असम के सुपरस्टार सिंगर जुबिन गर्ग की मौत की गुत्थी अभी तक उलझी हुई है. इस मामले की जांच के लिए गठित स्पेशल इंवेस्टिगेशन टीम अभी तक किसी नतीजे तक नहीं पहुंच पाई है. इसी बीच गायक के सबसे करीबी सहयोगी और परिवार का हिस्सा कहे जाने वाले अरुण रविवार को सीआईडी की एसआईटी के सामने पेश हुए. पूछताछ के बाद उन्होंने कहा कि दादा को हर हाल में न्याय मिलना चाहिए.
इसी बीच असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने रविवार को कहा कि सिंगापुर पुलिस ने गायक जुबिन गर्ग की मौत के सिलसिले में कुछ महत्वपूर्ण जानकारी मांगी है. सारी जानकारी एकत्र करके असम सरकार ने सिंगापुर के अधिकारियों को भेज दी है. उन्होंने कहा, “सिंगापुर पुलिस जुबिन की मौत के मामले को गंभीरता से जांच कर रही है.” हालांकि, उन्होंने ये नहीं बताया कि क्या जानकारी मांगी गई थी.
उधर, एसआईटी के सामने पेश होने के बाद अरुण ने कहा, “हम दादा के लिए न्याय चाहते हैं. बहुत देरी हो गई है.” उन्होंने अपनी बात को स्पष्ट करते हुए कहा कि उन्हें वित्तीय या अन्य अनियमितताओं की जानकारी नहीं है. उन्होंने कहा, “मुझे इन सब बातों की जानकारी नहीं है. मैं मुख्य रूप से बाऊ (जुबिन की पत्नी गरिमा) के साथ काम करता हूं. मुझे बस इतना पता है कि हमें न्याय चाहिए. इसमें इतना समय क्यों लग रहा है?”
सीआईडी की पूछताछ के बाद जब उनसे यह पूछा गया कि वे लोग जो सिंगापुर में मौजूद हैं और दो बार समन भेजे जाने के बावजूद एसआईटी के सामने पेश नहीं हुए, तो अरुण ने तीखे लहजे में कहा, “उन लोगों को सिंगापुर से यहां लाया जाना चाहिए. उन्हें यहां घसीटकर लाया जाना चाहिए. मुझे समझ नहीं आ रहा कि वे क्यों नहीं आ रहे हैं.” अरुण से पहले एसआईटी कई लोगों के बयान दर्ज कर चुकी है.
असम पुलिस के आपराधिक जांच विभाग ने 19 सितंबर को सिंगापुर में जुबीन गर्ग की मौत के बाद जांच शुरू की थी. इस पूरे मामले की गंभीरता को देखते हुए सीआईडी ने विशेष महानिदेशक मुन्ना प्रसाद गुप्ता की अध्यक्षता में 10 सदस्यीय स्पेशल इंवेस्टिगेशन टीम का गठन किया है. जुबीन गर्ग उस वक्त सिंगापुर में पूर्वोत्तर भारत महोत्सव में भाग लेने गए थे. उनकी मौत के बाद से यह मामला रहस्यों से भरा है.
इस केस में सात लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है. इनमें नॉर्थ ईस्ट इंडिया फेस्टिवल के आयोजक श्यामकानु महंत, गायक के चचेरे भाई संदीपन गर्ग, मैनेजर सिद्धार्थ शर्मा, संगीतकार शेखरज्योति गोस्वामी, गायक अमृतप्रभा महंत, दो निजी सुरक्षा अधिकारी नंदेश्वर बोरा और प्रबीन बैश्य शामिल हैं. सवाल जस का तस है कि जुबीन की मौत एक हादसा थी या इसके पीछे कोई साजिश रची गई थी.
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