फ्रांस के दोबारा नियुक्त प्रधानमंत्री सेबास्टियन लेकोर्नु ने शनिवार को दक्षिण पेरिस के एक थाने का दौरा किया। इस दौरान उन्होंने कहा कि सरकार दलों के बीच लड़ाई से मुक्त होना चाहिए। प्रधानमंत्री पद पर वापसी के बाद अपने पहले सार्वजनिक कार्यक्रम में उन्होंने यह बयान दिया। फ्रांस 24 की रिपोर्ट में जानकारी दी गई।
राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने शुक्रवार देर शाम सेबास्टियन लेकोर्नु को फिर से प्रधानमंत्री नियुक्त किया। यह फैसला उनके इस्तीफे और उस सरकार के गिरने के केवल चार दिन बाद लिया गया, जो महज 14 घंटे ही टिक पाई थी।
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लेकोर्नु (39 वर्षीय) के सामने अब सोमवार को 2026 के बजट मसौदे को पेश करने के लिए एक नई कैबिनेट बनाने की चुनौती है। उनका मकसद फ्रांस में महीनों से चली आ रही राजनीतिक अस्थिरता को खत्म करना और बढ़ते कर्ज पर काबू पाना है। रिपोर्ट के अनुसार, लेकोर्नु ने कहा, मैं अपना कर्तव्य निभाऊंगा और किसी तरह की समस्या नहीं बनूंगा। उन्होंने यह भी चेतावनी दी कि उनकी कैबिनेट पार्टी के हितों से बंधकर नहीं रहेगी।
हालांकि, यह साफ नहीं है कि लेकोर्नु की सरकार कितने समय तक टिक पाएगी, क्योंकि दोबारा नियुक्त किए जाने के फैसले ने राजनीतिक दलों में नाराजगी पैदा कर दी है। कई दलों ने पहले ही सरकार को गिराने का संकल्प लिया है। फ्रांस 24 की रिपोर्ट के मुताबिक, दक्षिणपंथी नेशनल रैली पार्टी के नेता जॉर्डन बारडेला ने लेकोर्नु की वापसी को ‘एक भद्दा मजाक’ बताया और कहा कि वह जल्द से जल्द सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाएंगे।
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दक्षिणपंथी पार्टी ‘लेस रिपब्लिकन’ (एलआर) के नेता निवर्तमान गृह मंत्री ब्रूनो रेटैयो ने स्पष्ट कहा कि वह लेकोर्नु की कैबिनेट में शामिल नहीं होंगे। हालांकि, पार्टी के वरिष्ठ नेताओं ने संकेत दिया है कि वे संसद में सरकार के कुछ प्रस्तावों को समर्थन दे सकते हैं, लेकिन कैबिनेट का हिस्सा नहीं बनेंगे।