बिहार विधानसभा चुनाव के लिए पूर्व विधायक अनंत सिंह मोकामा विधानसभा सीट से 14 अक्टूबर को नामांकन दाखिल करेंगे. अनंत सिंह ने अपने समर्थकों से इस दिन नामांकन में शामिल होने की अपील की है.
जब उनसे पूछा गया कि वे किस पार्टी से मैदान में उतरेंगे, तो अनंत सिंह ने कहा, ‘नीतीश की पार्टी से नामांकन करेंगे, हम कोई पार्टी नहीं बदलते.’ उनके इस बयान के बाद सियासी गलियारों में हलचल तेज हो गई है, क्योंकि अनंत सिंह का नाम जेडीयू से जुड़ना प्रदेश की राजनीति में नए समीकरण खड़ा कर सकता है.
जानकारी के मुताबिक, अनंत सिंह ने हाल के दिनों में मोकामा क्षेत्र में अपनी सक्रियता बढ़ा दी है. समर्थकों के बीच उनका दावा है कि जनता अब भी उनके साथ है और वे दोबारा विधानसभा पहुंचने को तैयार हैं.
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि अगर अनंत सिंह सच में जेडीयू से चुनाव लड़ते हैं, तो मोकामा सीट पर मुकाबला दिलचस्प हो सकता है.
पत्नी नीलम देवी हैं विधायक
मोकामा विधानसभा सीट पर वर्तमान में उनकी पत्नी नीलम देवी विधायक हैं, जिन्होंने पिछला चुनाव राजद (RJD) के टिकट पर जीता था. हालांकि, 2024 में एनडीए सरकार के शक्ति परीक्षण के दौरान नीलम देवी ने पाला बदलकर सत्तारूढ़ पक्ष का साथ दे दिया था.
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सोशल मीडिया पर जारी संदेश में अनंत सिंह ने लिखा, ‘लोकतंत्र के इस महापर्व #BiharElection2025 में मोकामा विधानसभा क्षेत्र (178) से हमारे नामांकन समारोह में आप सभी जनता मालिक आमंत्रित हैं. यह समय हमारे लिए गौरव और संकल्प का है. जनहित और न्याय के मार्ग पर इस यात्रा को सफल बनाने के लिए आपका आशीर्वाद और सहयोग आवश्यक है.’
अगस्त 2025 में पटना के बेऊर जेल से रिहा होने के बाद अनंत सिंह ने अपने राजनीतिक इरादे स्पष्ट कर दिए थे. उन्होंने कहा था कि वे अगला विधानसभा चुनाव मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की पार्टी, जेडीयू (JDU) के टिकट पर लड़ेंगे. मीडिया से बातचीत में उन्होंने नीतीश कुमार की प्रशंसा करते हुए कहा था, ‘नीतीश जी ने जनता के लिए बेहतरीन काम किए हैं और आगे भी करेंगे. वे अभी 25 साल तक बिहार के लिए काम करते रहेंगे.’
कौन हैं अनंत सिंह?
अनंत सिंह बिहार की राजनीति में एक प्रभावशाली और विवादित नेता माने जाते हैं. मोकामा क्षेत्र में उनका जनाधार बेहद मजबूत है, और स्थानीय लोग उन्हें अक्सर ‘छोटे सरकार’ के नाम से पुकारते हैं. कई बार विधायक रह चुके अनंत सिंह न केवल राजनीतिक पकड़ बल्कि अपने क्षेत्रीय प्रभाव के लिए भी प्रसिद्ध हैं.
इस साल की शुरुआत में उन्हें पंचमहला थाना क्षेत्र के केस नंबर 5/2025 (जिसे ‘सोनू-मोनू केस’ कहा गया) में गिरफ्तार किया गया था. पुलिस के अनुसार, उन पर हत्या की साजिश, फायरिंग कराने, और आपराधिक षड्यंत्र में शामिल होने के गंभीर आरोप लगे थे. बताया गया कि यह मामला स्थानीय गैंगों के बीच आपसी रंजिश से जुड़ा था. बाद में पटना हाई कोर्ट से उन्हें जमानत मिलने के बाद वे जेल से रिहा हुए.
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