोटे सहयोगियों के लिए छोड़ दीं.
केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान की लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) को 29 सीटें मिली हैं. वहीं केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी की अगुवाई वाली हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा और राज्यसभा सांसद उपेंद्र कुशवाहा की राष्ट्रीय लोक मोर्चा को 6-6 सीटें मिलीं.
सीट बंटवारे की घोषणा के कुछ ही देर बाद राष्ट्रीय लोक मोर्चा के अध्यक्ष उपेन्द्र कुशवाहा ने अपने सोशल मीडिया हैंडल पर समर्थकों और पार्टी कार्यकर्ताओं के नाम संदेश जारी करते हुए सीट बंटवारे को लेकर पार्टी की मजबूरी और परिस्थितियों को स्पष्ट किया.
कुशवाहा ने ट्वीट में लिखा, “आप सभी से क्षमा चाहता हूं. आपके मन के अनुकूल सीटों की संख्या नहीं हो पाई. मैं समझ रहा हूं इस निर्णय से अपनी पार्टी के उम्मीदवार होने की इच्छा रखने वाले साथियों सहित हजारों-लाखों लोगों का मन दुखी होगा. आज कई घरों में खाना नहीं बना होगा. परन्तु आप सभी मेरी एवं पार्टी की विवशता और सीमा को बखूबी समझ रहे होंगे.”
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‘आपके मन में मेरे प्रति गुस्सा भी होगा…’
उन्होंने आगे स्पष्ट करते हुए लिखा, “किसी भी निर्णय के पीछे कुछ परिस्थितियां ऐसी होती हैं जो बाहर से दिखती हैं मगर कुछ ऐसी भी होती हैं जो बाहर से नहीं दिखतीं. हम जानते हैं कि अन्दर की परिस्थितियों से अनभिज्ञता के कारण आपके मन में मेरे प्रति गुस्सा भी होगा, जो स्वाभाविक भी है. आपसे विनम्र आग्रह है कि आप गुस्सा को शांत होने दीजिए, फिर आप स्वयं महसूस करेंगे कि फैसला कितना उचित है या अनुचित. फिर कुछ आने वाला समय बताएगा. फिलहाल इतना ही.”
किसे मिलीं कौन सी सीटें?
सूत्रों के मुताबिक, उपेंद्र कुशवाहा को जो 6 सीटें दी गई हैं, उनमें उजियारपुर, मधुबनी, सासाराम, दिनारा, महुआ औ बाजपट्टी सीट शामिल हैं, हालांकि इसका आधिकारिक ऐलान सोमवार को होगा. इसी तरह मांझी को जो 6 सीटें मिली हैं, उनमें टेकारी, कुटुंबा, अतरी, इमामगंज, सिकंदरा, बराचट्टी विधानसभा सीट शामिल है.
सूत्रों के मुताबिक, चिराग पासवान अपनी पसंदीदा 3 सीटें लेने में कामयाब रहे. इन तीन सीटों पर सबसे ज्यादा माथापच्ची चल रही थी. हिसुआ, गोविंदगंज और ब्रह्मपुर तीनों सीटें चिराग के खाते में आई हैं.
2020 में नीतीश की पार्टी को मिली थीं ज्यादा सीटें
2020 में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व वाली जदयू ने 115 सीटों पर और भाजपा ने 110 सीटों पर चुनाव लड़ा था. वहीं मांझी की HAM ने 7 तो मुकेश सहनी की VIP ने 11 सीटों पर चुनाव लड़ा था, तब सहनी एनडीए का हिस्सा था. हालांकि चिराग पासवान की पार्टी ने नीतीश कुमार के साथ मतभेदों के कारण स्वतंत्र रूप से चुनाव लड़ा था. कांटे की टक्कर वाले चुनाव में एनडीए ने 125 सीटें जीती थीं, जबकि महागठबंधन ने 110 सीटें हासिल की थीं.
दो चरण में होना है बिहार चुनाव
बता दें कि बिहार में दो चरणों में मतदान होना है. पहले चरण की वोटिंग 6 नवंबर को होगी. वहीं दूसरे चरण के लिए 11 नवंबर को मतदान होगा. वोटों की गिनती 14 नवंबर को होगी. पहले चरण के चुनाव के लिए नामांकन पत्र दाखिल करने का काम 17 अक्टूबर तक पूरा हो जाएगा. यही कारण है कि अब धीरे-धीरे राजनीतिक पार्टियां अपने-अपने उम्मीदवारों की लिस्ट भी जारी करने लगी है.
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